
प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए सबसे अहम खुशी होती है। ये वो पल होता है जब स्त्री अपने शरीर में अनेक बदलावों को महसूस करती है। ऐसे में उसके आसपास मौजूद लोग चाहते हैं कि वह इस अवस्था में अपना पूरा ध्यान रखें और हेल्थी व पोष्टिक चीजों का सेवन करें। लेकिन अगर आप सेहतमंद संतान की इच्छा रखते हैं तो ऐसे खाद्य को अपनी डाइट में जोड़ें जो संतुलित पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक हों। बहुत सी ऐसी परेशानियां होती हैं जो गर्भ में ही पनपनी शुरू हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप किस तरह के आहार से अपने बच्चे को सेहतमंद और तंदुरुस्त बना सकती हैं। पढ़ते हैं आगे...
बच्चों की सुंदर और अच्छी आंखों के लिए
अच्छी आंखें ओमेगा 3 फैटी एसिड पर निर्भर करती हैं। इसी के जरिए नर्वस सिस्टम का सही विकास हो पाता है। अगर गर्भावस्था में इसकी कमी हो जाए तो बच्चे में दृष्टि संबंधित रोग या व्यवहार संबंधित परेशानी देखने को मिल सकती है। ऐसे में अपनी डाइट में ऑयली फिश जैसे हेरिंग, टूना, सार्डिन आदि जोड़ें। इसके अलावा अगर आप नॉन वेजिटेरियन नहीं है तो डॉक्टर की मदद से सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। साथ ही फ्लैक्ससीड ऑयल, वॉलनट, ओटमील, ग्रेनोला आदि ले सकते हैं।
बच्चों की मजबूत हड्डियों के लिए
कैल्शियम बच्चों की हड्डी और दांतों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। वहीं अगर कैल्शियम को पर्याप्त मात्रा में लिया जाए तो गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप तथा किड़नी खराब होने की समस्या भी कम हो जाती है। कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए अपनी डाइट में 1500 से 2000 मिलीग्राम कैलशियम सप्लीमेंट्स जोड़ें। इसके अलावा आप दूध, दही, ऑरेंज जूस आदि को अपनी डाइट में जोड़ सकते हैं।
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बेहतर मस्तिष्क के लिए
बेहतर दिमाग और याददाश्त तेज करने के लिए कोलीन बेहद महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व है। इसको लेकर काफी शोध भी सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि पोलिंग के सेवन से ब्रेन सुपर चार्ज हो जाता है। कोलीन की कमी को पूरा करने के लिए अंडे की जर्दी, फ्लैक्ससीड यानी अलसी, ओट आदि को जोड़ सकते हैं कॉलिंग के लिए अंडा एक बेहतर स्त्रोत है।
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कुछ जरूरी बातें
- गर्भावस्था में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दूध, दही, पनीर, सोयाबीन और दाल को अपनी डाइट में जोड़ सकते हैं।
- आयरन की कमी से गर्भावस्था में परेशानी हो सकती है इसीलिए ऊर्जा के लिए प्रतिदिन 60 मिलीग्राम आयरन लेना जरूरी होता है।
- स्त्रियों को अक्सर जिंक की कमी हो जाती है इस कमी से प्रसव के दौरान समस्या हो सकती है। इस जिंक की कमी से इम्यूनिटी सिस्टम भी कमजोर होना शुरू हो जाता है। इसलिए जिंक की कमी को पूरा करना बेहद जरूरी होता है। इसकी कमी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पाचन क्रिया की प्रक्रिया को ठीक प्रकार से काम करने के लिए जिंक बहेद जरूरी पोष्टिक तत्व है।
- गर्भावस्था में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है इसलिए हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में लें।
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