बच्चों के जन्म के बाद उनसे संबंधित छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। क्योंकि बच्चे बेजुबान होते हैं और अपनी समस्याओं को आपसे बयान नहीं कर सकते हैं, केवल उनकी हरकतों और रोने से ही बच्चों की तरफ ध्यान जाता है।
बच्चे को स्तनपान अवश्य करायें, इसमें पाया जाने वाला गाढ़ा पीली दूध यानी कोलेस्ट्रम बच्चे को भविष्य में कई बीमारियों से बचाता है। इसके अलावा बच्चे को लगातार 6 महीने तक मां का दूध पिलाना चाहिए, इससे बच्चे का संपूर्ण विकास होता है।
अगर आपका बच्चा दूध पीने के बाद डकार न ले यह एक प्रकार की समस्या की तरह है, इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें और उसे डकार दिलायें, नहीं तो इसके कारण पेट में गैस रहती है और बच्चे को पेट से संबंधित अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
विशेषज्ञों की राय
चिकित्सकों की मानें तो दूध पिलाने के बाद बच्चों को डकार दिलाना चाहिए, क्योंकि दूध पीते वक्त बच्चे के पेट में वायु का भी प्रवेश होता है और यह पेट में गैस का कारण बन सकता है। डकार न आने के कारण बच्चे को गैस्ट्रोफीगल रीफ्लक्स की समस्या हो सकती है और इसके कारण बच्चे का अपच और दस्त की शिकायत हो जाती है।
बेबीकेयर सेंटर डॉट कॉम के अुनसार स्तनपान और बॉटल से दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार दिलान बहुत जरूरी है, क्योंकि इसके कारण बच्चे को पेट से संबंधित समस्या हो सकती है। डकार न दिलाने से बच्चे के पेट में गैस बनती है और इसके कारण बच्चे चिड़चिड़े भी हो सकते हैं।
स्तनपान और बॉटल से दूध पिलाना
बॉटल से दूध पिलाने की तुलना में स्तनपान पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, इसके कारण मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसके अलावा यदि आप बच्चे को बॉटल से दूध पिलायेंगे तो बच्चे के पेट में अधिक वायु का प्रवेश होगा।
बच्चे को बॉटल से दूध नहीं पिलाना चाहिए, क्योंकि इसके कारण संक्रमण के फैलने की संभावना अधिक होती है। बॉटल से दूध पीने वाले बच्चों में डायरिया की समस्या अधिक देखने को मिलती है। इसलिए हमेशा यही कोशिश होनी चाहिए कि बच्चे को स्तनपान ही करायें।
बच्चे को डकार कैसे दिलायें
यदि आपके बच्चे को दूध पीने के बाद डकार नहीं आ रहा है तो उसे डकार दिलाइए। बच्चे को हमेशा सीधा रखकर ही स्तनपान कराना चाहिए, इससे दूध पीने के थोड़ी देर बाद बच्चा डकार लेता है।
डकार दिलाने के लिए बच्चे को एक तरफ से पकडि़ये, उसके सिर को सीधा रखें, उसे फिर अपने कंधों पर लिटाकर उसकी पीठ को आराम से मालिश कीजिए। ऐसा करने पर बच्चा 10-15 मिनट के अंदर डकार लेता है।
बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसका व्यवहार अवश्य देखें, यदि उसे कोई शिकायत होगी तो वह दिख जायेगी। यदि उसे कोई समस्या होगी तो वह दुखी नजर आयेगा और रोयेगा भी। बच्चे के व्यवहार को कभी भी नजरअंदाज न करें और कोई समस्या हो तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
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