स्वस्थ शरीर और मन के लिए ध्यान या मेडिटेशन बहुत उपयोगी माना जाता है। योगासनों का अभ्यास और ध्यान दोनों एक दूसरे के अंग हैं। योग का सही लाभ पाने के लिए रोजाना ध्यान का अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ध्यान के बारे में लोग यह धारणा रखते हैं की यह सिर्फ मन और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करता है। लेकिन मेडिटेशन या ध्यान का अभ्यास न सिर्फ मन को शांत और केंद्रित रखने का काम करता है बल्कि इसका अभ्यास आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने का काम करता है। माइंड और बॉडी दोनों को ही हेल्दी बनाये रखने के लिए योग के अभ्यास के साथ-साथ ध्यान लगाना बहुत जरूरी है। लेकिन आज के इन्टरनेट के युग में मेडिटेशन या ध्यान से जुड़ी तमाम ऐसी बातें लोगों के बीच फैली हुई हैं जो न सिर्फ भ्रामक हैं बल्कि इसकी वजह से लोगों के बीच ध्यान से जुड़ी गलत जानकारी फैलती है। आइये योग एक्सपर्ट जेनिल ढोलकिया से विस्तार से जानते हैं ध्यान या मेडिटेशन से जुड़ी कुछ भ्रामक बातें और उनकी सच्चाई।
मेडिटेशन से जुड़ी भ्रामक बातें और उनकी सच्चाई (Myths And Facts About Meditation in Hindi)
रोजाना ध्यान लगाने से न सिर्फ आपके माइंड को फायदा मिलता है बल्कि इसकी वजह से शरीर को भी बहुत फायदा मिलता है। मेडिटेशन या ध्यान का अभ्यास करने से आपका मन एकाग्र होता है और मन को आराम मिलता है। ध्यान या मेडिटेशन से जुड़े कुछ मिथक और उनकी सच्चाई इस प्रकार से हैं।
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1. मेडिटेशन करने के लिए विशिष्ट तरीके से आसन लगाने की जरूरत होती है
ध्यान या मेडिटेशन के बारे में लोगों में फैली सबसे भ्रामक बात यह है की इसका अभ्यास करने के लिए आपको विशेष आसन में बैठने की जरूरत होती है। दरअसल इसका अभ्यास आप कहीं भी और किसी भी तरह से बैठकर कर सकते हैं। लेकिन मेडिटेशन का पूरा लाभ पाने के लिए आपको रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठना चाहिए। पद्मासन में बैठकर ध्यान लगाना फायदेमंद माना जाता है। लेकिन अगर आप इस पोजीशन में बैठने में सक्षम नहीं हैं तो किसी भी तरीके से बैठकर ध्यान लगा सकते हैं लेकिन ऐसा करने से आपको मेडिटेशन का पूरा फायदा नहीं मिलेगा।
2. मेरा दिमाग एक्टिव और हेल्दी है इसलिए मुझे ध्यान लगाने की जरूरत नहीं है
ज्यादातर लोगों में मेडिटेशन से जुड़ी यह बात सबसे ज्यादा फैली है कि एक्टिव माइंड वाले लोगों को ध्यान लगाने की जरूरत नहीं है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मेडिटेशन आपके दिमाग को रिलैक्स करने का काम करता है इसका अभ्यास सभी लोगों के लिए फायदेमंद है। चाहे आपके पास सुपर एक्टिव ब्रेन हो या नहीं मेडिटेशन आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
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3. ध्यान लगाते समय आप आराम से सो सकते हैं
कई लोगों का ये मानना है की मेडिटेशन करते समय आप आराम से सो सकते हैं। लेकिन ऐसा करना फायदेमंद नहीं माना जाता है। ध्यान के दौरान आपको केंद्रित और जागरूक होना चाहिए, इस दौरान सो जाने से आपको मेडिटेशन का फायदा नहीं मिलता है। अगर आपको मेडिटेशन करते समय नींद आती है तो आपको उठकर थोड़ी देर टहलने के बाद दोबारा ध्यान लगाना चाहिए।
4. ध्यान लगाते समय शांत माहौल होना जरूरी है
ऐसा जरूरी नहीं है कि आप मेडिटेशन सिर्फ शांत और मौन माहौल में ही कर सकते हैं। आप चलते हुए या वॉक करते हुए ध्यान कर सकते हैं। ध्यान के पीछे विचार यह है कि आप अपना पूरा ध्यान अपनी सांसों पर केंद्रित करें। इसका मतलब यह नहीं कि आप अकेले में बैठकर जप-तप करें।
5. घंटों तक ध्यान लगाने से पूरा फायदा मिलता है
ध्यान से जुड़े मिथक में से एक यह भी है की रोजाना घंटों तक ध्यान लगाने से ही इसका पूरा फायदा मिलता है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर आप मेडिटेशन की शुरुआत कर रहे हैं तो शुरुआत में आप 5 मिनट के लिए भी ध्यान लगा सकते हैं। रोजाना 5 मिनट तक मेडिटेशन करने से आप मानसिक रूप से चार्ज हो सकते हैं। कई सिद्ध लोग घंटों तक ध्यान लगाते हैं लेकिन आप अगर रोजाना 15 से 20 मिनट तक मेडिटेशन करते हैं तो यह भी फायदेमंद होगा।
6. ध्यान एक धार्मिक अभ्यास है
कई लोगों का यह मानना होता है की मेडिटेशन या ध्यान एक धार्मिक अभ्यास है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है, मेडिटेशन का अभ्यास किसी भी धर्म के लोग कर सकते हैं। इसका अभ्यास आपके दिमाग को रिलैक्स और अधिक प्रभावशाली बनाने का काम करता है।
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ध्यान से जुड़े ये मिथक लोगों में आम हैं। अगर आप मेडिटेशन या ध्यान की शुरुआत कर रहे हैं तो रोजाना 5 से 10 मिनट का ध्यान भी उपयोगी होता है। शुरुआत में मेडिटेशन करने के लिए एक्सपर्ट की सहायता लेनी चाहिए।
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