पूजा-पाठ में शंख बजाने का चलन युगों-युगों से है. देश के कई भागों में लोग शंख को पूजाघर में रखते हैं और इसे नियमित रूप से बजाते हैं. ऐसे में अबी नवरात्रि चल रही है तो लगभग हर घर से आपको शंख की आवाज सुनाई देगी, इसके अलावा हमारे घर में कोई भी शुभ काम क्यों न हो शंख के बिना हर काम अधूरा होता है. शंख रखने, बजाने व इसके जल का उचित इस्तेमाल करने से कई तरह के लाभ होते हैं. कई फायदे तो सीधे तौर पर सेहत से जुड़े हैं. तो चलिए जानते हैं शंख बजाने और इसके इस्तेमाल से क्या-क्या फायदे होते हैं.
जीवाणुओं-कीटाणुओं का नाश होता है
वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की आवाज से वातावरण में मौजूद कई तरह के जीवाणुओं-कीटाणुओं का नाश हो जाता है. कई टेस्ट से इस तरह के नतीजे मिले हैं और ऐसा खुद महान वैज्ञानिक जेसी बॉस अपने प्रयोगों के जरिए साबित कर चुके हैं.
हार्ट अटैक नहीं आएगा
ऐसा माना जाता है कि, नियमित शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं आएगा. शंख बजाने से सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं, इसी तरह बार-बार श्वास भरकर छोड़ने से फेंफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं. हकलाने वाले बच्चों से शंख बजवाया जाए, तो उनकी हकलाहट दूर हो सकती है.
शंख के पानी से त्वचा करेगी ग्लो
शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं. यह दांतों के लिए भी लाभदायक है. शंख में कैल्शियम, फास्फोरस व गंधक के गुण होने की वजह से यह फायदेमंद है. रात में शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें, इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे.
श्वास और फेफड़ो के लिए है लाभदायक
शंख बजाने से फेफड़े का व्यायाम होता है, पुराणों के जिक्र मिलता है कि अगर श्वास का रोगी नियमित तौर पर शंख बजाए, तो वह बीमारी से मुक्त हो सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक, शंखोदक के भस्म के उपयोग से पेट की बीमारियां, पथरी, पीलिया आदि कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं.
शंख बजाने से कई तरह की एक्सरसाइज होती है
शंख बजाने से रेक्टल मसल्स सिकुड़ती और फैलती है, इससे उनकी एक्सरसाइज होती है. गैस्ट्रिक और पेट की कई प्रॉब्लम दूर होती है, इसके अलावा शंख बजाने से चेस्ट की मसल्स की टोनिंग होती है. शंख बजाने से प्रोस्टेट मसल्स की एक्सरसाइज होती है पर उनमें सूजन नहीं आती.
शंख बजाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है
वास्तुशास्त्र के मुताबिक भी शंख में ऐसे कई गुण होते हैं, जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है. शंख की आवाज से 'सोई हुई भूमि' जाग्रत होकर शुभ फल देती है. ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि शंख में जल रखने और इसे छिड़कने से वातावरण शुद्ध होता है.
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