क्या प्रेगनेंसी में रनिंग करना सुरक्षित है? डॉक्टर से जानें इसके फायदे, नुकसान और सावधानियों के बारे में

प्रेग्नेंसी में रनिंग या जॉगिंग करने के कई फायदे हैं लेकिन इसे करने से पहले आप अपने स्वास्थ्य स्थिति और सावधानियों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। 
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क्या प्रेगनेंसी में रनिंग करना सुरक्षित है? डॉक्टर से जानें इसके फायदे, नुकसान और सावधानियों के बारे में

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को काफी सावधानी बरतने को कहा जाता है। उन्हें शारीरिक गतिविधियां कम करने को कहा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि प्रेग्नेंसी में भी महिलाएं रनिंग या जगिंग कर सकती है। यह उनके लिए नुकसानदायक नहीं होता है। बर्शते आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार हर महीने रनिंग या जॉगिंग में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं। दरअसल आप अगर गर्भावस्था से पहले से रनिंग या जगिंग करती रही हैं, तो आप प्रेग्नेंसी के दौरान भी रनिंग कर सकती हैं। इससे आपका और शिशु दोनों का स्वास्थ अच्छा रहता है। हालांकि कुछ ऐसी स्थितियां भी हैं, जिसमें महिलाओं का रनिंग करना या व्यायाम करना सुरक्षित नहीं होगा। जैसे अगर आपको ब्लीडिंग, प्रीक्लेम्पसिया, एनीमिया, हृदय रोग और फेफड़ों की समस्या है, तो आपके लिए रनिंग करना नुकसनादायक हो सकता है। इससे गर्भापत और समय से पहले बच्चा होने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा अगर आप कोई व्यायाम और एक्सरसाइज करने की सोच रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए क्योंकि आपकी डॉक्टर ही आपको स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकती है। इसके बारे में विस्तार से बता रही हैं दिल्ली की इंद्रप्रस्थ अपोल अस्पताल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर रंजना शर्मा। 

प्रेग्नेंसी में रनिंग करने के फायदे

1. वजन कम बढ़ना

अक्सर प्रग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं का वजन काफी बढ़ जाता है, जिसके बाद वे वजन कम करने के लिए काफी मेहनत करती हैं लेकिन अगर आप गर्भावस्था के दौरान भी रनिंग या जॉगिंग करती हैं, तो आपका वजन संतुलित रहेगा। साथ ही इससे कोलेस्ट्र्रोल और हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है।

2. प्रसव पीड़ा कम होती है

अगर आपका शरीर प्रेग्नेंसी के दौरान एक्टिव रहता है, तो आपको बच्चे के जन्म के दौरान कम प्रसव पीड़ा होती है। साथ ही बच्चे के जन्म के बाद आप तेजी से रिकवर भी कर लेते हैं। इसलिए गर्भावस्था में रनिंग एक अच्छा विकल्प है।

3. गर्भावस्था में जोखिम कम करे

रनिंग या व्यायाम करने से गर्भावस्था के दौरान जोखिम कम रहता है। संतुलित आहार और एक्सरसाइज करने से गर्भावस्था में प्रीक्लेम्पसिया और सिजेरियन सेक्शन का खतरा कम हो सकता है। नियमित रूप से व्यायाम करने से डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी नहीं होता है।

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Image Credit- Freepik

4. मानसिक रूप से स्वस्थ 

गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाओं को मूड स्विंग और मन उदास रहने जैसी परेशानियां रहती है लेकिन रनिंग या जगिंग करने से आपका मन तरोताजा महसूस करता है। साथ ही आप मानसिक रूप से शांति का भी अनुभव करती है। इससे अच्छी नींद भी आती है। 

5. बच्चे का विकास 

कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान मां जो खाती है, जैसा व्यवहार करती है। इसका सीधा असर बच्चे पर भी पड़ता है क्योंकि बच्चा पेट में भी अपनी मां से जुड़ा हुआ रहता है। रनिंग या योग करने से बच्चे क मस्तिष्क का विकास होता है। साथ ही शारीरिक रूप से भी बच्चे का विकास सही रहता है।

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प्रेग्नेंसी के दौरान रनिंग के नुकसान

प्रग्नेंसी के दौरान आप दौड़ना शुरू न करें। इससे आपकी प्रेग्नेंसी में समस्या और बढ़ सकती है। इसके अलावा आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार, डॉक्टर की सलाह के बाद ही व्यायाम करना शुरू करें। हालांकि आप थोड़ा बहुत व्यायाम कर सकते हैं। 

1. संतुलन खराब होना

दरअसल गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त वजन के कारण आपके शरीर का गुरुत्वाकर्षण केंद्र बदल जाता है, जिसके कारण आसानी से शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए खराब या ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलने या रनिंग करने से आपको सावधानी बरतनी चाहिए। इससे आपको चोट लगने या गिर जाने का भी डर होता है। साथ ही रनिंग शुरू करने से पहले थोड़ा वॉमअप जरूर करें। 

2. अधिक दर्द और पीड़ा होने पर

अगर आप गर्भावस्था के दौरान अचानक रनिंग शुरू कर देते हैं, तो इससे कई महिलाओं के पेट या अन्य हिस्सों में दर्द होने लगता है। खासकर जिन महिलाओं के शरीर में पोषक तत्व की कमी होती है। उन्हें ये समस्याएं हो सकती है।

इन लक्षणों के दिखने पर न करें रनिंग

1.  ब्लीडिंग या योनि से तरल पदार्थ निकलना

2. प्रग्नेंसी के दौरान नियमित दर्द का अनुभव करना

3. सिरदर्द और छाती दर्द

4. बेहोशी या चक्कर आना

5. मांसपेशियों में कमजोरी महसूस करना

6. व्यायाम करने से सांस की तकलीफ महसूस करना

इनमें से कोई भी लक्षण आगर आपको रनिंग करते समय महसूस हो, तो आपको तुरंत दौड़ना या व्यायाम करना बंद कर देना चाहिए। ताकि आपकी स्वास्थ्य स्थिति ज्यादा खराब न हो। इसके अलावा डॉक्टर से बात करें।

रनिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखें

1. खूब पानी पीएं

प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन के रास्ते पर अधिक दबाव पड़ने के कारण आपको बार-बार वॉशरूम जाने की जरूरत होती है। साथ ही दौड़ने पर भी पसीना निकलता है, जिससे शरीर में पानी की मात्रा कम हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान पाचन और अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालन के लिए संतुलित मात्रा में पानी पीएं।

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Image Credit- Parents

2. आरामदायक कपड़े पहनें

जैसै -जैसे आपकी गर्भावस्था बढ़ती है, तो आपके स्तन का आकार बढ़ता जाता है। इसलिए रनिंग से पहले ये चेक कर लें कि आपकी स्पोर्ट्स ब्रा फिट बैठती है या नहीं। इसके अलावा जैसे-जैसे आपके पेट का आकार बढ़ता जाता है, तो आप पेट पर सपोर्ट बैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको दौड़ने में आसानी रहती है। 

3. सही जूते पहनें

दौड़ते वक्त सही जूते पहनना बहुत जरूरी है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान आपके घुटनों और पैरों में चोट लगने की ज्यादा संभावना होती है इसलिए रनिंग से पहले अपने जूते देख लें। साथ ही अगर आपके पैर अधिक सूज गए हैं, तो उसी हिसाब से जूते पहनने की कोशिश करें ताकि रनिंग या जॉगिंग के दौरान आपको अधिक परेशानी न हो।

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4. अपने शरीर की भी सुनें

गर्भावस्था में अपने शरीर पर ज्यादा दबाव न बनाएं। पहले ही आपके शरीर में काफी बदलाव होते हैं। ऐसे में अगर आप जल्दी थक जा रहे हैं, तो धीरे-धीरे रनिंग या जॉगिंग करें। इसके अलावा आप सिर्फ वॉ़क भी कर सकते हैं। इसका समय आपकी क्षमता पर निर्भर करता है।

5. कब रूकना है

उल्टी-मतली और थकान के कारण पहली तिमाही में दौड़ना काफी मुश्किल हो जाता है। दूसरी तिमाही में महिलाओं शारीरिक रूप से अच्छा अनुभव करती हैं। ऐसे में आपको दूसरी या तीसरी तिमाही में रनिंग बंद कर दें। शरीर के संतुलन के आधार पर काम करें ताकि आपका शरीर और मन एक्टिव भी रहे और स्वास्थ्य को भी कोई नुकसान न हो। 

Main Image- Live Science

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