अक्सर स्त्रियां अपनी त्वचा, फिटनेस या बाहरी सुंदरता पर ज्यादा ध्यान देती हैं लेकिन वे अपने निजी अंगों की सफाई को गंभीरता से नहीं लेती है। ऐसे में अगर आपको इसकी सही जानकारी नहीं हो तो गंभीर परेशानियों से भी गुजरना पड़ सकता है। खासतौर में पीरियड्स के दिनों में संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इन समस्याओं से बचने के लिए अंदरूनी हिस्से की साफ सफाई की अच्छी आदतों और बुरी आदतों का पता होना बेहद जरूरी है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि कम उम्र से ही किन आदतों को विकसित करना जरूरी है, जिससे अंदरूनी समस्या दूर हो जाए। इसके लिए हमने गायनी से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे....
सफाई क्यों है जरूरी
स्त्रियां इस बात से अनभिज्ञ रहती हैं कि अंदरूनी हिस्से की सफाई रखना कितना जरूरी है। वे इस चीज़ को हल्के में लेती हैं। उन्हें लगता है कि केवल पानी या साबुन से इसको साफ रखा जा सकता है पर ऐसा नहीं है। पानी और साबुन की वजह से वजाइनल एरिया का प्राकृतिक पीएच गड़बड़ाने लगता है। ऐसे में यह जल्दी संक्रमित हो जाते हैं। अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो लैक्टिक एसिड युक्त पीएच बैलेंस क्लींजर का प्रयोग करके इस एरिया को साफ़ रखा जा सकता है।
पीरियड्स में देखभाल बेहद जरूरी
वैसे तो प्राकृतिक तौर पर कुछ ऐसे द्रवों का स्त्राव होता है जो वजाइना की सुरक्षा के लिए बेहद कारगर है। इनके माध्यम से बाहरी बैक्टीरिया वजाइना को नकारात्मक प्रभाव नहीं पहुंचा सकते। लेकिन पीरियड्स के दौरान ऐसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इन दिनों पीएच लेवल ऊपर नीचे हो जाता है इसीलिए इन दिनों हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। एक स्वस्थ वजाइना का पीएच 3.5 होना चाहिए। जब ये डिस्टर्ब हो जाता है तो ये पी.एच 7 तक पहुंच जाता है। पीरियड्स के दौरान भी साबुन या पानी से पीएच स्तर गड़बड़ा सकता है इसीलिए सफाई करने के लिए लैक्टिक एसिड फार्मूले वाली इंटिमेट हाइजीन वॉश का इस्तेमाल करें। जिससे आप पीएच को डिस्टर्ब होने से बचा सकते हैं।
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किन आदतों को जोड़ें और किन आदतों को घटाएं
- अंदरूनी हिस्से पर सिंथेटिक अंडर गारमेंट्स का प्रयोग सीमित मात्रा में करें।
- पानी से बार-बार अंदरूनी हिस्सों को ना धोएं।
- तैराकी के शौकीन पीरियड्स के दौरान ना तेरे। इन दिनों पानी में ज्यादा देर तक नहीं रहना चाहिए।
- वजाइना पर साबुन, स्प्रे या स्पंज का प्रयोग ना करें।
- अगर अब वजाइना के अनुकूल पीएच स्तर को गड़बड़ होने से बचाना चाहते हैं तो लैक्टिक एसिड फार्मूला वाले बॉस को इस्तेमाल करें।
- वाइप्स या पैड का इस्तेमाल करते वक्त वजाइनल एरिया रसायनों का ध्यान रखें।
- कॉटन और साफ अंडरगारमेंट्स का चुनाव करें।
- पीरियड के दौरान 3 से 4 घंटे के अंदर सैनिटरी पैड्स बदलते रहें।
- संक्रमण से के लिए लंबे समय तक गीले पैड्स का प्रयोग ना करें।
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(ये लेख सीड्स ऑफ इनोसेंस की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉक्टर गौरी अग्रवाल से बातचीत पर आधारित है।)
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