राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महिलाओं के पक्ष में एक नया कानून पास कर बड़ी राहत दी है। राष्ट्रपति द्धारा मुहर लगे नए कानून के तहत अब महिलाओं को 12 हफ्तों की बजाय26 हफ्तों की मैटरनिटी लीव मिलेगी। राष्ट्रपति ने मातृत्व लाभ संशोधन कानून, 2017 को अपनी मंजूरी दे दी है।
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कानून के तहत 50 या ज्यादा कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों के लिए निर्धारित दूरी के भीतर क्रेच की सुविधा होना भी आवश्यक है। कानून में यह भी साफ-साफ लिखा गया है कि कानून में हुए इस संशोधन की जानकारी सभी संस्थानों को नियुक्ति के वक्त मौखिक और लिखित रूप से बताना अनिवार्य है। इसके साथ ही संस्थान महिलाओं को मातृत्व अवकाश पाने के बाद घर से काम करने की इजाजत भी दे सकता है। हालांकि यह अनिवार्य नहीं है। ऐसी स्थिति में नियोक्ता और महिला आपसी तालमेल से राजी हो सकते हैं।
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संशोधित हुए कानून में यह भी कहा गया है कि 26 हफ्तों की मैटरनिटी लीव सिर्फ 2 बच्चों के लिए है। दस या ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होने वाला कानून कहता है कि दो या ज्यादा बच्चों वाली महिला केवल 12 हफ्ते के मातृत्व अवकाश की हकदार होगी।
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