अब एक मच्‍छर ही रोकेगा मलेरिया

अमेरीकी वैज्ञानिकों ने मलेरिया की रोकथाम का एक नया तरीका खोज निकाला है। उन्होंने मच्छर के जीन में बदलाव लाकर मलेरिया रोकने वाला मच्छर विकसित किया है!

Pooja Sinha
Written by: Pooja SinhaUpdated at: Dec 10, 2015 16:12 IST
अब एक मच्‍छर ही रोकेगा मलेरिया

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मलेरिया एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलता है। लेकिन अमेरीकी वैज्ञानिकों ने मलेरिया की रोकथाम का एक नया तरीका खोज निकाला है। उन्होंने मच्छर के जीन में बदलाव लाकर मलेरिया रोकने वाला मच्छर विकसित किया है!

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सैद्धांतिक रूप से ऐसे मच्छरों के इंसान को काटने से मलेरिया फैलाने वाले परजीवी के इंसान के शरीर में पहुंचने की संभावना नहीं होती। वैज्ञानिकों ने जीन में बदलाव लाने के एक खास तरीके 'क्रिस्पर' से मच्छरों के डीएनए में प्रतिरोधी जीन डाला। पीएनएएस पत्रिका के अनुसार, ऐसे मच्छरों की संतानों में भी मलेरिया के विरूद्ध प्रतिरोधी क्षमता देखने को मिली।

आंकड़ों के अनुसार दुनिया की करीब आधी आबादी को मलेरिया का खतरा रहता है। मलेरिया के उपचार के लिए आज कई तरह के उपाय मौजूद हैं। लेकिन इसके बावजूद हर साल करीब 6 लाख लोगों की मौत मलेरिया से हो जाती है। इसलिए वैज्ञानिक मलेरिया से लड़ने के नए उपायों की खोज में लगे हैं। कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी की टीम को पूरा विश्‍वास है कि उनके द्वारा विकसित यह मच्छर मलेरिया से लड़ने में बड़ी भूमिका निभायेगा।

उन्होंने इस प्रयोग के लिए मलेरिया फैलाने वाला और भारत में पाए जाने वाले एनोफ्लिस स्टेफिन्सी मच्छर को चुना। हालांकि उनका कहना है कि यह मलेरिया की रोकथाम का कोई संपूर्ण तरीका नहीं है, लेकिन यह मलेरिया से लड़ने की दिशा में एक कारगर हथियार होगा। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन के प्रोफेसर डेविड कॉनवे कहते हैं, ''हालांकि यह संपूर्ण समाधान नहीं है, लेकिन निश्चित तौर पर यह एक बड़ी उपलब्धि है।''

Source : BBC News
Image Source : BBC News
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