मोटापा ही नहीं डिप्रेशन भी बढ़ाती हैं ऑयली चीजें, और भी हैं कई खतरे

अधिक वसायुक्त भोजन न केवल मोटापा बढ़ाता है, बल्कि इससे डिप्रेशन भी हो सकता है। फ्रेंच शोधकर्ताओं के अनुसार वसायुक्त भोजन व्यक्ति के मस्तिष्क में कई बदलाव ला सकता है, जिससे उसे डिप्रेशन जैसे मनोरोग हो सकते हैं।
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मोटापा ही नहीं डिप्रेशन भी बढ़ाती हैं ऑयली चीजें, और भी हैं कई खतरे


अधिक वसायुक्त भोजन न केवल मोटापा बढ़ाता है, बल्कि इससे डिप्रेशन भी हो सकता है। फ्रेंच शोधकर्ताओं के अनुसार वसायुक्त भोजन व्यक्ति के मस्तिष्क में कई बदलाव ला सकता है, जिससे उसे डिप्रेशन जैसे मनोरोग हो सकते हैं। यह अध्ययन चूहों पर किया गया था, जिसमें यह पाया गया कि अधिक वसायुक्त चीज़ें खाने से चूहों में अवसाद का स्तर बढ़ गया। शोधकर्ताओं के अनुसार अधिक वसायुक्त भोजन डिप्रेशन दूर करने वाली दवाओं के असर को भी कम कर देता है। पेरिस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रूनो ग्यूयार्ड के अनुसार फैट की अधिक मात्रा मेटाबॉलिज़्म की प्रक्रिया को असंतुलित कर देती है, जो कई मनोवैज्ञानिक समस्याओं के लिए भी जि़म्मेदार होती है। यह शोध वैसे मरीज़ों के इलाज में काफी मददगार साबित होगा, जिन्हें डायबिटीज़ के साथ डिप्रेशन की भी समस्या होती है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • बदलते मौसम में जब सड़क किनारे खा रहे हों तो एसी या कूलर से आकर सीधे खाने से बचें। पहले अपने शरीर को तापमान के अनुसार एडजस्ट होने दें। साथ ही सीमित मात्रा में कोई भी स्ट्रीट फूड खाएं।
  • अक्सर लोग स्ट्रीट फूड खाने के बाद उनके पास रखे पानी के मटके से ही पानी पी लेते हैं लेकिन ऐसा करने से इन्फेक्शन का खतरा भी दोगुना हो जाता है। स्ट्रीट फूड लेने के बाद हमेशा ही अपने साथ रखी बोटल या फिर पैक्ड बोटल से ही पानी पीएं। ऐसी जगहों पर पानी पीना अधिक खतरनाक हो सकता है।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर स्ट्रीट फूड खाने से भी इन्फेशन का खतरा रहता है। इसलिए ऐसी चीजें खाने से पहले और उसके बाद भी हाथों को अच्छे से धोएं। इन जगहों पर इन्फेक्शन और भी तेजी से फैलता है।
  • किसी भी स्ट्रीट फूड शॉप पर खाने का ऑर्डर देने से पहले यह देख लें वो जिस प्लेट में खाना परोस रहें वह साफ है या नहीं। यदि आपको कहीं भी कुछ गड़बड़ नजर आए तो तुरंत ऑर्डर कैंसिल कर दूसरी शॉप पर चले जाएं।
  • स्ट्रीट फूड में भी कई वैराइटी होती है। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि कौन-सा फूड ज्यादा हाइजेनिक तरीके से तैयार किया गया है। कई खाद्य पदार्थों को दुकानदार धूल, मिट्टी में यूं ही बिना ढंके घंटो रखे रहते हैं, इससे इन्फेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
  • सड़क किनारे मिलने वाले खाद्यों में मीट या उससे बनी डिशेज खाना अन्य दूसरी चीजें खाने से अधिक खतरनाक हो सकता है। क्योंकि मीट को सही तरीके से धोया या पकाया ना जाए तो कई सारी स्वास्थ्यगत समस्याओं का कारण बन सकता है।

  • ऐसे स्ट्रीट फूड जो आपके सामने तुरंत पकाया जा रहा हो तो उसे खाना सुरक्षित हो सकता है। हीट बैक्टीरिया को मारने का काम करता है। तले हुए खाद्य खाना कच्चे से बेहतर होगा, लेकिन चटनी जैसी चीज खाने से बचें। चटनियों को बिना छाने हुए पानी से तैयार किया जाता है और गर्मी के मौसम में इनके खराब होने का खतरा अधिक रहता है। ठंडे पेय ले रहे हों तो उसमें बर्फ डलवालने से बचें क्योंकि यह किस पानी से जमाया गया है उसके बारे में आपको पता नहीं होता है।

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