मोमोज ऐसा स्ट्रीट फूड है जो जितना सस्ता मिलता है स्वास्थ्य के लिहाज से उतना ही हानिकारक भी होता है। यह 10 व 20 रुपये में मिलता तो है, लेकिन हानिकारक व खराब सामान के इस्तेमाल की वजह से यह लोगों को कई गंभीर बीमार का शिकार भी बनाता है। इसीलिए इसे खराब स्ट्रीट फूड का दर्जा भी मिला हुआ है। आम तौर पर इसमें मिलाए जाने वाले चिकेन और सब्जियों की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती है। जानकारों का कहना है कि इसमें मुर्गे के पंख से निकले मांस का प्रयोग किया जाता है, बीमारी से मरने वाले मुर्गे का मांस भी इस्तेमाल किया जाता है। गोभी, गाजर समेत अन्य सब्जियों की गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जाता है।
लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर पैसा बनाने की होड़ में यहां साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। आपने भी देखा होगा कि रेहड़ी पटरी पर भी ये टोकरी में खुले पड़े रहते हैं, जिनपर मक्खियां बैठती हैं। उबालने में प्रयोग में आने वाले पानी की गुणवत्ता का भी ख्याल नहीं रखा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे भी सामान्य स्थिति में मोमोज शरीर को नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि इसमें प्रयुक्त होने वाले मैदे को सफेद और मुलायम रखने के लिए रासायनिक पदार्थो का इस्तेमाल किया जाता है। चटनी में लाल मिर्च का प्रयोग होता है, जो शरीर के लिए हानिकारक है।
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मोमोज और डिप्रेशन
मोमोज में 70 फीसद मैदा होता है, जिसे साइंटिफिक भाषा में सफेद जहर कहते हैं। मैदा स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। यह आंतों से तुरंत चिपकता है और फिर कई गंभीर बीमारियों को न्यौता देता है। हाल ही में आई एक रिसर्च में कहा गया है कि मोमोज में इस्तेमाल होने वाली खराब क्वॉलिटी की सब्जियों और चिकेन से डिप्रेशन का खतरा बढ़ता है। जब व्यक्ति मोमोज का रोज सेवन करता है या काफी सेवन करता है तो उसके दिमाग में कई ऐसे बैक्टीरिया पैदा होते हैं जो डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा सिर में दर्द होना, चक्कर आना, चीजों को भूलना और खराब इम्यूनिटी होना भी मोमोज खाने के लिए जिम्मेदार हैं। जिन लोगों को पहले से ही डिप्रेशन हैं उन्हें मोमोज का सेवन पूरी तरह से इग्नोर करना चाहिए।
मोमोज खाने के अन्य नुकसान
- मैदा खाने से बॉडी में शुगर लेवल बढ़ जाता है। क्योंकि इसमें हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।
- ब्लड शुगर बढ़ने से खून में ग्लूकोज जमने लगता है, इससे बॉडी में केमिकल रिएक्शन होता है, जिससे गठिया और ह्रदय संबंधी बीमारियां होने लगती है।
- मैदे से बने मोमोज में फाइबर नही होता है, इसके अत्यधिक सेवन से पेट में कब्ज की समस्या होने लगती है। इससे सिर में दर्द और मिचली जैसी भी प्रॉब्लम हो सकती है।
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- जो लोग नियमित रूप से मैदे से बने मोमोज या अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है।
- जब मैदा बनाया जाता है तो इसमें से प्रोटीन निकल जाता है और यह एसिडिक बन जाता है। जोकि हड्डियों से कैल्शियम को अवशोषित कर लेता है, जो हड्डी को कमजोर कर देते हैं।
- मैदे में ग्लूटन होता है जो कि फूड एलर्जी को पैदा करता है। ग्लूटन खाने को लचीला बनाकर मुलायम टेक्सचर देता है।
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