World Asthma Day 2024: अस्थमा सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। धूल धुआं, हवा में मौजूद प्रदूषण और कई कारणों से अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। अस्थमा ऐसी बीमारी है, जिससे बचाव के साथ-साथ अगर जांच और इलाज को लेकर सतर्क रहा जाए, तो यह बीमारी नियंत्रण में रहती है। ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2022 के मुताबिक भारत में तीन करोड़ पचास लाख लोग अस्थमा (Asthma) से पीड़ित हैं। रिपोर्ट के अनुसार विश्व में अस्थमा के 10 फीसदी मामले भारत में ही हैं, इनमें से 15 फीसदी मामले बच्चों में ही हैं। ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि अस्थमा (What is Asthma) छुआछूत की बीमारी है और एक-व्यक्ति से दूसरे में पहुंचती है। अस्थमा जैसी बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। हर साल यह कार्यक्रम ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) द्वारा दुनिया भर में अस्थमा क्या है, इससे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, रोकथाम और देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, इस दिन की थीम और इतिहास के बारे में।
विश्व अस्थमा दिवस को मनाने का उद्देश्य - World Asthma Day in Hindi
पिछले कुछ समय में प्रदूषण और लाइफस्टाइल में बदलावों की वजह से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, आमतौर पर अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी बीमारी को नजरअंदाज किया जाता है और इसका सही तरीके से इलाज भी नहीं किया जाता। खासतौर पर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अस्थमा के मरीजों से कहा जाता है कि यह कोई बीमारी नहीं है, जिसे ठीक करने के लिए इलाज और दवाओं का सहारा लिया जाए। ऐसे में इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व स्तर पर अस्थमा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही, दुनियाभर में अस्थमा से पीड़ित लोगों को सही इलाज मिल सके, इसके प्रति जागरूकता लाना है।
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विश्व अस्थमा दिवस 2024 की थीम- World Asthma Day 2024 Theme
विश्व अस्थमा दिवस 2022 की थीम ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) ने "अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण" है। इस दिन अस्थमा से पीड़ित लोगों को उनकी बीमारी का प्रबंधन करने के लिए जागरूक किया जाता है। इतना ही नहीं संस्था द्वारा विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर अस्थमा कोई छूत की बीमारी नहीं है। अस्थमा के रोगियों के साथ रहने से यह फैलता नहीं है, इसके प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।
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क्या है विश्व अस्थमा दिवस का इतिहास - History of World Asthma Day
अस्थमा दिवस मनाने की शुरुआत 1993 में हुई थी, जब पहली बार ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इस दिन को मनाया । 1998 में, 35 से अधिक देशों ने विश्व अस्थमा दिवस मनाया, जो बार्सिलोना, स्पेन में पहली विश्व अस्थमा बैठक से जुड़ा था। इस कार्यक्रम के बाद दुनियाभर के देशों में मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन नुक्कड़ नाटक और कई कार्यक्रमों के जरिए अस्थमा के प्रति लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है।
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