सर्दियों की शुरुआत होते ही शरीर को गर्म रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ऐसे फूड्स की जरूरत होती है, इनसे शरीर को भरपूर पोषण मिल सके। खासकर, ठंड के मौसम में सूप का सेवन सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, सूप न केवल शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं, बल्कि ये वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करने में भी मददगार होते हैं। सर्दियों में अधिकतर लोगों में वात और कफ दोष का असंतुलन देखने को मिलता है, जिसके कारण सर्दी, जुकाम, खांसी, बलगम और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में सूप इन समस्याओं से राहत दिला सकते हैं। सूप न केवल शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, बल्कि पाचन में भी सुधार लाते हैं। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानिए, शरीर की प्रकृति के अनुसार कौन सा सूप पीना चाहिए?
शरीर की प्रकृति के अनुसार सूप
1. वात दोष के लिए सूप
सर्दियों में वात दोष बढ़ सकता है, इसलिए वात को शांत करने वाले गर्म, पोषक और आसानी से पचने वाले सूप फायदेमंद होते हैं।
मूंग दाल सूप: वात दोष को शांत करने के लिए मूंग दाल का सूप लाभकारी है। यह सूप न केवल पाचन में हल्का होता है बल्कि शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
सब्जियों के साथ लहसुन और अदरक का सूप: लहसुन और अदरक वात को संतुलित करने में मदद करते हैं और शरीर को गर्माहट देते हैं। ठंड के मौसम में यह सूप सांस संबंधित समस्याओं से भी राहत दिला सकता है।
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2. पित्त दोष के लिए सूप
पित्त दोष वाले लोगों का शरीर गर्म रहता है और पाचन शक्ति प्रबल होती है। पित्त दोष वाले लोगों को ऐसे सूप का सेवन करना चाहिए जो शरीर को ठंडक पहुंचाए और ज्यादा ऑयली ना हो।
चना सूप: जिन लोगों की पाचन शक्ति अच्छी होती है, उनके लिए चना सूप लाभकारी माना जाता है। चना सूप बल्य होता है और शरीर को शक्ति प्रदान करता है। यह पित्त को संतुलित रखने में मदद करता है।
लौकी का सूप: लौकी का सूप ठंडक प्रदान करने वाला होता है और इसे पित्त दोष वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह पित्त को शांत करता है और शरीर की आंतरिक गर्मी को संतुलित करता है।
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3. कफ दोष के लिए सूप
कफ दोष वाले लोगों का शरीर भारी, ठंडा और ऑयली होता है। ठंड और आर्द्रता कफ को बढ़ाती है, इसलिए कफ दोष में गर्म और मसालेदार सूप जैसे अदरक, लहसुन और हल्दी का सेवन करना लाभकारी होता है।
टमाटर सूप: कफ दोष वाले लोग टमाटर सूप का सेवन कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें सोर थ्रोट या एलर्जी की समस्या न हो। टमाटर सूप हल्का होता है, जो कफ को संतुलित करता है।
पालक और अदरक सूप: पालक और अदरक का सूप भी कफ को संतुलित करने में सहायक होता है। यह सूप कफ दोष वाले लोगों के लिए आदर्श होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें विटामिन और खनिज की भरपूर मात्रा होती है।
सूप के फायदे
- प्रत्येक दोष के अनुसार सूप का सेवन करने से न केवल दोष संतुलन में मदद मिलती है, बल्कि इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- दोष के अनुसार सूप का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है।
- आयुर्वेद के अनुसार दोषों के अनुसार आहार का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढती है, जिससे रोगों से बचाव होता है।
- दोषों के अनुसार सूप का सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और थकान में कमी आती है।
निष्कर्ष
शरीर के वात, पित्त और कफ दोष के अनुसार सही सूप का चयन करना न केवल पाचन और ऊर्जा में सुधार करता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।
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