ये हैं वो 8 झूठ जो डायबिटीज़ के मरीज़ अक्सर अपने डॉक्टर से बोलते हैं!

कहते हैं कि डॉक्टर से कोई बात नहीं छिपानी चाहिए, क्योंकि इससे अपना ही नुकसान होता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को डॉक्टर से कई तरह के झूठ बोलते सुना है।
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ये हैं वो 8 झूठ जो डायबिटीज़ के मरीज़ अक्सर अपने डॉक्टर से बोलते हैं!

कहते हैं कि डॉक्टर से कोई बात नहीं छिपानी चाहिए, क्योंकि इससे अपना ही नुकसान होता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को डॉक्टर से कई तरह के झूठ बोलते सुना है। लेकिन, शायद वो यह नहीं समझ पाते कि डायबिटीज़ कितनी घातक हो सकती है। इससे पूरा शरीर अफेक्टिड होता है और कई नई तरह की बीमारियां भी लग सकती हैं। नॉर्मल लाइफ जीने के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बेहद ज़रूरी है।

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ये हैं वो 8 झूठ जो डायबिटीज़ के मरीज़ अक्सर अपने डॉक्टर से बोलते हैं

 

झूठ 1- मैं अपना ब्लड शुगर लेवल रेगुलर चेक करता हूं


डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखने के लिए ब्लड शुगर को रेगुलर मॉनिटर करना बेहद ज़रूरी है। लेकिन, रिसर्च के मुताबिक, 2 में से 3 लोग इसके प्रति लापरवाही बरतते हैं। जो लोग डाइट और एक्सरसाइज़ से अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं, वो अपना टेस्ट महीने में एक बार ज़रूर करवाते हैं। अगर किसी को टाइप 1 डायबिटीज़ है, तो शुगर टेस्ट दिन में कम-से-कम 4 बार होना चाहिए। टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ डॉक्टर के कहे अनुसार चेकअप करवाते रहें।

झूठ 2- मैं टाइम पर सारी दवाईयां लेता हूं


एक स्टडी के मुताबिक, 20 से 40 प्रतिशत लोग डॉक्टर के कहे मुताबिक ना तो ब्लड शुगर-कंट्रोलिंग पिल्स लेते हैं और ना ही इन्जेक्शंस लगवाते हैं। अब इसकी वजह महंगी दवाईयां हैं या फिर इनके साइड इफेक्ट्स, डॉक्टर की बात ना मानकर, ये लोग खुद को ही धोखा दे रहे हैं। मेडिकेशन के बिना डायबिटीज़ को कंट्रोल में करना आसान नहीं है। वो लोग जिन्हें डायबिटीज़ के अलावा, डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत भी है, उन्हें बहुत सारी दवाईयां लेनी पड़ती हैं और वो कन्फ्यूज़ हो जाते हैं। लेकिन, दवाईयां ना लेकर तबीयत ज़्यादा खराब होती है।

झूठ 3- मैं हर रोज़ एक्सरसाइज़ करता हूं


सर्वे के मुताबिक 100 में से 19 प्रतिशत लोग ही डॉक्टर के कहे मुताबिक एक्सरसाइज़ करते हैं। कई लोग इसे बीच में छोड़ देते हैं। जबकि, डायबिटीज़ के मरीज़ों को रेगुलर एक्सरसाइज़ करनी चाहिए। दरअसल, फिज़िकल ऐक्टिविटी से सेल्स को ब्लडस्ट्रीम से ग्लूकोज़ खींचने में ज़्यादा मदद मिलती है। इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। अगर आप डॉक्टर से झूठ बोलेंगे, तो वो दवाईयां और ज़्यादा लिख देंगे।

झूठ 4- मैं हमेशा हेल्दी फूड्स खाता हूं


यूरोप, इंडिया, जापान और अमेरिका में हुए सर्वे में सामने आया है कि 50 प्रतिशत लोग अपनी डाइट में कोई बदलाव नहीं करते। वो ना तो हेल्दी खाते हैं और ना ही चीनी खाने से बचते हैं। वो यह नहीं जानते कि हेल्दी ईटिंग से ना सिर्फ ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है, बल्कि हाई बल्ड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और वेट गेन की दिक्कत भी दूर होती है।

झूठ 5- मेरी सेक्स लाइफ बहुत बढ़िया है


कई पुरुष और महिलाएं सेक्स संबंधित प्रॉब्लम डॉक्टर से शेयर करने में शर्माते हैं। इससे ना तो उनकी पर्सनल लाइफ में खुशहाली रहती है और ना ही उनकी हेल्थ ठीक रहती है। आजकल सेक्स से जुड़ी समस्याओं के लिए कई दवाईयां मौजूद हैं। ऐसे में अगर डायबिटीज़ के कारण किसी की सेक्स लाइफ डिस्टर्ब हो रही है, तो डॉक्टर से यह ज़रूर शेयर करें।

झूठ 6- मैं स्मोक नहीं करता


जिन लोगों को डायबिटीज़ है और वो स्मोक भी करते हैं, उन्हें दिल से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा, ऐसे मरीज़ों को हार्ट अटैक आ सकता है, किडनी से जुड़ी समस्या हो सकती है, आंखों की रोशनी गायब हो सकती है, नर्व डैमेज और हाथों, पैरों में इंफेक्शन हो सकता है।

झूठ 7- मैं सप्लीमेंट के नाम पर सिर्फ मल्टीविटामिन्स खाता हूं


जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज़ होती है, वो हर्बल रेमिडीज़ ट्राय करते हैं। इन सप्लीमेंट्स को लेने से डॉक्टर की दी गई दवाईयों के साथ इंटर्फिरन्स हो सकती है। ऐसे में एलर्जी या लिवर डैमेज होने का खतरा भी बढ़ सकता है।

झूठ 8- मुझे कोई स्ट्रेस नहीं है


डायबिटीज़ के मरीज़ को अगर डिप्रेशन की दिक्कत हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें। इसमें किसी भी तरह की देरी ना करें, क्योंकि डिप्रेशन के कारण मरीज़ हेल्दी लाइफस्टाइल मेनटेन नहीं कर पाता और ना ही दवाईयां टाइम पर ले पाता है।

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