बालों से जुड़ी कई तरह की ट्रीटमेंट हैं जो महिलाओं का फेवरेट माना जाता है, इनमें हेयर रीबॉडिंग, हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूदनिंग प्रमुख है, खासकर युवावर्ग की ये सबसे पसंदीदा ट्रीटमेंट है। अगर हम एक नए हेयर ट्रीटमेंट की बात करें तो इसमें कैराटिन ट्रीटमेंट भी जुड़ गया है, जो खासकर उन महिलाओं के लिए बेहतर माना गया है जिनमें उम्र बढ़ने के साथ-साथ बाल झड़ने की समस्या हो जाती है। हेयर कैराटिन ट्रीटमेंट के नाम से कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में प्रसिद्ध यह ट्रीटमैंट बालों में कैराटिन की मात्रा को बढ़ाने के लिए किया जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कैराटिन ट्रीटमेंट के बारे में...
इसे भी पढ़ें: बाल झड़ने से हैं परेशान तो रोज खाएं स्प्राउट!
क्या है कैराटिन ट्रीटमेंट
दरअसल, महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ होने वाले हारमोनल बदलाव के कारण सबसे ज्यादा प्रभाव बालों और नाखूनों पर पड़ता है, जहां नाखूनों में क्यूटिकल्स के खराब होने की समस्या हो जाती है, वहीं बालों को प्रोटीन लौस की दिक्कत से जूझना पड़ता है, चूंकि बाल कैराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं, इसलिए इस के लौस होने से बाल पतले और फ्रीजी हो जाते हैं, ऐसे बालों पर रीबॉडिंग और स्ट्रेटनिंग का भी कुछ खास असर नहीं पड़ता है, बल्कि कमजोर बालों में हेयर फौल की समस्या और बढ़ जाती है, ऐसे बालों के लिए कैराटिन ट्रीटमेंट सबसे उपयुक्त है। इसमें बालों पर प्रोटीन की परत चढ़ाई जाती है और प्रेसिंग के द्वारा प्रोटीन लेयर को लॉक किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: जानें, कैसे करें कोकोनट मिल्क पैक से बालों की स्ट्रेटनिंग
क्या है ट्रीटमेंट की प्रक्रिया
1- इस ट्रीटमेंट में सबसे पहले बालों से चिकनाहट को खत्म करने के लिए 2 बार शैंपू किया जाता है।
2- इस के बाद बालों को ब्लो ड्राई किया जाता है, ऐसा इसलिए करते हैं कयोंकि बालों में बिलकुल भी मॉश्चराइजर न बचे।
3- ब्लो ड्राई के बाद बालों को 4 भागों में बांट कर गरदन वाले हिस्से से प्रोडक्ट लगाना शुरू किया जाता है। 4- प्रोडक्ट लगाने के बाद बालों को फोइल पेपर से 25 से 30 मिनट के लिए कवर कर दिया जाता है।
5- इस के बाद बालों को फिर से ब्लो ड्राई किया जाता है और 130 से 200 डिग्री तापमान के बीच बालों की प्रेसिंग की जाती है, ताकि प्रोडक्ट अच्छी तरह बालों में पैनिट्रेट किया जा सके।
इस प्रक्रिया के 24 घंटे बाद बालों को पानी से साफ कर के 180 डिग्री तापमान पर उन की फिर से प्रेसिंग की जाती है, इसके बाद बालों को कैराटिन युक्त शैंपू से साफ किया जाता है और कैराटिन कंडीशनर लगा कर 6-7 मिनट के लिए छोड़ दिया जाता है, फिर बालों को साफ कर के ब्लो ड्राई किया जाता है और इसी के साथ कैराटिन ट्रीटमेंट की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
बरतें सावधानी
कैराटीन ट्रीटमेंट की प्रक्रिया में हीट इक्विपमैंट्स का प्रयोग किया जाता है, जिस से बालों को काफी नुकसान पहुंचता है, भले ही यह नुकसान ट्रीटमेंट के प्रभाव के कारण न दिखे, मगर ट्रीटमेंट का असर खत्म हो जाता है तब बालों में डैमेजेस दिखने लगते हैं, ऐसा न हो इसके लिए बालों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। मसलन, कैराटिन युक्त हेयरस्पा इस में काफी मददगार साबित होते हैं। ट्रीटमेंट कराने के बाद बालों को कम फोल्ड करना चाहिए। कैराटिन ट्रीटमेंट एक केमिकल ट्रीटमेंट है, इसके प्रयोग के बाद बालों का रंग थोड़ा फेड हो जाता है, इसके लिए तैयार रहें।
ट्रीटमेंट के बाद बालों में केवल सल्फेट फ्री शैंपू और सल्फेट फ्री कंडीशनर ही लगाएं। ट्रीटमेंट से पहले प्रोडक्ट के इनग्रीडिऐंट्स जरूर देखें। ग्लाइकोलिक ऐसिड वाले प्रोडक्ट के इस्तेमाल से बचें, क्योंकि इस से भी बालों का प्राकृतिक रंग खराब होता है। यह ट्रीटमैंट खासतौर पर उन महिलाओं के लिए अच्छा साबित हो सकता है जिन के बाल पहले करवाए गए केमिकल ट्रीटमेंट से डैमेज हो चुके हैं।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Image Source: Getty
Read More Articles On Hair & Beauty In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version