हेपेटाइटिस आज के समय में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। हाल ही में जारी डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2040 तक टीबी, एचआईवी और मलेरिया की तुलना में हेपेटाइटिस से ज्यादा लोगों की मौतें होंगी। इसे देखते हुए डब्लूएचओ ने इस बीमारी के इलाज पर बल दिया है। डब्लूएचओ के आंकड़ों की मानें तो इस बीमारी से हर साल लगभग 10 लाख लोग मरते हैं, जबकि 7 करोड़ से ज्यादा लोग इस समस्या से ग्रस्त हैं।
लाखों लोग बिना इलाज के कर रहे हैं संघर्ष
डब्लूएचओ के मुताबिक दुनियाभर में ऐसे लाखों लोग हैं, जिन्हें हेपाटाइटिस होने के बाद भी पता नहीं होता है। जानकारी नहीं मिल पाने से ये लोग समय से इलाज नहीं कराते हैं, जिसके चलते समस्या बढ़ जाती है। डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल Tedros Ghebreyesus ने कहा कि हम सभी देशों को हेपेटाइटिस की समस्या और इससे मरने वाले आंकड़ों को कम करने के लिए लगातार मदद करेंगे। इसके लिए डब्लूएचो देशों में उपकरण और दवाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास करेगा।
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किसे है ज्यादा खतरा?
हेपेटाइटिस के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इसका अधितक खतरा रहता है। इसपर विस्तार से जानने के लिए हमने डॉ. भाविनी शाह, हेड ऑफ माइक्रोबायोलॉजी, Neuberg Supratech Reference Laboratories, अहमदाबाद से बातचीत की। डॉ. भाविनी ने बताया कि पुराने या फिर सफाई से इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं करने वाले लोगों में इसका खतरा रहता है। नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करने के साथ ही साथ हेपेटाइटिस से पीड़ित मरीज के साथ शारीरिक संबंध बनाने से यह दूसरे व्यक्ति तक भी पहुंच सकता है। टैटू या फिर नाक, कान में छेद कराते समय भी उपकरणों की साफ-साफाई का ध्यान रखना जरूरी है।
5 प्रकार का होता है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस के 5 प्रकार होते हैं, हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई। हेपेटाइटिस ए आमतौर पर गंदे पानी या फिर खाना खाने से फैलता है। हेपेटाइटिस बी के फैलने के पीछे संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक संबंध या फिर रेजर आदि का इस्तेमाल करना होता है। हेपेटाइटिस सी इंजेक्शन या फिर यौन संबंध बनाने से फैल सकता है। हेपेटाइटिस डी एचआईवी से पीड़ित मरीज के संपर्क में आने और हेपेटाइटिस ई गंदे पानी और गंदगी के कारण फैल सकता है।