यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है कि अवसाद किन कारणों से होता है, लेकिन माना जाता है कि इसमें कई कारकों की अहम भूमिका होती है। जीवन के कई अहम पड़ाव जैसे, किसी करीबी की मृत्यु, नौकरी चले जाना या शादी का टूट जाना आदि आमतौर पर अवसाद का कारम बनते हैं। इनके साथ ही यदि मन में हर समय कुछ बुरा होने की आशंका रहे तब भी अवसाद में जाने का जोखिम रहता है। वहीं कुछ मेडिकल कारणों से भी लोगों को अवसाद होता है, जिनमें से एक थायरॉयड की कम सक्रियता या कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स (खासतौर पर ब्लड प्रेशर कम करने वाली कुछ दवाएं) से भी अवसाद हो सकता है।
तो यह ज़रूरी नहीं है कि अवसाद से पीड़ित मरीजों को समान लक्षणों का अनुभव हो। रोग के लक्षणों की तीव्रता, बारंबारता और अवधि उस व्यक्ति और उसकी बीमारी पर निर्भर होते हुए अलग अलग होती है।
अवसाद के लक्षण
मूड
सामान्य उदासी अवसाद की श्रेणी में नहीं आती लेकिन किसी भी काम में मन न लगना, अरुचि, किसी बात से खुशी न होना यहां तक दुख का भी अहसास न होना अवसाद के लक्षण होते हैं।
विचार
विचार अर्थात हर समय नकारात्मक सोच होना।
शारीरिक
शारीरिक लक्षण जैसे नींद न आना या बहुत नींद आना। बीच रात को नींद खुल जाना और यदि यह दो सप्ताह से ज्यादा हो तो ये अवसाद के लक्षण होते हैं। अवसाद बिना किसी खास कारण के भी हो सकता है। ये धीरे-धीरे घर करता जाता है और बजाए मदद की कोशिश के लोग इससे संघर्ष करते रहते हैं।
दिमाग के रसायन अवसाद में किस प्रकार की भूमिका अदा करते हैं ये अभी तक पूरी तरह नहीं समझा जा सका है। लेकिन अधिकतर विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि ये केवल दिमाग में किसी तरह के असंतुलन की वजह से ही नहीं होता।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version