हायपरएक्यूसिस क्या है (what is hyperacusis)? क्या आपको कोई सामान्य आवाज भी तेज और चिड़चिड़ी लगती है? क्या कोई भी सामान्य आवाज से आप परेशान हो जाते हैं? या नॉर्मल आवाज भी आप में चिड़चिड़ापन पैदा कर रही है? अगर हां, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी साधारण न समझें। यह हायपरएक्यूसिस नामक एक श्रवण विकार का संकेत हो सकता है। यह एक श्रवण संबंधी समस्या है, इसमें सामान्य आवाजें भी तेज सुनाई देती है। इस बीमारी के बारे में अधिकतर लोग जागरुक नहीं है, ऐसे में इसके लक्षण नजर आने पर भी समस्या का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। हायपरएक्यूसिस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी जानने के लिए हमने मणिपाल अस्पताल, कोलकाता के सलाहकार- आंतरिक चिकित्सा डॉक्टर अर्पण चौधरी (Dr.Arpan Chaudhuri, Consultant- Internal Medicine, Manipal Hospital, Kolkata) से बातचीत की-
हायपरएक्यूसिस क्या है? (what is Noise Sensitivity or Hyperacusis)
हायपरएक्यूसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पीड़ित को आवाज या ध्वनि से परेशानी होने लगती है। यह एक श्रवण संबंधी एक गंभीर (सुनने की समस्या) समस्या है। हायपरएक्यूसिस में व्यक्ति को सामान्य आवाजें भी तेज, चिड़चिड़ी सुनाई देती है। इस स्थिति में पीड़ित को आस-पास आने वाली आवाजें काफी तेज, परेशान करने वाली लगती है। इस समस्या को हम उदाहरण के जरिए समझ सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को बर्तनों की आवाज, खाना चबाने की आवाज, बातचीत की आवाज, दरवाजे की आवाज चुभने लगती है या इन आवाजों से डर लगता है, तो यह हायपरएक्यूसिस (Noise Sensitivity or Hyperacusis) की स्थिति होती है।
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियां इन आवाजों से बचने का प्रयास करते हैं। आवाजों के प्रति इस डर से वे अकेला रहना पसंद करते हैं, उन्हें लोगों के साथ उठना-बैठना पसंद नहीं होता है।
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हायपरएक्यूसिस के लक्षण (Noise Sensitivity or Hyperacusis Symptoms)
डॉक्टर जब कोई भी बीमारी जन्म लेती है, तो शुरुआत में अपने कुछ न कुछ लक्षण जरूर दिखाती है। इसी तरह से जब किसी व्यक्ति को हायपरएक्यूसिस होता है, तो इस स्थिति में भी कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं। जानें हायपरएक्यूसिस के लक्षणों के बारे में (Hyperacusis Symptoms)-
- चिड़चिड़ापन
- बेचैनी
- शांति में रहना पसंद करना
- सामान्य आवाज भी तेज सुनाई देना
- आवाज पसंद न आना
- सभी तरह की आवाजों से दूर भागना
- दर्द होना
- ध्यान लगाने में दिक्कत आना
- तेज आवाज से डर लगना
- कानों को ढकने की कोशिश करना। बार-बार हाथों से कानों को दबाना
- गुस्सा और चिंता

हायपरएक्यूसिस के कारण (Noise Sensitivity or Hyperacusis Causes)
हायपरएक्यूसिस नामक श्रवण बीमारी बच्चों और वयस्कों दोनों को ही प्रभावित कर सकती है। लेकिन यह एक दुर्लभ बीमारी है, हजारों लोगों में से एक व्यक्ति इससे प्रभावित होता है। सुनने में यह एक बेहद सामान्य समस्या लगती है, लेकिन पीड़ित व्यक्ति की स्वस्थ और खुशहाल जीवन को यह बीमारी बुरी तरह से प्रभावित करती है। प्रत्येक बीमारी के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। बीमारी के कारण का पता लगाकर ही इसका इलाज करने में आसानी होती है। हायपरएक्यूसिस नामक बीमारी के पीछे भी कई कारण जिम्मेदार होते हैं। इसमें शामिल हैं-
डिप्रेशन (depression)
डिप्रेशन हायपरएक्यूसिस नामक बीमारी का एक सबसे सामान्य कारण है। अवसाद या डिप्रेशन को मूड डिसऑर्डर भी कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति उदास, गुस्से और चिंता में रहता है। इससे उसकी रोजमर्रा की गतिविधियां भी प्रभावित होती है। डिप्रेशन होने पर व्यक्ति में आलस जैसे कई लक्षण देखने को मिलते हैं।
क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम (Chronic fatigue syndrome)
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति हर समय थका हुआ नजर आता है। बिना मेहनत के बाद भी उसे थकान रहती है और आराम करने के बाद भी थकान दूर नहीं होती है। जब कोई व्यक्ति हाइपरएक्यूसिस से पीड़ित होता है, तो इसे हमेशा थका-थका महसूस होता है।
लाइम डिजीज (lyme disease)
लाइम डिजीज भी हाइपरएक्यूसिस नामक सुनने की समस्या का एक कारण हो सकता है। लाइम डिजीज बैक्टीरिया की वजह से होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह समस्या बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) नामक बैक्टीरिया के काटने की वजह से फैलती है।
इसके अलावा मेनिरेर्स डिजीज, पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर और ऑटिज्म भी हायपरएक्यूसिस के कारण हो सकते हैं। साथ ही जिन लोगों को सिर में आघात पहुंचा होता है, उनमें भी हायपरएक्यूसिस देखा जाता है। ऊंची आवाज में संगीत सुनने से हायपरएक्यूसिस की समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है, उसके बाद एक गंभीर रूप ले लेती है। इसके बाद पीड़ित व्यक्ति सामान्य आवाज से भी डरने लगता है।
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हायपरएक्यूसिस के लिए बचाव टिप्स (Noise Sensitivity or Hyperacusis prevention tips)
हायपरएक्यूसिस जैसी सुनने की समस्या से अगर आप खुद को बचाना चाहते हैं, तो कुछ बातों पर ध्यान देना होगा। इससे आप इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते हैं। जानें हायपरएक्यूसिस के लिए बचाव टिप्स-
- इस समस्या से बचाव के लिए मन को शांत करने वाले संगीत सुनना।
- मन को शांत करने वाली ध्वनियां सुनना।
- आवाजों वाले माहौल से खुद को बचाना।
- ईयरप्लग्स का इस्तेमाल न करने से बचना।
- ऊंची, तेज आवाज से खुद को दूर रखना।
- मन को शांत रखने की कोशिश करें।
- मेडिटेशन और योग का नियमित अभ्यास करें।
- तनाव रहित माहौल से दूर रहें।
- अच्छी और पूरी नींद लें।
इन स्थितियों में डॉक्टर से मिलें
हाइपरएक्यूसिस एक श्रवण समस्या है, इसलिए इस समस्या के लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जब कोई व्यक्ति आवाज से दूर भागने लगे, सोशल गैदरिंग में शामिल न हो, डिप्रेशन में रहे, हर समय चिड़चिड़ा रहे तो इन स्थितियों को बिल्कुल भी सामान्य नहीं समझना चाहिए। इसलिए ये लक्षण नजर आते ही, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हाइपरएक्यूसिस का इलाज (treatment of Noise Sensitivity or Hyperacusis)
यह एक सुनने की समस्या है, इसके इलाज के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है और न ही इस समस्या का इलाज किसी तरह के ऑपरेशन से होता है। इसका इलाज करने के लिए आपको डॉक्टर से मिलना जरूरी होता है। डॉक्टर हाइपरएक्यूसिस की समस्या के कारण का पता लगाकर , मेडिकल ट्रीटमेंट और थेरेपी की मदद से कारण में सुधार करते हैं। इस समस्या के इलाज के लिए साउंड थेरेपी, कोन्जिटिव बिहेवियरल थेरेपी और काउंसलिंग की जाती है।
अगर आपको भी इस बीमारी से संबंधित कोई भी शुरुआती लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके लक्षणों को नजरअंदाज करने पर समस्या बढ़ सकती है, जिससे रोगी का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। इसलिए जितना हो सके, खुद को तेज आवाज या ध्वनियों से दूर रखें।
(main image text : mejorconsalud.as.com)