पेट में 'गुड बैक्टीरिया' को बढ़ाना है तो ब्रेकफास्ट में खाएं ये 6 चीजें, सही रहेगा मेटाबॉलिज्म और डाइजेशन

'गट सिंड्रोम' के कारण हमारे आंत में पल रहे गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने नाश्ते में ही उन चीजों को ही शामिल करें, जो हमारे शरीर के गुड बैक्टीरिया के विकास में मददगार साबित हों। साथ ही उन चीजों का भी ख्याल रखें, जिन्हें हमें नाश्ते के समय खाने से बचना चाहिए।  
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पेट में 'गुड बैक्टीरिया' को बढ़ाना है तो ब्रेकफास्ट में खाएं ये 6 चीजें, सही रहेगा मेटाबॉलिज्म और डाइजेशन

हमारे शरीर में लंबी और छोटी आंत में लाखों बैक्टीरिया होते हैं। ये आमतौर पर अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे पेट के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। ये बैक्टीरिया बदलते रहते हैं और यह बदलाव आपके द्वारा खाए जाने वाले, अच्छे या बुरे से प्रभावित होते हैं। अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन और स्तर में किसी भी तरह के उतार-चढ़ाव से टाइप -2 डायबिटीज, मोटापा और आंत संबंधी समस्याएं होती हैं। इसलिए आप जो खाते हैं वह इन बैक्टीरिया के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। खासकर जो आप अपने नाश्ते में खाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने ब्रेकफास्ट में फाइबर, प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स को जरूर शामिल करें। आइए हम आपको बताते हैं कि अपने पेट के गट बैक्टीरिया को ठीक रखने के लिए आप अपने ब्रेकफास्ट में क्या-क्या शामिल कर सकते हैं?

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गुड बैक्टीरिया को ठीक रखने के लिए आप अपने ब्रेकफास्ट में इन चीजों को शामिल करें-

केला

अगर केले को नाश्ते में लिया जाए तो यह आपके पेट के गट बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद हो सकता है। केले में फैट और कार्ब्स अधिक होते हैं। इस तरह इसे पचाने के लिए शरीर के गट बैक्टीरिया पूरे दिन काम करते हैं और बहुत एक्टीव हो जाते हैं। इसके अलावा केले में प्रोबायोटिक्स, विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो आपके पेट के गट बैक्टीरिया के विकास में भी मदद करते हैं।

फ्लैक्ससीड्स

फ्लैक्ससीड्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें प्रोटीन, फैटी एसिड और फाइबर होते हैं। यह अघुलनशील फाइबर के साथ प्रीबायोटिक भोजन भी हैं, जो आंत में जाकर गुड बैक्टीरिया को एक्टीवेट कर देते हैं। अगर आप फ्लैक्ससीड्स को रोज ब्रेकफास्ट में सुबह एक चम्मच लें तो इससे आपके शरीर में दिन भर ताकत बनी रहेगी।

सेब

सेब में पेक्टिन के साथ ही पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो पेट के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में सूजन को कम करते हैं। सेब में मौजूद घुलनशील फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। साथ ही शरीर के गट बैक्टीरिया को हेल्दी रखने में भी मदद करते हैं। हालांकि हमेशा से ही कहा जाता है कि हमें नाश्ते में एक सेब तो जरूर खाना चाहिए। इससे हमारे शरीर को डिटोक्सीफाई होने में भी मदद मिलती है।

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ओट्स

ओट्स हमेशा से ही एक हेल्दी नाश्ता रहा है। ओट्स में फाइबर होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। ओट्स में पाया जाने वाला फाइबर का प्रकार आंत के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यदि आप उन्हें नहीं खाना चाहते हैं, तो स्मूदी, पैनकेक या अपने दही में ओट्स को मिला कर खा सकते हैं।

दही

दही एक पौष्टिक भोजन है। इसमें प्रोटीन, प्रोबायोटिक्स और अच्छे कार्ब्स का अच्छा संतुलन होता है। प्रोबायोटिक्स स्वयं अच्छे बैक्टीरिया हैं और वे पेट के स्वास्थ्य के लिए प्रमुख योगदान देते हैं। वहीं अगर सिर्फ आप गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए ही दही खाना चाहते हैं तो आप ग्रीक योगर्ट को भी इसके विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।

अदरक

ताजा अदरक पेट के एसिड के उत्पादन में मदद कर सकता है और यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है, ताकि भोजन पेट में अच्छे से पचटा रहे। सूप या स्मूदी या फ्राइज़ में ताजा कसा हुआ अदरक डाल कर आप आप अपने गुड बैक्टीरिया और पेट को स्वस्थय रख सकते हैं। इसके अलावा सबसे आसान तरीका यह है कि आप नाश्ते में एक कप अदरक वाली चाय जरूर लें।

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इन चीजों को नाश्ते में शामिल 'न' करें -

अगर आप अपने खाने में कुछ चीजों को ख्याल नहीं रखते हैं तो आप 'गट सिंड्रोम' के भी शिकार हो सकते हैं। गट सिंड्रोम में आंतों की दीवारों के अस्तर में एक गैप पैदा होने लगती है। ये गैप खाद्य कणों, बैक्टीरिया और बाकी खाई गई चीजों पचाने में मुश्किल पैदा करती हैं। ऐसे में आपको उन खाद्य पदार्थ को खाने से दूर रहना चाहिए, जो आंतों के बैक्टीरिया और सूजन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। जैसे

  • फल में- सेब, चेरी, नाशपाती, गोजी बेरी, खजूर, और तरबूज
  • मशरूम, प्याज और लहसुन सहित सब्जियां
  • फलियाँ जैसे काली बीन्स, बीन्स, किडनी बीन्स और छोले
  • फ्रुक्टोज जैसे शहद, आर्टिफिशयल स्वाटनर्स
  • सोडा, बीयर और शराब जैसे पय पदार्थ

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