दमा एक चिकित्सक स्थिति है, जिसमें फेफड़ों के वायुमार्ग और श्वसनी में सूजन और संकीर्णता आती हैं, जिसके कारण साँस लेने में कठिनाई होती है। दमा से फेफड़ों से अत्यधिक बलगम का स्राव भी होता हैं, जिससे हृदय दमा के परिणाम स्वरूप घातक साबित हो सकता हैं। दमा एक अति संवेदनशिलता से संबंधित विकार है और पर्यावरण में मामूली परिवर्तन भी समस्या को शुरु कर सकता हैं।एक संतुलित आहार के माध्यम से इष्टतम पोषण प्रदान करने पर पोषण संबंधी उपचार आधारित है।
पोषण थेरेपी से इलाज
यदि आप पहले से ही मल्टीविटामिन और कैल्शियम सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो आप सही रास्ते पर हैं। आप अपने आहार कार्यक्रम में पोषक तत्वों की खुराक जोड़ कर, दमा होने से रोकने में अपने लाभ उठा सकते हैं। दमा के साथ लोगों में विशेष रूप से कम दिखाई देने वालें विटामिनों और खनिजों की इष्टतम खुराक लेना। शरीर को रोगाणु से लड़ने और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शरीर के प्राकृतिक रखरखाव की प्रक्रिया में मदद के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को पोषक तत्व मजबूत बनाते हैं। श्वसनी के सूजन को नियंत्रित और साँस लेने की प्रक्रिया सहज करने में मदद के लिए पोषक तत्वों युक्त आहार ले।कई लोग एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-इनफ्लॅमेटरी(सुजन विरोधी) घटक के चिकित्सिय लाभ समझने के लिए पर्याप्त रुप में फल और सब्जियां नही खाते या यहाँ तक कि मछली या मांस भी नहीं खाते। विटामिन बी, सी और ई, क्वेरसेटिन, मैग्नीशियम और कॅरोटेन्स आपके शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण में वृद्धि करते है।
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व्यायाम से दूर करे अस्थमा
अस्थमा दूर करने के लिए व्यायाम करना लाभकारी होता है। मकरासन में लेटकर भुजंगासन और धनुरासन करें। या फिर खड़े होकर पर्वतासन, कटिचक्रासन और फिर इसके बाद सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं, सभी आसनों के विलोम आसन अवश्य करें।व्यायाम करने के दौरान आपको अपनी दवा जैसे कि इन्हेलर साथ में रखना बेहद आवश्यक होता है ताकि व्यायाम की वजह से अस्थमा का दौरे को टाला जा सके। साथ ही अस्थमा रोगी कुछ योगआसन या सिंगिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
अपने चिकित्सक के साथ मिलकर योजना बनाए और आपके शरीर के प्रकार के लिए सबसे अच्छी अनुकूलित पोषण चिकित्सा व्यवस्था विकसित करे। पोषण संबंधी चिकित्सा शरीर में पोषक तत्वों के सेवन और अवशोषण को अनुकूलतम बना सकती हैं, जिससे दमा की रोकथाम और पोषक तत्वों की कमी का पता लगा सकती हैं।
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