Measles Outbreak in India: भारत में इस साल खसरा संक्रमण के रिकॉर्ड मामले दर्ज किये गए हैं। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक देश में इस साल खसरे के 12 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ये मामले बीते 4 सालों में सबसे ज्यादा हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में सामने आए खसरे के रिकॉर्ड मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर स्थिति कंट्रोल में नहीं आई तो खसरे के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं। महाराष्ट्र में बीते कुछ दिनों से खसरे के मामले देखे जा रहे थे लेकिन अब देश के कुछ अन्य राज्य जैसे गुजरात, झारखंड, केरल में भी खसरे के मामले बढ़े हैं। खसरा एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो बच्चों में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। खसरे से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से भी यह बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।
15 साल से 21 साल के लोग भी आ रहे चपेट में
खसरा को अंग्रेजी में मीजल्स के नाम से भी जाना जाता है। भारत में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़े हैं। खासतौर से मुंबई में खसरा के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। वैसे तो खसरे का संक्रमण बच्चों में सबसे ज्यादा देखने को मिलता था लेकिन इस बार 15 साल से लेकर 21 साल की उम्र के युवाओं में भी खसरे के मामले देखे गए हैं। इस बीमरी की वजह से बच्चों की मौतें भी हो रही हैं। खसरा संक्रमण के तेजी से फैलने पर डब्ल्यूएचओ समेत कई संगठनों ने चिंता व्यक्त की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी एक आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में दुनियाभर में खसरा से लगभग 90 लाख लोग संक्रमित हुए थे और इस गंभीर संक्रमण से 1 लाख 28 हजार मरीजों की मौत भी हुई थी। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह बीमारी बेहद संक्रामक है और सावधानियों का ध्यान न रखने पर इसके मामले तेजी से फैल सकते हैं।
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जनवरी माह से बढ़े खसरा के मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खसरे के मामले जनवरी महीने से अक्टूबर महीने के बीच तेजी से बढ़े हैं। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी महीने में खसरा के 630 मामले दर्ज किये गए थे। इसके बाद फरवरी में 802, मार्च के महीने में 1,383, अप्रैल में 1,511 मामले सामने आए थे। इसके बाद मई महीने में मामलू गिरावट के साथ खसरे के मामले 1,455, जून में 1,396 दर्ज किये गए थे। जुलाई महीने में एक बार फिर खसरे के मामले तेजी से बढ़े और इस महीने 1,715 मामले सामने आए, इसके बाद अगस्त में 1,640 और सितंबर में 1,772 मामले दर्ज किये गए हैं। इस साल सितंबर महीने में खसरे के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
WHO और सीडीसी ने दी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अपने बयान में कहा है कि खसरे का संक्रमण खत्म करने के लिए टीके की खुराक ज्यादा से ज्यादा लोगों को दी जानी चाहिए। खसरे के खिलाफ टीकाकरण कम होने के कारण इसके मामले ज्यादा लोगों में देखे जा सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में खसरे और रूबेला की वैक्सीन MRCV की पहली खुराक लगभग 89 प्रतिशत लोगों को दी गयी है और दूसरी खुराक भी 82 प्रतिशत लोगों को लगाई जा चुकी है।
कोरोनाकाल में खसरे का टीकाकरण कम होना चिंता का विषय
बीते 2 सालों से देश कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों का खसरे का टीकाकरण अभियान प्रभावित हुआ था। बच्चों का टीकाकरण न हो पाने की वजह से बच्चों में इस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और सीडीसी की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 में कोरोना महामारी के चलते लगभग 4 करोड़ बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया था।
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खसरा का इलाज और बचाव- Measles Treatment And Prevention in Hindi
खसरा एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो ज्यादातर बच्चों को प्रभावित करती है। खसरे की बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं मौजूद है, इस बीमारी को टीकाकरण से ही रोका जा सकता है। खसरा संक्रमण होने पर बुखार, स्किन पर चकत्ते, गले में खराश और खुजली आदि लक्षण देखे जाते हैं। इन लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर मरीजों को कुछ दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं। खसरे से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे जरूरी है और इसके अलावा खसरा संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाने से आप इस संक्रमण की चपेट में आने से बच सकते हैं।
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