टीनएजर्स बच्चों के खाने में इन दो चीजों को जरूर करें शामिल, नहीं होंगे मानसिक रूप से बीमार

टीनएजर्स के मूड स्विंग्स को समझना थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे में माता-पिता को उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा गंभीर रहना चाहिए।

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: Aug 12, 2020 16:58 IST
टीनएजर्स बच्चों के खाने में इन दो चीजों को जरूर करें शामिल, नहीं होंगे मानसिक रूप से बीमार

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टीनएजर्स बच्चों का हमें शुरू से ही थोड़ा ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि टीनएजर्स बच्चों की इस उम्र में उनमें लगातार काफी सारे बदलाव हो रहे होते हैं, जिनके बारे में उन्हें भी अहसास नहीं होता है। इस दौरान हार्मोन्स में बदलाव शरीर के साथ उनके व्यवहारों को भी परिवर्तित करती है। ऐसे में ये बच्चे अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और हो सकता है कि आप भी उनके व्यवहारों के कारण उनसे दूर होने लगे। ये सब शुरुआती मूड स्विंग्स और मानसिक परेशानियां (Teen mental health) हो सकती है।

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ऐसे में माता-पिता की बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने बच्चे को समझे और साथ ही उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखें। स्वास्थ्य की बाते आते ही ये सबसे पहले जुड़ता है डाइट। तो आइए आज हम आपको उन दो चीजों के बारे में बताते हैं, जिसे आपको अपने टीनएजर्स बच्चों के खाने में जरूर शामिल करना चाहिए।

मानसिक रोग से बचाव के लिए कैसा हो आपके बच्चे का खान-पान (Teen Nutrition Affects Mental Health)?

आप जो खाते हैं वह आपके मस्तिष्क सहित आपके पूरे शरीर को पोषण देता है। कार्बोहाइड्रेट शरीर में सेरोटोनिन को बढ़ाते हैं और ये एक ऐसा रसायन जो आपके मूड पर शांत प्रभाव दिखाता है। प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ नॉरपेनेफ्रिन, डोपामाइन और टायरोसिन को बढ़ाते हैं, जो आपको सतर्क रखने में मदद करते हैं। सब्जियां और फल पोषक तत्वों से भरे होते हैं, जो आपके शरीर की हर कोशिका को हेल्दी रखते हैं, जिनमें मूड को प्रभावित करने वाले मस्तिष्क रसायनों को भी शामिल किया जाता है। ओमेगा -3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड संज्ञानात्मक कार्य के लिए जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं कि विशेषतौर पर डोपामाइन और ओमेगा-3 से जुड़ी कौन सी चीजों हमारी डाइट में होना चाहिए।

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बच्चों की डाइट में शामिल करें ये दो चीजें (Diet and mental health in children)

1. खाएं डोपामाइन को बढ़ावा देने वाली चीजें

डोपामाइन अमीनो एसिड टायरोसिन और फेनिलएलनिन से उत्पन्न होता है। दोनों प्रोटीन-युक्त खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। इन अमीनो एसिड के बहुत अधिक सेवन से डोपामाइन का स्तर बढ़ सकता है। इसके लिए दूध, पनीर और दही जैसे डेयरी खाद्य पदार्थ को खाएं। चिकन और टर्की के मांस आदि को चुनें। साथ ही अंडे, फल और सब्जियां, विशेष रूप से केले में बादाम और अखरोट जैसे नट्स व डार्क चॉकलेट खाना शरीर में डोपामाइन की कमी को दूर कर सकता है।

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2. ओमेगा-3 वाले खादय पदार्थ

ओमेगा -3 फैटी एसिड आपके शरीर और मस्तिष्क के लिए विभिन्न लाभ हैं। यह शरीर के अंदर मौजूद कोशिकाओं में जमा होकर उन्हें सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ-साथ ओमेगा 3 फैटी एसिड हृदय रोगों से बचाए रखता है और बॉडी बिल्डिंग में भी काफी मददगार साबित होता है। अब जानिए कि आखिर किन खाद्य पदार्थों में आपको मिल सकता है। डाइट में इसे बढ़ावा देने के लिए अंडा, मछसी, सोयबीन, चिया सीड्स, बादाम औप फैलक्स आदि का सेवन जरूर करें।यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार, फ्लैक्स सीड यानी कि अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। अदर आप इन बीजों को पीस कर अपने बच्चे को दूध में मिलाकर देते हैं, तो ये उनके दिमाग तेज करने में उनकी मदद करगा।

इस तरह इन डाइट की मदद से हम अपने बच्चे को मानसिक तौर पर स्वस्थ रख सकते हैं। इसके अलावा माता-पिता को एक सकारात्मक रवैया रखते हुए उनसे बात करने और उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं योग और एक्सरसाइज की मदद से भी आप अपने बच्चों तो अवसाद और अन्य तरह की मानसिक बीमारियों से बचा सकते हैं।

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