सप्ताह में 49 घंटे से ज्यादा काम करने वालों में हाइपरटेंशन का खतरा 70 फीसदी अधिकः स्टडी

एक अध्ययन में सामने आया है कि ऑफिस में डेस्क पर बैठे-बैठ ज्यादा समय बिताने से मास्कड हाइपरटेंशन का खतरा 70 फीसदी तक बढ़ जाता है। जानने के लिए पढ़ें।
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सप्ताह में 49 घंटे से ज्यादा काम करने वालों में हाइपरटेंशन का खतरा 70 फीसदी अधिकः स्टडी

ऑफिसों में डेस्क पर बैठे-बैठे लंबे वक्त तक काम करने से आप हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के खतरे का शिकार हो सकते हैं। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि डेस्क पर लंबे वक्त तक काम करने से एक स्थिति ऐसी भी सामने आई है, जिसमें आपको पता ही नहीं लगेगा कि आप इस बीमारी के शिकार हैं फिर चाहे डॉक्टर ने आपका बीपी (blood pressure) सामान्य ही क्यों न बताया हो।

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3,500 से ज्यादा लोगों के डेटा पर किए गए एक विश्लेषण में शोधकर्ताओं ने पाया कि वे लोग, जो ऑफिसों में अपना काम करते हुए लंबा वक्त बिताते हैं उनमें निरंतर हाइपरटेंशन का जोखिम 66 फीसदी और मास्कड हाइपरटेंशन का जोखिम 70 फीसदी से ज्यादा रहने का खतरा होता है। मास्कड हाइपरटेंशन उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें आपका ब्लड प्रेशर डॉक्टर के क्लीनिक में सामान्य रहता है लेकिन दूसरे वक्त बढ़ा हुआ होता है।

क्यूबेक की लवाल यूनिवर्सिटी में सोशल एंड प्रीवेंटिव मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक जेवियर ट्रूडल का कहना है, ''लोगों को इस बात से अवगत होना चाहिए कि ज्यादा देर तक ऑफिस में काम करने से आपका स्वास्थ्य प्रभावित होता है और अगर उन्हें ज्यादा देर तक काम करना ही है तो उन्हें इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें समय-समय पर अपने ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करानी चाहिए।''

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ट्रूडल का कहना है कि मास्कड हाइपरटेंशन की समस्या अगर लंबे वक्त तक रहती है तो ये ह्रदय रोगों के विकसित होने के खतरे को बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी देखा है कि पांच वर्षों से अधिक समय से मास्कड हाइपरटेंशन से पीड़ित पांच में से एक व्यक्ति में कभी भी क्लीनिक में हाई ब्लड प्रेशर के संकेत नहीं दिखे, जिसके कारण संभावित रूप से निदान और इलाज में देरी होती है।

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ट्रूडल और उनके सहयोगियों ने अध्ययन में शामिल लोगों के ब्लड प्रेशर को पहले साल, तीसरे साल और फिर 5 साल के दौरान उनके ब्लड प्रेशर की जांच की। डॉक्टर की क्लीनिक रीडिंग का अनुकरण करने के लिए शोधकर्ताओं ने कार्यस्थल पर एक ऑफिस का प्रयोग किया और प्रत्येक व्यक्ति का हर सुबह तीन बार ब्लड प्रेशर चेक किया। उसके बाद पूरे दिन इन व्यक्तियों के ब्लड प्रेशर पर मॉनिटरिंग डिवाइस से नजर रखी गई। ये डिवाइस हर 15 मिनट बाद रीडिंग लेती थी और दिन में कम से कम 20 बार ब्लड प्रेशर की रीडिंग ली गई।

शोधकर्ताओं को डॉक्टर क्लीनिक में लोगों के हाइपरटेंशन की रीडिंग 140/90  एमएम/एचजी के रूप में मिली, जिसे हाइपरटेंशन के रूप में परिभाषित किया गया वहीं काम के दौरान उनका बीपी 135/85 एमएम/एचजी दर्ज किया गया। कुल मिलाकर 18.7 फीसदी लोगों को निरंतर हाइपरटेंशन की शिकायत पाई गई, इनमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं, जो पहले से ही हाइपरटेंशन की दवाईयां ले रहे हैं। अध्ययन के मुताबिक, जबकि 13.5 फीसदी कर्मचारी मास्कड हाइपरटेंशन की शिकायत से परेशान पाए गए और ये लोग हाई ब्लड प्रेशर का उपचार नहीं प्राप्त कर रहे थे।

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जब शोधकर्ताओं ने हाइपरटेंशन के खतरे को प्रभावित करने वाले कारकों जैसे नौकरी के तनाव, उम्र, लिंग, शिक्षा के स्तर,  व्यवसाय, धूम्रपान और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के लिए ब्लड प्रेशर के डेटा का विश्लेषण किया तो उन्होंने पाया कि काम के लंबे घंटे हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को बढ़ाते हैं।

अध्ययन के मुताबिक, वे लोग, जो सप्ताह में 49 या उससे ज्यादा घंटे तक काम करते हैं उनमें मास्क हाइपरटेंशन का खतरा 70 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाता है। जबकि सप्ताह में 41 से 48 घंटे से ज्यादा काम करने वाले लोगों में मास्कड हाइपरटेंशन का खतरा 51 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाता है, विशेषकर उन लोगों के मुकाबले, जो ऑफिस में कम समय बिताते हैं।

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