
Is Too Much Sleep Bad For Your Heart In Hindi: नींद हमारी मेंटल-फिजिकल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। अगर कोई पर्याप्त नींद नहीं लेता है, तो इसकी वजह से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। खासकर, मेंटल हेल्थ काफी ज्यादा प्रभावित होती है। जैसे इसकी वजह से मूड स्विंग हो सकता है, अक्सर शरीर थकान से भरा रहता है और लो एनर्जी फील होती है। यहां तक कि अगर कोई बहुत दिनों तक नींद नहीं लेता है, तो इसकी वजह से उसे इल्यूजन, डिमेंशिय या अल्जाइमर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। सीडीसी की मानें, तो एक वयस्क व्यक्ति को हर रोज कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। जिस तरह कम सोना हमारे हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है, इसी तरह ज्यादा सोना भी हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर, अधिक सोने से हार्ट पर इसका नेगेटिव असर पड़ता है। इस बारे में हमने पटपड़गंज में स्थित मैक्स हॉस्पिटल कार्डियक सर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. वैभव मिश्रा से बात की।
बहुत ज्यादा सोने का हार्ट हेल्थ पर नुकसान- Is Too Much Sleep Bad For Your Heart In Hindi
विशेषज्ञों का कहना है कि न सिर्फ कम नींद बल्कि अधिक नींद भी हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, आपको उतना ही सोना चाहिए जितना कि डॉक्टर परामर्श करते हैं। सवाल है, अधिक नींद किस तरह हार्ट हेल्थ पर नेगेटिव असर डालती है? जानें-
हार्ट डिजीज
यूरोपियन हार्ट जरनल में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें, तो जो लोग 8-9 घंटे से अधिक सोते हैं, उन्हें हार्ट डिजीज होने का जोखिम अधिक होता है। हर व्यक्ति को उतना ही सोना चाहिए, जितना कि जरूरी समझा जाता है। इसे विस्तार से अध्ययन में समझाया गया है कि अधिक सोने से समय पूर्व मृत्यु, हार्ट डिजीज और ब्रेन में मौजूद ब्लड वेसल्स में दिक्कत का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, जो लोग कम सोते हैं, उनमें भी इस तरह की समस्या देखी जाती है।
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हार्ट स्ट्रोक
UCI Health में प्रकाशित एक लेख की मानें, तो बहुत ज्यादा सोने से न सिर्फ हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ता है। यहां तक कि हार्ट स्ट्रो और हार्ट अटैक के रिस्क में भी बढ़ोत्तरी होती है। असल में, बहुत ज्यादा सोने की वजह से ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यह कंडीशन डायबिटीज के मरीजों के लिए बिल्कुल सही नहीं है। वहीं, कोई मोटापे का शिकार है, तो उन्हें भी सीमित मात्रा में ही नींद लेनी चाहिए। अधिक नींद लेने से ब्लड शुगर का स्तर प्रभावित होता है, जो हार्ट स्ट्रोक या हार्ट अटैक को ट्गिर कर सकता है।
कार्डियोवास्कुलर हेल्थ
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो बहुत कम सोना और बहुत ज्यादा सोना, दोनों ही हार्ट हेल्थ के बिल्कुल सही नहीं है। इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि नींद और हार्ट हेल्थ का आपस में गहरा कनेक्शन है। जैसा कि पहले ही जिक्र किया गया है कि अधिक नींद की वजह ब्लड प्रेशर का स्तर प्रभावित होता है। इससे हार्ट में ब्लड फ्लो पर असर पड़ सकता है। ऐसे में अगर व्यक्ति अपने नींद के पैटर्न में सुंधार न करे, तो संभवतः डिजीज का रिस्क हो जाता है।
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मोटापा
जो लोग बहुत ज्यादा सोते हैं, वे अक्सर मोटोप का शिकार होते हैं। यह कहने की जरूरत नहीं है कि मोटापा कई तरह की बीमारियों की जड़ है। इसमें डायबिटीज, थायराइड और हार्ट डिजीज भी शामिल है। अगर मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति अपनी सेहत का ध्यान न रखे और बहुत ज्यादा नींद लेता रहे, तो ऐसे में हार्ट में ब्लड वेसल्स पर नेगेटिव असर पड़ सकता है। वहीं, अगर ब्लड प्रेशर का स्तर मैनेज न हुआ, तो हार्ट प्रॉब्लम का रिस्क बढ़ जाता है।
कोरोनरी हार्ट डिजीज
विशेषज्ञों का दावा है कि जो लोग 9-11 घंटे की नींद लेते हैं, उनमें कोरेनरी हार्ट डिजीज का जोखिम भी बढ़ जाता है। यह एक ऐसी समस्या है, जसमें कोरोनरी यानी धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो में दिक्कतें आने लगती हैं। कोई ज्यादा नींद लेता है, पर्याप्त एक्सरसाइज नहीं करता है और फिजिकल एक्टिविटी भी कम है, तो ऐसे में कोरोनरी हार्ट डिजीज को बढ़ावा दे सकती है। इसकी अनदेखी करना बिल्कुल सही नहीं है।
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