भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो, देशभर में 3 लाख से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। साथ ही पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ी है। आज 3,17,532 मामले आए हैं और पॉजिटिविटी रेट 16 प्रतिशत से ऊपर है। इतना ही नहीं बीते 24 घंटे में कोरोना से 491 लोगों की मौत भी हुई है। वहीं, एक भारतीय वैज्ञानिक का कहना है कि देश में 23 जनवरी तक कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर हो सकती है। इसके चलते रोजाना 4 लाख से ज्यादा केस आ सकते हैं। शायद इसी का असर है कि दिल्ली में जहां पिछले कुछ दिनों में कोविड के मामले में गिरावट देखी जा रही थी वहीं, कल कोविड के मामले के साथ यहां पॉजिटिविटी रेट में भी बढ़ोतरी देखी गई।
दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 13,785 नए मामले सामने आए हैं और पॉजिटिविटी रेट 23.86% पर है। साथ ही पिछले 24 घंटों में 35 मरीजों की मौत भी हुई है। वहीं दिल्ली में एक्टिव मरीजों की बात करें तो इस समय इनकी संख्या 75,282 है, जिसमें से होम आइसोलेशन में 58,501 मरीज हैं। ऐसी ही हाल भारत के कई अन्य राज्यों का भी है।आइए, विस्तार से जानते हैं कोरोना से जुड़े ऐसे सभी बड़े अपडेट्स।
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23 जनवरी को चरम पर हो सकती है कोरोना की तीसरी लहर: IIT कानपुर के प्रोफेसर
आईआईटी (IIT) कानुपर के प्रोफेसर और वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल की मानें तो, भारत में 23 जनवरी यानी कि आने वाले सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर हो सकती है। इस दौरान हर रोज लगभग 4 लाख या इससे कम मामले सामने आ सकते हैं। बता दें कि आईआईटी प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने ये चीजें सूत्रा कोविड मॉडल (Sutra Covid model) के अध्ययन के जरिए बताई हैं। दरअसल, सूत्र मॉडल का उपयोग शुरुआत से ही कोविड मामले की संख्या को ट्रैक करने के लिए किया जाता रहा है। ताकि इससे जुड़ी सटीक भविष्यवाणियां की जा सके। मनिंद्र अग्रवाल का कहना है कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता पिछले सात दिनों में मामलों की संख्या में अपने चरम पर पहुंच गए हैं। अनुमान ये भी है कि जनवरी के अंत तक कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर होगी।
कुछ ऐसा ही हाल हरियाणा, असम और उत्तर प्रदेश का भी है। बात अगर असम की करें तो यहां पॉज़िटिविटी रेट बढ़कर 12.62 प्रतिशत हो गया, जो सोमवार को 10.75 प्रतिशत पर था। वहीं एक्टिव केसों की संख्या 29,560 है। इसी तरह का हाल हरियाणा का भी है इसलिए यहां सरकार ने महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा के आदेश को 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश का भी हाल कुछ खास सही नहीं है। यहां पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से 7 लोगों की मौत हुई है जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के 17,776 नए मामले आए हैं।
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वैक्सीन के मुकाबले नैचुरल इम्यूनिटी है ज्यादा कारगर
यूएस सेंटर्स फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की मानें, तो कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है। ऐसे में कोरोना के टीके से ज्यादा लोगों की नैचुरल इम्यूनिटी कारगर है। इसके अलावा एक स्टडी में भी ये बात सामने आई है कि डेल्टा के मामले जब बढ़ रहे थे तब भी टीकों की तुलना में लोगों की नैचुरल इम्यूनिटी भी अधिक शक्तिशाली तरीके से काम कर रही थी। हालांकि, शोध के लेखकों का ये भी कहना है कि जिन लोगों में टीकाकरण नहीं करवाया है उनमें कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खतरा ज्यादा है।
इधर, केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने एंटी कोविड वैक्सीन कोविशिल्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) को खुले बाजार में बेचने की मांग की गई है। इसे नियमित विपणन मंजूरी कहा जाता है, जिसके लिए सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक ने भारत के औषधि महानियंत्रक से सिफारिश की है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अभी देश में इन टीकों के आपात इस्तेमाल की ही मंजूरी है और इन्हें बनाने वाली कंपनियां अब इसे खुले बाजारों में बेचने की मांग कर रही है।