PCOD से परेशान महिलाएं सुबह से रात तक के रूटीन में शामिल करें ये 5 आदतें, जल्द दूर होगी समस्या

PCOD की बीमारी भले ही गंभीर है पर अगर आप अपनी लाइफस्टाइन में इन टिप्स को शामिल करें और इन्हें अपनी आदत बना लें तो, आप जल्द ही इसे ठीक कर लेंगी। 
  • SHARE
  • FOLLOW
PCOD से परेशान महिलाएं सुबह से रात तक के रूटीन में शामिल करें ये 5 आदतें, जल्द दूर होगी समस्या

खराब होती लाइफस्टाइल के साथ महिलाओं में  पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज की समस्याएं (pcod problems) बढ़ती जा रही हैं। ये हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण होती है, जो कि खराब लाइफस्टाइल, आपकी डाइट और स्ट्रेस से बहुत ज्यादा जुड़ी हुई है। इस बीमारी में हार्मोन्स में अनहेल्दी बदलाव आते हैं जिससे ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट यानी गांठ हो जाती हैं। इन सिस्ट के कारण महिलाओं में बड़े स्तर पर हॉर्मोनल बदलाव होने लगते हैं। ये सिस्ट पीरियड्स और प्रेग्नेंसी दोनों को डिस्टर्ब करने लगती है। पर हमेशा से ही ये माना गया है कि अगर आप पीसीओडी की समस्या में अपनी लाइफस्टाइल सही करें तो, इस परेशानी से बच सकते हैं। हाल ही में सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) की टीम की एक और डाइट एक्सपर्ट  छवि गोयल (Chhavi Goel) ने  पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं के लिए कुछ हेल्दी टिप्स शेयर किए जिन्हें, उन्हें अपनी आदत में शामिल करना चाहिए। 

pain_after_periods

image credit :makatimed

डाइट एक्सपर्ट  छवि गोयल (Chhavi Goel) की मानें, तो महिलाओं में पीसीओडी होने पर इसे लक्षण समस के साथ गंभीर होते जाते हैं। पर इससे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने पीरियड्स को लेकर कुछ फैक्ट्स के बारे में जानें। जैसे कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि पीरियड्स में दर्द या इससे पहले दर्द एक आम बात है। पर असलमें ये आम बात नहीं है। दूसरा ये कि पीरियड्स में सिर दर्द, ब्लॉटिंग की समस्या, एसिडिटी और मूड स्विंग्स आदि नहीं होना चाहिए। पीरियड्स को लाने के लिए और ना लेने के लिए हमें किसी दवाई की जरूर नहीं होनी चाहिए और इस प्रोसेस को पूरी तरह से नेचुरल होना चाहिए। अगर इस सबसे परेशानियां आती हैं और आपका वजन बढ़ रहा व मूड स्विंग्स ज्यादा बढ़ गए हो तो ये पीसीओडी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में आप पीसीओडी के इन सभी लक्षणों से बचाव के लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ हेल्दी बदलाव कर सकते हैं। साथ ही कुछ आदतों को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल कर सकते हैं।

PCOD के लिए नेचुरल टिप्स-Natural remedies for pcod

1. किशमिश और केसर को भिगोकर खाएं

छवि गोयल (Chhavi Goel)बताती हैं कि पीसीओडी में आपको सबसे पहला काम ये करवा है कि रोज रात में सोते समय 5 से 6 किशमिश और 1या 2 केसर पानी में भिगो कर रख दें। फिर सुबह उठकर इसे खा लें। ये पीसीओडी के लक्षणों को कम करने में मदद करेगा। ये पीरियड्स के दर्द को कम करेगा और साथ ही ब्लॉटिंग को कम करने में आपकी मदद करेगा। छवि बताती हैं कि उन्हें इस इस्तेमाल पर रिसर्च पर भी किया है। जिन लोगों को उन्होंने ने ये टिप्स दी और लगातार 3 महीनों तक उन्होनें किशमिश और केसर को भिगोकर कर खाया उन्हें इसके बहुत अच्छे रिजल्ट्स देखने को मिले। इसका मतलब ये है कि अगर आपको पीरियड्स में दर्द होता है, पेट फूल जाता है या किसी भी तरह के पीसीओडी के लक्षण हैं तो आपको ये काम जरूर करना चाहिए। अगर आपको सुबह उठते ही कुछ और खाने-पीने की आदत है तो अपने पीरियड्स से 10 दिन पहले किशमिश और केसर (soaked raisins and kesar) को भिगोकर खाना शुरू करें।

इसे भी पढ़ें : PCOD से खराब होती है महिलाओं की प्रजनन क्षमता, रोजाना ये 5 एक्सरसाइज करने से दूर होगी समस्या

2. दूध और डेयरी उत्पादों का जरूर सेवन करें

कई महिलाओं को लगता है कि  दूध और डेयरी उत्पाद पीसीओडी में नुकसानदेह है। पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है। आपकी दूध और दूध से बने उत्पाद लेने चाहिए। अगर आपको दूध पीना पसंद नहीं है तो, आपको पनीर, छाछ, दही और मक्खन लेना चाहिए। दरअसल, ये सभी गट बैक्टीरिया के लिए बहुत फायदेमंद हैं। ये गुड बैक्टीरिया के विकास में मदद करते हैं, उनकी ग्रोथ बढ़ाते हैं और पेट के बायोम को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। ध्यान रहे कि दूध में विटामिन बी 1 होता है जो कि ब्रेन में इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है। इसलिए जिन लड़कियों को माइग्रेन, सिर दर्द, सिर भारी रहना, डलनेस और कंफ्यूजन होता है उन्हें रोज दूध पीना चाहिए। बस आपको ध्यान ये रखना है कि बाजार का या पैकट वाला दूध ना पिएं। ताजा गाय या भैंस निकला हुआ दूध पिएं। इसके अलावा सोया दूध, बादाम का दूध और ओट मिल्क को लेने से बचें। दरअसल ये एस्ट्रोजन बढ़ा सकते हैं। इसलिए आपको ध्यान रखना है कि ऐसा दूध पिएं या दही खाएं जो बिलकुल नेचुरल हो और हार्मोनल असंतुलन का कारण न बने।

Inside2kaju

image credit: freepik

3. दिन में 1 बार काजू और गुड़ जरूर खाएं

ज्यादातर लोग  काजू और गुड़ नहीं खाते। पर आपको  मालूम नहीं होगा कि महिलाओं के लिए काजू और गुड लेना बेहद फायदेमंद है। दरअसल, हर दिन एक बार काजू और गुड़ खाने से आपको कभी लो हीमोग्लोबिन की शिकायत नहीं होगी। दरअसल, लो हीमोग्लोबिन लो फर्टिलिटी से जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से आपको मां बनने में दिक्कत हो सकती है। आप काजू और गुड़ को दिन में एक बार या फिर शाम को खा सकते हैं। काजू जो है एक मूड बूस्टिंग फूड की तरह भी काम करता है। तो, अगर आपको पीरियड्स पहले मूड स्विंग्स और इरिटेशन होती है तो आपको काजू का सेवन करना चाहिए। कई बार ये जोड़ों के दर्द (joint pain) को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलाव ये उन महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है जो कि पीरियड्स में पैर दर्द और कमर दर्द से परेशान रहती हैं। 

इसे भी पढ़ें :

4. बीजों को अपने चटनी और खाने में शामिल करें

छवि कहती हैं कि पीसीओडी के लिए सीड साइकलिंग (seed cycling for pcos)हमेशा ही चर्चा में रही है। पर आपको ये जानना चाहिए कि पीसीओडी में डाइरेक्ट सीड साइकलिंग से अच्छा होगा कि आप इन बीजों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इन्हें चटनी और दाल के रूप में खाएं। सीड्स एंटीन्यूट्रिएंट्स की तरह काम करते हैं। माने कि ये आपके शरीर में ज्यादा हो जाने वाले न्यूट्रिएंट्स को सोख लेते हैं। ये आयरन और कैल्शियम को सोख लेते हैं। इससे शरीर में इनकी कमी हो सकती है। इसलिए सीधे तौर पर तिल, मेथी और पंपकिन सीड्स लेने से अच्छा है कि आप इसे पंपकिन भाजी, मेथी के लड्डू और तिल की चटनी के रूप में लें। 

Inside3restorativeyoga

image credit: YogaUOnline

5. रेस्टोरेटिव पॉश्चर फॉलो करे

रेस्टोरेटिव पॉश्चर (restorative yoga postures) आपको पीसीओडी के लक्षणों से निपटने में मदद करता है। अगर आप इसे हफ्ते में एक बार जरूर करना चाहिए। वहीं पीरियड्स के दौरान इसे रोज करें। ये ब्लड के फ्लो को आसान बनाते हैं और किसी भी पीरियड क्रैंप्स और दर्द से बचाते हैं। दरअसल, पीरिएड्स में कई बार हम एक्सरसाइज करने से बचते हैं। ऐसे में इन पॉश्चर को करना बहुत आसान है औप लंबे समय कर इसे फॉलो कर सकते हैं।  

तो, ये थे पीरियड्स को आसान बनाने और पीसीओडी के लक्षणों को कम करने वाले कुख खास पर आसान टिप्स। तो, अगर आपको पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां रहती हैं या फिर पीसीओडी है तो इन चीजों को अपनी आदत में डाल लें। 

Main image credit: Patrick Bailey

Read more articles on Womens's Health in Hindi

Read Next

हड्डियों को मजबूत बनाएंगे कैल्शियम से भरपूर ये 4 सूप, जानें इनकी रेसिपी और अन्य फायदे

Disclaimer