Organs Affected by PCOS: अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, शरीर में अनचाहे बालों का उगना और अधिक रक्तस्त्राव पीसीओएस के आम लक्षण होते हैं। पीसीओएस (PCOS in Hindi) महिलाओं को होने वाली एक सामान्य समस्या है, जो ओवरी से संबंधित होती है। इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं। महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन एंड्रोजन का लेवल बढ़ने (Androgen Hormone in Females) लगता है। इतना ही नहीं पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट भी बनने लगती हैं।
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में कंसीव या गर्भधारण की संभावना कम रहती है, लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर वे पीसीओएस के लक्षणों (PCOS Symptoms in Hindi) में कमी कर सकती हैं। इन महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना भी अधिक (PCOS Cause Diabetes) रहती है। इतना ही नहीं पीसीओएस महिलाओं के कुछ अंगों को भी प्रभावित कर सकता (Body Systems Affected by pcos) है। चलिए मिलन फर्टिलिटी अस्पताल, दिल्ली की सलाहकार-प्रजनन चिकित्सा डॉ. पारुल अग्रवाल (Dr. Parul Aggarwal, Consultant–Reproductive Medicine, Milann Fertility Hospital, Delhi) से विस्तार से जानते हैं इस बारे में-
पीसीओएस क्या है? (What is PCOS in Hindi)
डॉक्टर पारुल अग्रवाल बताती हैं कि पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (What is PCOS) महिलाओं के अंडाशय (Ovary) से जुड़ी एक बीमारी है। पीसीओएस होने पर अंडाशय में गांठे यानी सिस्ट बनने लगती हैं। ये सिस्ट छोटी-छोटी थैली के आकार की होती हैं। जब ये सिस्ट बड़ी होने लगती हैं, तो ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में बांधा डालती हैं। ऐसे में पीसीओएस (What is PCOS in Hindi) से पीड़ित महिलाओं को कंसीव करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खराब जीवनशैली, खान-पान पीसीओएस के आम कारण माने जाते हैं, लेकिन इसके मुख्य कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
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पीसीओएस से प्रभावित होने वाले अंग (Organs Affected by PCOS)
डॉक्टर पारुल अग्रवाल बताती हैं कि पीसीओएस एक हार्मोनल स्थिति है, जो प्रजनन आयु की कई महिलाओं को प्रभावित (PCOS Affect Fertility) करती है। पीसीओएस किसी भी महिला में हार्मोनल असंतुलन के कारण पैदा होने वाले कई लक्षणों को जन्म देती है। पीसीओएस से प्रभावित (Can PCOS Spread to Other Organs) होने वाला मुख्य अंग अंडाशय यानी ओवरी होता है। डॉक्टर पारुल बताती हैं कि पीसीओएस सिर्फ प्रजनन प्रणाली नहीं बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है।
पीसीओएस एक बहुअंग बीमारी है। यह अंडाशय, पिट्यूटरी, वसा कोशिकाओं, अधिवृक्क और अंत:स्त्रावी अग्न्याशय सहित अधिकांश अंतःस्रावी अंगों को प्रभावित करती है। इतना ही नहीं पीसीओएस के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। पीसीओएस टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को भी बढ़ाता है।
- 1.अंडाशय (Ovaries)
- 2.अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland)
- 3.पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary Gland)
- 4.वसा कोशिका (Fat Cells)
- 5.अंत:स्त्रावी अग्न्याशय (Endocrine Pancreas)

पीसीओएस के लक्षण (PCOS Symptoms in Females)
पीसीओएस की स्थिति में शरीर में मेल हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में पीसीओएस (PCOS Symptoms) होने पर महिलाओं में कुछ ऐसे लक्षण भी नजर आते हैं, जो पुरुषों से जुड़े होते हैं। जैसे शरीर पर अनचाहे बालों का उगना। इसके साथ ही इस बीमारी का पता तब चल पाता है, जब कंसीव करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते हैं पीसीओएस के लक्षणों (PCOS Symptoms in Females in Hindi) के बारे में-
- अनियमित पीरियड्स
- अत्यधिक रक्तस्त्राव
- अनचाहे बालों का उगना
- चेहरे पर मुहांसे या पिंपल्स
- वजन बढ़ना
- मूड स्विंग
- सिरदर्द
- अनिद्रा या नींद की कमी

पीसीओएस से बचाव (PCOS Prevention Tips)
- पीसीओएस से बचने के लिए सही जीवनशैली अपना जरूरी है। इसके लिए अपनी डाइट में सही खान-पान शामिल करें।
- पीसीओएस के लक्षणों में कमी करने के लिए वजन कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।
- स्वस्थ रहने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज बहुत जरूरी है।
अगर आपको भी पीसीओएस से जुड़ा कोई लक्षण नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही जीवनशैली अपनाकर पीसीओएस के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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