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बलगम और खांसी से राहत पाने के लिए आजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय, आयुर्वेदाचार्य से जानें तरीका

सर्दियों की शुरुआत होते ही लोगों को बलगम और खांसी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यहां जानिए, खांसी से राहत के लिए आयुर्वेदिक उपाय।
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बलगम और खांसी से राहत पाने के लिए आजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय, आयुर्वेदाचार्य से जानें तरीका

सर्दियों की शुरुआत होते ही बलगम और खांसी की समस्या बढ़ने लगती है। दरअसल, ठंड के मौसम में तापमान में गिरावट और खराब लाइफस्टाइल के कारण शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, ऐसे में सर्दी, खांसी, गले में खराश और रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याएं आम हो जाती हैं। इस समय अधिकतर लोग बलगम के कारण होने वाली सूखी या गीली खांसी से परेशान रहते हैं, जो सांस लेने में भी कठिनाई का कारण बनती है। आयुर्वेद में बलगम और खांसी की समस्या का कारण शरीर में कफ दोष का असंतुलन माना जाता है। सर्दियों में इस समस्या से बचने के लिए आयुर्वेद में कुछ प्राकृतिक और कारगर उपाय बताए गए हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत प्रदान करते हैं। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से बलगम और खांसी की समस्या के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानेंगे। आयुर्वेदिक उपायों का नियमित उपयोग करने से आप न केवल खांसी से छुटकारा पा सकते हैं, बल्कि अपनी इम्यूनिटी भी बढ़ा सकते हैं।

बलगम को कम करके खांसी को दूर करने का आयुर्वेदिक तरीका

सर्दियों के मौसम में खांसी और बलगम की समस्या आम होती है। बलगम जब शरीर में अधिक मात्रा में बनता है, तो यह सांस लेने में तकलीफ और खांसी का कारण बन सकता है। आयुर्वेद में बलगम को कम करने और खांसी से राहत पाने के कई प्रभावी उपाय मौजूद हैं, जिनमें सुहागा, पिप्पली और शहद का मिश्रण प्रमुख है। यह प्राकृतिक उपाय शरीर में जमी हुई बलगम को पतला करके बाहर निकालने में मदद करता है। पिप्पली और सुहागा जैसी औषधियों को लेने से पहले अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार आयुर्वेदाचार्य से सलाह लें।

सुहागा और पिप्पली का गुण

सुहागा और पिप्पली, दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर हैं। आयुर्वेद के अनुसार, पिप्पली ऊष्ण (गर्म) होती है और पित्त को बढ़ाने में सहायक होती है। यह बलगम को पतला कर उसे बाहर निकालने में मदद करती है। जिन लोगों का शरीर कफ और वायु दोष से पीड़ित होता है, उनके लिए पिप्पली बेहद फायदेमंद साबित होती है। वहीं, सुहागा के सेवन से भी बलगम पतला होता है और यह खांसी से राहत दिलाने में मदद करता है।

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कितनी मात्रा में लें सुहागा और पिप्पली?

सुहागा और पिप्पली का सेवन करते समय ध्यान देना आवश्यक है कि किसकी कितनी मात्रा ली जाए। पित्तज प्रकृति वाले लोगों को पिप्पली का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि यह पित्त को बढ़ा सकती है। कफ और वायु दोष से पीड़ित लोग 2 से 3 ग्राम पिपली मिला सकते हैं, जो बलगम की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होती है। सुहागा का सेवन आधा से एक ग्राम तक किया जा सकता है, जबकि अगर किसी व्यक्ति को अधिक कफ की समस्या है, तो वह 2 से 2.5 ग्राम तक सुहागा ले सकता है। यह मात्रा बलगम को पतला करने और खांसी को दूर करने में प्रभावी है।

1. पिप्पली और शहद का मिश्रण

पिप्पली और शहद का मिश्रण कफ को कंट्रोल करने में लाभकारी होता है। यह मिश्रण बलगम को पतला कर उसे बाहर निकालने में मदद करता है। जिन लोगों में अधिक कफ बनता है, उन्हें एक चम्मच शहद में 1 ग्राम पिप्पली मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। इसका सेवन सुबह और रात को करना सबसे लाभकारी माना जाता है। पिप्पली और शहद का यह मिश्रण सर्दियों में बढ़ी हुई खांसी और गले की समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर है।

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2. सुहागा और शहद का सेवन

बलगम की समस्या से राहत पाने के लिए सुहागा और शहद का सेवन भी उपयोगी होता है। यह मिश्रण बलगम को पतला करता है और खांसी से राहत दिलाता है। इसके लिए आधा से एक ग्राम सुहागा को शहद के साथ मिलाकर दिन में एक बार सेवन करना चाहिए। इसका सेवन सर्दियों में होने वाली बलगम और गले की सूजन को कम करने में सहायक होता है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

खानपान में बदलाव करें

सर्दियों में आयुर्वेद के अनुसार खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। बलगम और खांसी की समस्या से बचने के लिए ज्यादा ठंडे और तले-भुने फूड्स का सेवन कम करें। इसके साथ ही खट्टे फलों का सेवन खासकर रात के समय करने से बचें। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये फेफड़ों में बलगम जमने का कारण बन सकते हैं। इसके बजाय गर्म सूप, हर्बल टी और हल्दी वाला दूध पिएं, जो सर्दियों में आपकी सेहत को बेहतर बनाए रखने में सहायक होगा।

निष्कर्ष

सर्दियों में खांसी और बलगम से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय जैसे सुहागा, पिप्पली और शहद का सेवन बेहद प्रभावी है। ये उपाय बिना किसी साइड इफेक्ट के बलगम को पतला करने और खांसी को कम करने में सहायक होते हैं। इन आयुर्वेदिक उपायों के साथ ही नियमित रूप से स्टीम और हर्बल चाय का सेवन लाभकारी होता है।

All Images Credit- Freepik

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