दिन, महीने, साल। महिलाओं के लिए सेहत के लिहाज से हर समय लगभग ऐक जैसा होता है। खासकर जब बात उनके पैरों की हो। दरअसल महिलाएं इस हद तक काम के बोझ के चलते परेशान रहती हैं कि वे अपने पैरों का ख्याल ही नहीं रख पातीं। यही कारण है कि उनकी एड़ियों में अकसर क्रैक, चमड़ा निकलना, दर्द होना आदि समस्या बनी रहती है। इतना ही नहीं डेड स्किन की समस्या भी वे पस्त रहती हैं। लेकिन महिलाएं चाहें तो अपने पैरों को साफ सुथरा, साफ्ट भी बना सकती हैं। इसके लिए उन्हें कोई अन्य उपाय आजमाने की जरूरत नहीं है। बेबी फुट ऐसा ही एक उपचार है जिसकी मदद से उनकी एड़ियों की स्थिति बेहतर हो सकती है। सवाल है कैसे? आइए जानते हैं।
बेबी फुट क्या है?
बेबी फुट दशकों से जापान में बिक रहा है। सन 2012 से यह यूएस में भी अपने पांव जमा चुका है। यह वास्तव में एक किस्म के ऊनी मोजे हैं जिसमें जेल मौजूद है। यह हाइड्रोक्सी एसिड, फ्रूट एसिड, लैक्टिक, ग्लाइकोलिक और सिट्रिक एसिड से मिलकर बना है। इन एसिड्स के अलावा इसमें 17 किस्म के प्राकृतिक पदार्थों का मिश्रण है मसलन नींबू, अंगूर, कपूर और वृक्ष लताओं का इस्तेमाल है। यह पांव पर लगाते ही डेड स्किन को रिकरवर है और जल्द ही पांव को हील करने लगती है। न्यूयार्क सिटी में स्थित माउंट सिनाई स्कूल आफ मेडिसिन के त्वचा विशेषज्ञ डेबरा जेलिमेन, एमडी, के मुताबिक, ‘यह एक स्ट्रांग दवा के रूप में काम करता है जो कि एड़ियों से पपड़ी निकालने का काम करता है।’
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बेबी फुट कैसे काम करता है?
इसके लिए आपको कुछ विशेष करने की आवश्यकता नहीं है। इसके तहत किसी भी महिला को सिर्फ प्लास्टिक के बने ऊनी मोजे पहनकर लगभग एक घंटा बैठना है। ध्यान रखें कि उसके ऊपर जुराब भी पहनें। जेल को आहिस्ता से निकाल दें। पांव से अपने आप सख्त चमड़ी 3 से 7 दिनों में निकलनी शुरु हो जाती है। इसके लगभग इस्तेमाल के दो सप्ताह बाद पैरों की त्वचा पूरी तरह बदल जाती है। एक पूरी परत एड़ी से पपड़ी के रूप में निकलती है जिससे पैरों को एक नया रूप मिलता है। जाहिर है यह नया रूप हर औरत को आकर्षित करता है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के मुताबिक बेबी फुट उन महिलाओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो लम्बा चलती हैं। उनके पैर अकसर सख्त और एड़ी में क्रैक होते हैं। बेबी फुट के उपयोग से उनके पांव की पूरी छवि बदल जाती है। इसके अलावा जो महिलाएं नियमित पेडिक्योर नहीं करा पाती, उनके लिए भी यह बेहतरीन उपाय है।
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नकारात्मक प्रभाव
जैसा कि हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होता है, ठीक इसी तरह बेबी फुट भी इससे अछूता नहीं है। असल में बेबी फुट में तरह तरह के एसिड का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में यदि किसी भी महिला के पैर में जरा भी कट होगा तो उस कट से होते हुए एसिड शरीर में घुस सकता है। इससे तमाम किस्म की समस्या पैद हो सकती है। अतः यदि महिला विशेष के पैर में किसी तरह का कट है, तो उन्हें इसके उपयोग से बचना चाहिए। इसके अलवा जिनकी त्वचा काफी साॅफ्ट होती है, उन्हें भी इसके उपयोग को सावधानी पूर्वक या फिर किसी विशेषज्ञ की सलाह से ही करना चाहिए। इसका प्रभाव कई बार बहुत हानिकारक भी हो सकता है। जैसा कि कहा जाता है कि इससे पैर की एक परत बाहर निकलती है। हो सकता है कि परत के साथ साथ स्किन भी बाहर निकल आए और पैरों पर से खून निकलने लगे। अतः ऐसी कोई भी समस्या देखने को मिले तो इसका उपयोग कतई न करें।
अन्य विकल्प
यदि बेबी फुट का उपयोग आपके पैरों को सूट न करता हो तो ऐसे विकल्पों का चयन करें जिसमें रिस्क कम हो। इसके अलावा जो उत्पाद बेबी फुट से मिलता जुलता हो, उसके उपयोग से बचें। बाजार में ऐसे कई उत्पाद मौजूद हैं, जिनके इस्तेमाल से पांव को साफ्ट और स्मूद बनाया जा सकता है। अतः बेबी फुट को अंतिम विकल्प न समझें।
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