प्रेग्नेंसी के दौरान या डिलीवरी के समय कई तरह के खर्च होते हैं जो आपको परेशान कर सकते हैं इसलिए इलाज में खर्च की बाधा को दूर करने के लिए बीमा कंपनियां मैटरनिटी इंश्योरेंस योजना ऑफर करती हैं। सरकारी योजना के तहत भी आप कई प्लान चुन सकते हैं वहीं ये सुविधा प्राइवेट कंपनी की ओर से भी दी जाती है। मैटरनिटी कवर लेने से डिलीवरी के दौरान होने वाले खर्च, प्रीनेटल जांचें, दवा खर्च आदि कवर किया जाता है। वैसे तो ये प्लान कभी भी लिया जा सकता है पर अधिक लाभ के लिए आपको शादी के बाद इस प्लान के बारे में सोचना चाहिए ताकि समय रहते आप सही प्लान में इनवेस्ट कर सकें।
image source:google
क्या होता है मैटरनिटी इंश्योरेंस? (What is maternity insurance)
प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेगनेंट महिला और होने वाले शिशु को मेडिकल सुरक्षा देने के लिए मैटरनिटी इंश्योरेंस लिया जाता है। अलग-अलग कंपनी और सरकार मैटरनिटी बीमा करवाती है। आप अपने बजट के मुताबिक बीमा चुन सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक मैटरनिटी इंश्योरेंस की प्लानिंग आपको शादी के बाद शुरू कर देनी चाहिए ताकि प्रेग्नेंसी के समय आपको हड़बड़ी में प्लान न चुनना पड़े।
इसे भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी के दौरान बैठने का सही तरीका क्या होना चाहिए? जानें एक्सपर्ट से
टॉप स्टोरीज़
मैटरनिटी इंश्योरेंस क्यों जरूरी है? (Importance of maternity insurance)
प्रेग्नेंसी जीवन का एक खास समय है, इस दौरान सेफ प्रेग्नेंसी को सुनिश्चित करने के लिए कई तरह की जांचें की जाती हैं, इस दौरान होने वाले खर्च आपके लिए परेशानी न बने इसलिए इश्योरेंस कवर या मैटरनिटी प्लान से जुड़ना जरूरी है। ये एक नाजुक समय होता है जिसमें कभी भी, किसी भी स्टेज के दौरान मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति आ सकती है और मां व बच्चे की जान को खतरा हो सकता है ऐसे में आपके पास पहले से इसकी तैयारी नहीं होगी तो आप इलाज में देरी करेंगे जिससे जान पर बन आ सकती है। प्राइवेट अस्पतालों के खर्च आज के समय में लाखों तक जाते हैं जिसे ध्यान में रखते हुए पहले से मैटरनिटी प्लान लेना जरूरी है ताकि आपको शिशु के जन्म से पहले और बाद में आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े।
मैटरनिटी इंश्योरेंस का चुनाव कैसे करें? (How to choose maternity insurance)
image source:herstepp.com
- प्रेग्नेंसी के लिए सबसे अच्छी मैटरनिटी योजना या प्लान को चुनते समय आपको ये ध्यान रखना है कि प्लान प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्या या इमरजेंसी को कवर करे।
- प्लान चुनने से पहले इस बात पर भी ध्यान दें कि नवजात शिशु से जुड़े कौनसे खर्च बीमा योजना कवर कर रही है ताकि मां और बच्चा दोनों को कवर का फायदा मिल सके।
- बीमा खरीदने से पहले योजना की कुल राशि पता कर लें, आपको ये पता होना चाहिए कि बीमा कंपनी ज्यादा से ज्यादा कितनी राशि तक का भुगतान करेगी।
- बीमा खरीदने से पहले योजना की अवधि जान लें, एक सीमा तक ही बीमा को लिया जाता है, अगर मैटरनिटी प्लान शादी के समय लिया है तो आपको समय सीमा पहले से पता होना चाहिए।
इसे भी पढ़ें- बार्थोलिन सिस्ट (वजाइना में गांठ) क्यों हो जाती है? जानें इस समस्या के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
मैटरनिटी इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होता है?
मैटरनिटी इंश्योरेंस में निम्न चीजें कवर होती हैं-
- मैटरनिटी इंश्योरेंस में डिलीवरी के दौरान होने वाले चार्ज कवर होते हैं, ये चार्च सिजेरियन और नॉर्मल दोनों डिलीवरी पर लागू होते हैं।
- मैटरनिटी बीमा के तहत रूम चार्ज भी कवर होता है, अगर आप प्राइवेट रूम लेते हैं तो खर्च बढ़ जाता है पर उसे इंश्योरेंस में शामिल किया जाता है।
- डिलीवरी के दौरान सर्जन की फीस और नर्सिंग से जुड़े खर्च भी बीमा में कवर किए जाते हैं।
- डॉक्टर कंसल्टेशन फीस, चेकअप फीस आदि को भी बीमा में जोड़ा जाता है।
- किसी इमरजेंसी की स्थिति में होने वाले खर्च, ऑपरेशन आदि का खर्च भी बीमा में कवर होता है।
- अगर किसी इमरजेंसी के तहत शिशु का जन्म हुआ है तो शिशु के जन्म से 90 दिनों तक के मेडिकल खर्च को भी बीमा में कवर किया जाता है।
मैटरनिटी बीमा खरीदते समय नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें और तब अपना प्लान चुनें।
main image source:google