Mumbai News: मुंबई में बढ़े कुष्ठ रोग के मामले, पिछले साल की तुलना में दिखी दोगुना वृद्धि

लेप्रोसी यानि कुष्ट रोग एक गंभीर समस्या है। इसे आम भाषा में कोढ़ या फिर कुष्ट रोग भी कहा जाता है। मुंबई में इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
Mumbai News: मुंबई में बढ़े कुष्ठ रोग के मामले, पिछले साल की तुलना में दिखी दोगुना वृद्धि


लेप्रोसी यानि कुष्ट रोग एक गंभीर समस्या है। इसे आम भाषा में कोढ़ या फिर कुष्ट रोग भी कहा जाता है। मुंबई में इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार कुष्ट रोग के मामले दोगुने हो गए हैं। इस बार इस रोग के 626 मामले सामने आए हैं। इनमें से ज्यादातर मामले मल्टीबेकिलरी लिप्रेसी के ग्रेड 2 के दिख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन मामलों का जल्दी पता लगाए जाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है, जिससे सरकार द्वारा साल 2027 तक इसे खत्म करने के निर्धारित किए गए लक्ष्य को पूरा किया जा सके। 

मल्टी बेसिलरी लेप्रोसी के 77 फीसदी मामले 

मुंबई के एक सरकारी डेटा के आंकड़ों की मानें तो इस साल लेप्रोसी के 626 मामलों में से 482 यानि 77 फीसदी मामले मल्टी बेसिलरी लेप्रोसी के एडवांस स्टेज के हैं। यह एक खतरनाक किस्म का कुष्ट रोग है, जो मरीज के लिए अधिक हानिकारक साबित हो सकता है। वहीं साल 2021-22 में लेप्रोसी के केवल 336 मामलों की ही पुष्टि हुई थी, जो इस बार के आंकड़ों की तुलना में लगभग दोगुने हैं। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना महामारी से पहले इस बीमारी के 400 से 500 मामले हर साल देखे जाते थे। महामारी के बाद इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कई अभियान चलाए गए हैं। 

इसे भी पढ़ें - ओस्टियोआर्थराइटिस रोग क्यों होता है? डॉक्टर से आसान भाषा में जानें इसके कारण

कुष्ट रोग के लक्षण 

लेप्रोसी या कुष्ट रोग का सबसे ज्यादा प्रभाव त्वचा पर पड़ता है। ऐसे में त्वचा में रूखापन आने के साथ ही सफेद धब्बे भी बनने लगते हैं। ऐसी स्थिति में शरीर के तमाम हिस्सों में सूजन और गांठ बनने लगती है साथ ही साथ कई बार आंखों की पलकें भी निकलने लगती हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। 

liprosy

कैसे होता है कुष्ट रोग का उपचार? 

प्रेदीप बाहरी, चेयरमैन, डिस्ट्रिक्ट लेप्रोसी कंट्रोल के मुताबिक लेप्रोसी होने पर अगर इसका पता जल्दी या फिर बैक्टीरिया पनपने तक चल जाए तो ऐसे में इलाज में थोड़ी आसानी हो जाती है। ऐसी स्थिति में यह समस्या ठीक भी हो सकती है। अगर आप इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के मुंह की लार या फिर नाक से निकलने वाले पानी के संपर्क में आते हैं तो ऐसे में संभव है कि यह समस्या आपको भी हो सकती है।

Read Next

2040 तक टीबी, एचआईवी और मलेरिया की तुलना में हेपेटाइटिस से होंगी अधिक मौतें : WHO

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version