यूं नहीं सुनाई जाती बच्चों को लोरी, विज्ञान के मुताबिक मस्तिष्क पर होता है खास असर

लोरी बच्चे के शरीर विज्ञान, मन की स्थिति और बाहरी दुनिया के बीच एक सुखद संबंध स्थापित करता है।   
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यूं नहीं सुनाई जाती बच्चों को लोरी, विज्ञान के मुताबिक मस्तिष्क पर होता है खास असर

लोरी गाकर बच्चों को सुलाने का तरीका सदियों पुराना है। वहीं बच्चों को इसे सुनते ही एक अच्छी नींद आती है या अगर वो रो रहे होते हैं, तो चुप हो जाते हैं। पर आपने कभी सोचा है कि आपकी लोरी का बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है कि वो सो जाते हैं या रोना बंद कर देते हैं? तो वैज्ञानिकों ने इसके पीछे की सही वजह पता कर ली हैं। एक अध्ययन की मानें, संगीत का बच्चों पर इतना गहरा प्रभाव होता है कि यह दर्द कम करने में भी मददगार साबित होता है। इससे बच्चों में दर्द और चिंता कम हो जाती है। ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में किया गया हालिया शोध में इस बात का जवाब तलाशने का प्रयास किया गया है कि लोरी का बच्चों पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ता है। वहीं लोरी एक लाइव संगीत की तरह बच्चे को सुकुन पहुंचाता है या बच्चे को एक व्यस्क की मौजूदगी का एहसास कराता है, जिससे वह आराम की नींद में सो पाते हैं। आइए जानते हैं लोरी के और क्या-क्या फायदे हैं?

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लोरी के फायदे 

भावनाओं को नियंत्रित करता है लोरी

शुरुआती बिंदु के रूप में, संगीत बच्चों और वयस्कों दोनों की भावनाओं को विनियमित करने में मदद करता है। जब कोई बच्चा सोते समय परेशान होता है या वो डर जाता है, यह समझ में आता है कि माता-पिता उन भावनाओं को नियंत्रित करने में और उनका मन भटकाने में लोरी का इस्तेमाल करते हैं। वहीं एक नकारात्मक भावना को बदलना एक सकारात्मक भावना में डर इससे खत्म होने लगता है। वहीं संगीत विशिष्ट तंत्रिका कनेक्शन के माध्यम से कुछ भावनाओं को उत्तेजित कर सकता है। यही कारण है कि एक दुखी व्यक्ति सभी एक खुशनुमा संगीत सुनकर खुश हो जाता है।

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माता-पिता और बच्चे के बीच एक मजबूत बंधन बनाता है

बांड-निर्माण के पीछे तंत्रिका विज्ञान काम करती है और इसे ऑक्सीटोसिन के रूप में जाना जाने वाला हार्मोन के साथ जोड़कर भी देखा जाता है। यही होर्मोन लोरी-टाइम के दौरान भी पॉप अप करता है और मां और बच्चे में एक खास संबंध बनाता है। जब मां गाती है, तो ऑक्सीटोसिन जारी होता है। गीत-प्रेरित ऑक्सीटोसिन प्यार के हार्मोन और कडल हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है। यही कारण है कि यह एक रिश्ते में मजबूत बंधन बनाने में मदद करता है। वहीं एक आधे दिल वाले लोरी में ऑक्सीटोसिन उत्पादन को कम करने की संभावना है, इसलिए माता-पिता को जानबूझकर इसे नहीं गाना चाहिए और जब भी गाएं मन से गाएं। 

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बच्चों में ये दिनचर्या स्थापित करने में मदद कर सकता है

लोरी भी काम करते हैं क्योंकि वे एक सोने की दिनचर्या स्थापित करने में मदद करते हैं। स्लीप एक्सपर्ट्स बच्चों में नियमित रूटीन स्थापित करने के लिए इसे थके हुए माता-पिता को याद दिलाते हैं। हर रात इसे गाना और बच्चों को नींद से वक्त पर सुला देना, ये उनमें नींद का एक पैटर्न स्थापित करता है। ये बच्चे के मस्तिष्क को संकेत भेजते हैं कि सोने का समय आ रहा है। जब बच्चा लोरी सुनता है, तो बच्चा सोने वाले समय बहुत आसानी से स्वीकार कर सकता है। इस तरह का सोने और उठवे का पैटर्न तैयार हो जाता है।

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बच्चों के लिए लोरी गाने के अन्य लाभ:

  • -भाषा सीखने में मदद करता है।
  • -संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देना।
  • -स्मृति और ध्यान अवधि में सुधार करता है।
  • -सप्ताह के दिनों जैसे अवधारणाओं को सिखाता है।
  • -तनाव के स्तर और चिंता को कम करता है।
  • -संगीन मन को शांत कर देती है।

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