आलस्य बुरी आदत नहीं बल्कि एक बीमारी है। यह दावा इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने किया है। उनके मुताबिक शारीरिक निष्कि्रयता को एक बीमारी की श्रेणी में रखा जाना चाहिए क्योंकि इसका और खराब स्वास्थ्य का सीधा संबंध होता है।
इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के डॉ. रिचर्ड वीलर ने कहा, 'बढ़ती हुई मृत्युदर और बीमारियों की संख्या को देखते हुए हमारा यह प्रस्ताव है कि आलस्य को बीमारी माना जाना चाहिए।'
उन्होंने मोटापे का उदाहरण देते हुए कहा कि विश्र्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मोटापे को भी बीमारियों की श्रेणी में रखा है।
ब्रिटिश अखबार 'द डेली टेलीग्राफ' ने वीलर के हवाले से बताया, 'लोग मोटापे, डायबिटीज, तनाव और दिल की बीमारियों के इलाज के लिए पानी की तरह पैसा बहाते हैं, लेकिन इन बीमारियों की जड़ तक कोई नहीं जाता।'
डॉ. वीलर ने कहा कि हालिया अध्ययन बताते हैं कि 20 लोगों में से केवल एक व्यक्ति व्यायाम करता है। शोध के परिणाम 'ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन' में प्रकाशित किए गए हैं।
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