संयुक्‍त परिवार में रहने के क्‍या हैं फायदे, जानें ये 7 बातें

संयुक्त परिवार में बचपन अकेलेपन में नहीं गुज़रता, युवाओं को बेहतर मार्गदर्शन और एक उम्दा जीवनशैली मिलती है। तो वहीं संयुक्त परिवार में घर का सबसे बुज़ुर्ग सदस्य अपने जीवन के अनुभवों को बांटते हुए घर-परिवार के सदस्यों के मतभेदों को अपने तज़ुर्बे और समझ से सुलझा देता है।
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संयुक्‍त परिवार में रहने के क्‍या हैं फायदे, जानें ये 7 बातें


परिवार मानव जाति की सबसे आम और अनन्त नींव है। हर समाज में और हर व्यक्ति के पीछे, कुछ प्रकार का परिवार होता है। दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के परिवार हैं, हालांकि, भारत में सबसे अधिक प्रचलित एक पारिवारिक तंत्र अलग विचार के योग्य है। इस प्रणाली को संयुक्त परिवार कहा जाता है। संयुक्त परिवार में बचपन अकेलेपन में नहीं गुज़रता, युवाओं को बेहतर मार्गदर्शन और एक उम्दा जीवनशैली मिलती है। तो वहीं संयुक्त परिवार में घर का सबसे बुज़ुर्ग सदस्य अपने जीवन के अनुभवों को बांटते हुए घर-परिवार के सदस्यों के मतभेदों को अपने तज़ुर्बे और समझ से सुलझा देता है।

संयुक्‍त परिवार में रहने वालों के लिए हम कुछ ऐसे टिप्‍स दे रहे हैं जिससे आपके परिवार की एकजुटता बनी रहेगी और इसके फायदे भी देखने को मिलेंगे।

1. परिवार में एकजुटता की सबसे पहली सीढ़ी है कि हम अपने बच्चों को बड़ों की इज़्ज़त करना सिखाएं। ये बात केवल बच्चों पर ही लागू नहीं होती, ख़ुद भी इस बात पर अमल करना चाहिए। इससे परिवार में एकजुटता बनी रहती है।

2. अपने बच्चों को घर मे आए किसी रिश्तेदार को प्रणाम करना या शिष्टाचार से नमस्ते करना ज़रूर सीखना चाहिए। यदि आप अपने मां-पिता से दूर रहते हैं, तो बच्चों को अपने फ़ैमिली फ़ोटो एलबम के द्वारा घर के अन्य सभी सदस्यों से रूबरू कराना चाहिए।

4. जितना हो सके अपने बच्चों को प्यार से बातें करना सिखाएं। सबसे ज़रूरी यह है कि इन बातों को ज़्यादा सिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ती, बच्चे वैसा व्यवहार ही करते हैं, जैसा उनके घर का माहौल होता है।

5. बच्चों के सामने कभी भी किसी से भी बद्तमीज़ी या चिल्ला-चिल्लाकर बात ना करें। साथ ही अपने बच्चों को अपने से बड़े या छोटों से विनम्रता पूर्वक बात करने की सीख दें।

6. बुज़ुर्गों और बच्चों का सम्मान करना हमारे अच्छे शिष्टाचार को दिखाता है। इसलिए अपने बच्चों को सदैव बुज़ुर्गों के प्रति विनम्र और छोटे बच्चों के प्रति संवेदनशील होना सिखाएं। उन्हें ये भी बताएं कि जीवन में कभी भी किसी भी बुज़ुर्ग की मदद के लिए हमेशा आगे आएं।
 
7. एकल परिवार में बच्चों को बेहद लाड़-प्यार से पाला जाता है, जिससे वे कई बार ज़िद्दी हो जाते हैं और हर बात के लिए ज़िद करते हैं। ऐसे में उन्हें उन बच्चों की ज़रूरतों और मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में बताएं जो उन चीज़ों से वंचित रह जाते हैं। जितना हो सके अपने बच्चों को ज़मीन से जुड़े रहना सिखाएं। इससे आपका परिवार हमेशा आगे बढ़ता रहेगा।

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8. बच्चों को अपने बचपन के क़िस्से सुनाएं, उन्हें बताएं कि घर-परिवार में कैसे खाने से लेकर कपड़ों तक को साझा किया जाता था। इन बातों को इतने मज़ेदार तरीक़ों से बताएं कि बच्चे को संयुक्त परिवार की बातें बेकार ना लगें, परिवार के बीच वह अपने चचेरे भाई और बहनों के साथ प्रेम पूर्वक रहें।

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