गैस और कब्ज का कारण बन सकता है मीट-मछली और प्रोटीन युक्त खाना, आज से फॉलो करें ये प्लांट बेस्ड शाकाहारी डाइट

ये डाइट वजन बढ़ने और कई पुरानी बीमारियों जैसे कि टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग और अल्जाइमर आदि को ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है।
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गैस और कब्ज का कारण बन सकता है मीट-मछली और प्रोटीन युक्त खाना, आज से फॉलो करें ये प्लांट बेस्ड शाकाहारी डाइट


मीट और मछली दोनों को यूं तो लो फैट वाला खाना माना जाता है, जो शरीर को अच्छी मात्रा में प्रोटीन पहुंचाने का काम करता है। प्रोटीन शरीर के लिए कई मायनों में फायदेमंद है, पर इसे पचाना हर किसी के मेटाबॉलिज्म के लिए आसान नहीं होता है। शरीर में ज्यादा प्रोटीन होने की वजह से गैस और कब्ज की परेशानी होती है, जो अन्य पेट की समस्याओं को भी जन्म देती है। ऐसे में जरूरी है कि आप कोई ऐसी डाइट लें जो शरीर में तमाम खलिजों को संतुलित करते हुए गैस और कब्ज की परेशानियों को पैदा न करे। आज हम आपके लिए ऐसे ही शाकाहारी डाइट लाएं है, जिसमें प्रोटीन की निम्न मात्रा भी है और ये तमाम अन्य खलिजों से संतुलित भी है। तो आइए जानते हैं क्या है ये डाइट।

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प्लांट बेस्ड शाकाहारी डाइट के फायदे (Plant Paradox Diet)

प्लांट पैराडॉक्स डाइट की परिकल्पना स्टीवन गुंडरी ने अपनी किताब में दी है। उन्होंने अपनी किताब में ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बात की है जो वजन बढ़ाने के साथ दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी पैदा कर सकते हैं। ऐसे में इस डाइट की परिकल्पना में उन चीजों को शामिल करने की बात कही गई जो कि लेक्टिन-मुक्त आहार (lectin-free diet) हो। 

लेक्टिंस कई खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले प्रोटीन हैं, लेकिन मुख्य रूप से टमाटर और बैंगन जैसे फलियां, अनाज, और नाइटहेड वेजी में पाए जाते हैं। साथ ही ये अंडों और कुछ मीट-मछलियों में भी पाए जाते हैं। डॉ. गुंडरी के अनुसार, लेक्टिक्स विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो पौधों को जीवित रहने के लिए पैदा होते हैं और इनसे सूजन, आंतों की क्षति और वजन बढ़ने सहित कई जटिलताओं के कारण खाया नहीं जाना चाहिए। हालांकि कुछ लेक्टिंस खतरनाक होते हैं, कई खाद्य पदार्थ जिनमें लेक्टिन होते हैं वे पौष्टिक, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। वहीं इससे पेट में कब्ज और गैस जैसी परेशानी हो सकती है।

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कैसी हो आपकी डाइट?

स्टार्च और अनाज से मुक्त उत्पाद जैसे शकरकंद और ब्रेड आदि खाएं। मेवे जैसे कि नट्स, अखरोट, तिल और अखरोट आदि का भी सेवन करें। फलों में एवोकैडो, जामुन और नारियल आदि का सेवन करें व सब्जियां में मशरूम, ब्रोकोली, पालक, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, भिंडी, गाजर, मूली, बीट्स आदि लें। वहीं अगर डेयरी प्रोडक्ट्स की करें, तो बकरी का दूध और पनीर, क्रीम, मक्खन, जैतून का तेल, नारियल तेल और एवोकैडो आदि का सेवन करें।

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प्लांट पैराडॉक्स डाइट के फायदे

1. इंसुलिन सेंसिटिविटी में सहायता करता है

प्लांट पैराडॉक्स डाइट में शुगर युक्त चीजें, अनाज, और अधिकांश स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को सीमित करने के लिए कहा जाता है, जिससे आपकी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हो सकता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। सुगन्धित खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड अनाज, और स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थ  विशेष रूप से कम फाइबर, प्रोटीन या वसा वाले आहार आपके ब्लड शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं, जिससे इंसुलिन में स्पाइक पैदा होता है।

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2. पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है

ये आहार और अन्य लेक्टिन-मुक्त आहार के प्रमुख लाभों में से एक है, जो बेहतर पाचन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। खासकर पाचन मुद्दों या लेक्टिन संवेदनशीलता से जूझ रहे लोगों के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है। लेक्टिन के प्रति संवेदनशील व्यक्ति अपने पाचन तंत्र की क्षति और आंत के बैक्टीरिया में असंतुलन का अनुभव करवा सकते हैं। यह न केवल कब्ज या दस्त जैसी पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है, बल्कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, अवरुद्ध विकास और त्वचा की स्थिति जैसी जटिलताएं में भी कमी ला सकता है।

इस तरह आप इस डाइट की मदद से अपने पेट को शांत और हेल्दी बना कर रख सकते हैं। ये डाइट आपके स्किन को भी डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है। ये शरीर में ब्लड प्रेशर को भी सही रखता है और हर तरीके से आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। तो एक बार जरूर ट्राई करें ये डाइट।

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