एचपीवी यानि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (genital human papillomavirus) एक तरह का यौन संक्रमण है, जिससे दुनियभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। शरीर में ऐसी स्थिति होना कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकती है। हाल ही में द लांसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित हुई एक स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में 15 साल से उपर के 3 में से एक व्यक्ति यानि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का शिकार है। इस स्थिति को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का सबब बन सकता है।
क्या है ह्यूमन पेपिलोमा वायरस?
दरअसल, एचवीपी एक प्रकार का यौन संक्रामक रोग है, जो गलत या फिर असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाने के जरिए फैल सकता है। यह ओरल सेक्स करने से भी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। स्वास्थ्य सलाहकारों के मुताबिक दुनियाभर में 80 फीसदी से ज्यादा लोग इस वायरस का सामना कर रहे हैं। यह वायरस काफी खतरनाक होता है, जिसमें कई बार आपको इसके लक्षण भी नहीं दिखते हैं। इस वायरस से ग्रसित होने के बाद पुरुषों मे कई बार पेनाइल कैंसर होना का भी जोखिम रहता है।
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बन सकता है कैंसर का कारण
स्टडी के मुताबिक एचपीवी पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही हो सकता है। आमतौर पर यह युवाओं को अपना शिकार बनाता है। ऐसी स्थिति में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में मस्से बन जाते हैं, जिससे इसको पहचाना जा सकता है। इंटरनेश्नल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक साल 2018 में दुनियाभर में 69,400 लोग एचपीवी के कारण कैंसर का शिकार हुए थे। हर साल 3 लाख 40 हजार महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर के कारण मौत हो जाती है। हालांकि, कुछ देशों में इस वायरस से बचने के लिए टीकाकरण भी किया जाता है।
कैसे करें बचाव?
इस वायरस के जोखिम को कम करने के लिए सुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाएं। इसके लिए एचपीवी वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से बचें। ज्यादा लोगों से यौन संबंध बनाना भी इसके जोखिम को बढ़ाता है, इसलिए ज्यादा लोगों से संबंध बनाने से बचें। इसके लिए आप टीकाकरण भी करा सकते हैं। एचपीवी से बचने के लिए समय-समय पर जांच कराते रहें।