
कब्ज या पेट के विकार से संबंधित सभी तरह की समस्या का रामबाण इलाज है ये कश्यम , हर्बल काढ़ा। इसे बनाने की विधि और इसके फायदे, इस लेख में पढ़ें।
भले ही आप कश्यम नाम से अपरिचित होंगे, लेकिन दक्षिण के गांवो में ये अकसर इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ है। ये कोई कठिन भोज्य डिश या दवा का नाम नहीं है बल्कि एक हर्बल काढ़ा है, जो कई बीमारियों के लिए रामबाण औषधि मानी जाती है। ये बुखार और संक्रमण को ठीक करने में कारगर है। अपने प्रभावी और कारगर गुणों के चलते इस काढ़े को सदियों से दत्रिणी लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है। चलिए विल्तार से जानें कश्यम (हर्बल काढ़ा) के स्वास्थ्यवर्द्धक फायदे क्या हैं।
यह कई मौसमी बीमारियों के इलाज और संक्रमण में दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला घरेलू हर्बल काढ़ा है जो घर पर ही बनाया जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात है कि इसे तैयार करना बहुत ही आसान है।
इस काढ़े की विशेषता
- ये बिल्कुल चाय की तरह है जिसमें कुछ विशेष हर्ब्स को चाय की तरह उबाला जाता है। इसको बनाने के लिए काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, दालचीनी, अदरक, हल्दी, इलायची, यूकेलिप्टस और अन्य चीजों को एक साथ मिलाकर उबाला जाता है।
- इसका स्वाद काफी कड़वा होता है जो पहली बार लोगों से पीया ही नहीं जाता।
- लेकिन जिस तरह से ये बीमारियों में कारगर है उसके कारण इसके फायदों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कैसे बनाएं
इस काढ़े को बनाने के लिए सबसे पहले सभी हर्ब्स को अच्छी तरह पीस कर पाउडर बना लें। अब इसे दो घंटे तक पानी में भिगाकर रख दें। अब इसमें पानी 1:8 के अनुपात में मिलाएं। जैसे कि एक कप हर्ब्स के काढ़े में आठ कप पानी मिलाइए। अब इस मिश्रण को मध्यम आंच में 45 मिनट तक गर्म करें। जिससे कि एक्स्ट्रा पानी गर्म होकर वाष्प बनकर उड़ जाए।
नोट- इस काढ़े को इसके तैयार करने के 3-4 घंटों के भीतर ही पी लेना चाहिए।
इसके फायदे
- इस काड़े के पानी में मौजूद न्यूट्रिंट्स को इंटेस्टिाइन बहुत ज्लदी ऑब्जर्व कर लेता है। जिससे शरीर को तुरंत पोषक-तत्व मिलते हैं।
- इस तरह के काढ़े को सुबह के समय खाली पेट पिएं। इससे शरीर को उचित मात्रा में पोषक-तत्व मिलते हैं।
- अगर आप इस काढ़े में अदरक और लहसून जैसे स्ट्रॉन्ग मसाले डालते हैं तो सुबह के वक्त इसे ना पिएं। इन मसालों को खाली पेट पचाने में मुश्किलें आती हैं। ऐशे में नाश्ते के बाद इसे पिएं।
- अगर आपके मन में ये सवाल आए कि कौन से मसाले इसमें मिल सकते हैं? तो आयुर्वेदिक मसालों के इन अनुपातों को मिलाएं। जैसे कि हर दिन अलग-अलग मसालों की चाय पिएं। जैसे पहले दिन काली मिर्च हल्दी मिलाकर चाढ़ा बनाएं। फिर दूसरे दिन लौंग, तुलसी के पत्ते और नीम के पत्ते मिलार काढ़ा बनाए। तीसरे दिन दालचीनी, अदरक और लहसून डालकर काढ़ा बनाएं।
- ये काढ़ा पीने से कब्ज की समस्या भी ठीक हो जाती है।
Read more articles on Home remedies in Hindi.
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।