मौसम सर्द हो या गर्म, पौधों को हर मौसम में देखभाल की जरूरत होती है। सर्दियों में ठंडी हवाओं से बचा कर धूप का इंतजाम करना पड़ता है तो गर्मी में लू के थपेड़ों और धूप से बचाना पड़ता है। इस सीजन तीन स्तरों पर पौधों की केयर करनी चाहिए-पानी, छाया और हवा, तभी पौधे बने रहेंगे हरे-भरे।
पानी कब और कितना
- पौधों को धूप की मार से बचाने के लिए गमले में मिट्टी की ऊपरी सतह पर सूखी पत्तियों, नारियल के छिलकों और कुछ अन्य जैविक या ऑर्गेनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे वे धूप से बचेंगे और पानी भी जल्दी नहीं सूखेगा।
- पौधों पर धूप सीधी और देर तक पड़ती है तो रोज पानी दें लेकिन गमलों को इतना न भर दें कि पानी बाहर निकलने लगे। इससे पानी के साथ खाद, कीटनाशक और अन्य पौष्टिक तत्व भी बाहर निकल जाएंगे।
- मिट्टी की ऊपरी सतह सूखी दिखे, तभी पानी दें। नमी दिख रही हो तो पानी न दें।
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- तेज धूप में पत्तियां मुरझाने लगती हैं लेकिन तुरंत पानी न देने लगें बल्कि शाम तक इंतजार करें। कई बार धूप कम होती है तो पत्तियां भी सामान्य रूप में आ जाती हैं। पौधों को सुबह धूप निकलने से पहले और शाम को धूप जाने के बाद ही पानी दें।
- पानी देने के लिए फव्वारे का इस्तेमाल करें, ताकि पौधों को गहराई तक पानी मिले।
- छुट्टियों में कहीं जाना हो तो पानी के लिए सेल्फ वॉटरिंग कंटेनर्स का इस्तेमाल करें। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय भी आजमाए जा सकते हैं। गमले के नीचे प्लास्टिक की ट्रे लगाएं और उन्हें पानी से भर दें। इससे 2-3 दिन तक पौधे बचे रह सकते हैं। एक बड़ी बॉटल में पानी भरें, इसमें सूई से छोटे-छोटे सूराख करें और उसे किसी स्टिक या स्टैंड के सहारे प्लांटर के ऊपर टांग दें। सूराख से पानी धीरे-धीरे गिरता रहेगा और पौधा सूखेगा नहीं।
छांव का इंतजाम
- कुछ पौधे धूप सहन कर लेते हैं जबकि कुछ जल्दी कुम्हलाते हैं। ऐसे पौधों को बैलकनी या टैरेस के उस कोने में शिफ्ट करें, जहां कम धूप आती हो।
- ग्रीन शेड का इस्तेमाल करें। ग्रीनहाउस शेड नेट का बना होता है, जिससे धूप छन कर आती है और पौधे सीधी धूप से बच जाते हैं। धूप के हिसाब से 50 या 80 फीसदी तक सनब्लॉक शेड लगा सकते हैं।
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- जगह की कमी न हो तो छाया के लिए फोल्डिंग शेड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा लॉन या रूफ गार्डन के लिए बैंबू शेड भी बनवा सकते हैं।
- अगर पौधे कम हैं तो कॉटन नेट का प्रयोग भी कर सकते हैं। इन्हें दीवार या पिलर्स के सहारे नॉर्थ ईस्ट या ईस्ट दिशा में बांध दें क्योंकि धूप वहीं से जयादा आती है।
हवा की आवाजाही
- शेड स्क्रीन के जरिये सिंपल विंड ब्रेक तैयार कर सकते हैं। गर्मियों में किसी खास दिशा से जयादा हवा आती है। हवा का दबाव जिस दिशा में अधिक हो, वहीं शेड लगाएं।
- बड़े और घने प्लांट्स भी विंड ब्रेकर का काम करते हैं। पुराने और बड़े प्लांट्स की छांव में छोटे और नए प्लांट्स रखें, इससे वे सुरक्षित रहेंगे और धूप से उनका बचाव भी होगा।
- बेल या लतरों को रॉड या जाली के सहारे ऊपर चढ़ाएं। उनकी छांव में अन्य पौधे रखें। बेलें भी विंड ब्रेक का काम करती हैं। जब बाहर का तापमान 45-50 डिग्री तक पहुंच रहा हो तो प्रकृति की हर शै पर इसका असर दिखने लगता है। पौधे भी कुम्हलाने लगते हैं। इस गर्मी में यहां दी गई सलाह अपना कर देखें, पौधे हरे-भरे बने रहेंगे।
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