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रीढ़ की हड्डी की नस दबने से परेशान हैं? जानें इसे खोलने के 3 उपाय

Spine Pinched Nerve Treatment: रीढ़ की हड्डी की दबने पर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, डॉक्टर से जानें दबी नस खोलने के उपाय।
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रीढ़ की हड्डी की नस दबने से परेशान हैं? जानें इसे खोलने के 3 उपाय


Spine Pinched Nerve Treatment In Hindi: नस दबने की समस्या लोगों में बहुत आम है। यह समस्या सिर से लेकर पैर तक शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, जिनमें रीढ़ की हड्डी की नस दबना सबसे आम है। खराब ब्लड सर्कुलेशन, खानपान ठीक न होना, गतिहीन जीवनशैली और फिजिकल एक्टिविटी कम करना आदि इसके कुछ आम कारण हैं। लंबे समय तक बैठे या लेटे रहने या शरीर कोई हिस्सा दब जाने पर नस दबने की समस्या होती है। रीढ़ की हड्डी की नस दबने पर कमर से लेकर कंधे और गर्दन तक गंभीर दर्द की समस्या होती है। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी होती है।

वॉकहार्ट हॉस्पिटल, नासिक के डॉ. विशाल सावले- सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट और स्ट्रोक स्पेशलिस्ट के अनुसार नस दबने की समस्या तब होती है, जब लंबे समय तक रीढ़ की नस दबे रहने के कारण, उनमें रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता और दबाव के कारण खून एक ही जगह रूक कर जमने लगता है। इससे नस ब्लॉक हो जाती है। जिसके कारण नसों में सूजन और गंभीर दर्द की समस्या होती है। हम हाथ पैरों में सुन्नपन या पिन चुभने जैसी स्थिति नस दबने और ब्लड सर्कुलेशन रुकने के कारण होती है। लोग अक्सर पूछते हैं कि रीढ़ की हड्डी की नस दबने का इलाज क्या है? इस लेख में हम रीढ़ की हड्डी की दबी नस खोलने के लिए 5 घरेलू उपाय बता रहे हैं।

Pinched Nerve In Spine treatment In Hindi

रीढ़ की हड्डी की नस दबने का पता कैसे लगाएं?

डॉ. विशाल के अनुसार रीढ़ की हड्डी में नस दबी नस खोलने के लिए आपको पहले इसका निदान करने की आवश्यकता है। दबी नस का निदान करने के 2 तरीके हैं

  1. रेडियोलॉजिकल (Radiological):  जिसमें एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन की मदद से किया दबी नस का निदान किया जाता है।
  2. नर्व फंक्शन टेस्ट (Nerve Function Test):  जिसमें इलेक्ट्रोमायोग्राफी ( Electromyography) की मदद से दबी नस का निदान किया जाता है।

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रीढ़ की हड्डी की दबी हुई नसों का इलाज- Pinched Nerve In Spine treatment In Hindi

डॉ. विशाल के अनुसार दबी नसों के इलाज को दो भागों में बांटा गया है पहला नॉन सर्जिकल और दूसरा सर्जिकल। नॉन-सर्जिकल मेडिकल मैनेजमेंट के साथ-साथ फिजियोथेरेपी भी शामिल है। फिजिकल थेरेपी के विभिन्न पहलू हैं और इसे समग्र दृष्टिकोण के साथ जोड़ा जा सकता है। गाबा (GABA) की प्रक्रिया को व्यक्ति,  लक्षणों और प्रभावित क्षेत्र के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। इसमें रोगी की आवश्यकता के अनुसार उपचार के साथ-साथ फिजियोथेरेपी की मदद ली जाती है।

कुछ मामलों में रोगी को नसों के सिकुड़ या ब्लॉक हो जाने के कारण का इलाज के लिए सर्जरी की सलाह दी जाती है। सर्जरी की प्रक्रियाओं में हर्नियेटेड डिस्क की मरम्मत के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को चौड़ा करने के लिए जहां जगह कम है, एक छोटे से हिस्से को काटकर हटा दिया जाता है। यह व्यक्तिगत रोगी के आधार पर सभी चिकित्साओं के साथ-साथ सर्जरी का प्रबंधन भी है।

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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं

डॉक्टर विशाल के अनुसार इलाज से ज्यादा महत्वपूर्ण है नस दबने की समस्या की रोकथाम। रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है, क्योंकि यह रेडिक्यूलर पेन स्पॉन्डिलाइटिस है। इसका उपचार काफी  मुश्किल है क्योंकि यह एक क्रोनिक दर्द है। इसलिए रेडिकुलोपैथी को रोकना अधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप को बस कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना है जैसे:

  • जब भी आप कुर्सी पर बैठते हैं ड्राइविंग करते हैं, तो अपनी पोजिशन सीधी रखें।
  • शारीरिक रूप से एक्टिव रहें और फिजिकल एक्टिविटी करें
  • नियमित व्यायाम और योग या स्ट्रेचिंग जरूर करें

All Image Source: Freepik

With Inputs: Dr Vishal Sawale, Consultant Neurologist and Stroke Specialist, Wockhardt Hospitals Nashik

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