Lunch Na Karne Se Kya Hota: आमतौर पर हमारे यहां यही माना जाता है कि लंच और डिनर करो या न करो, लेकिन नाश्ता जरूर करना चाहिए। शायद यही कारण है कि लोगों का फोकस नाश्ते में अधिक होता है। नाश्ते में हेल्दी और पौष्टिक सब्जियों को अधिक शामिल करते हैं। इससे व्यक्ति पूरा दिन एनर्जेटिक और रिफ्रेशिंग फील करता है। रोजाना नियत समय से नाश्ता करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बीमार होने का जोखिम भी कम हो जाता है। हालांकि, ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो बहुत हैवी नाश्ता करना पसदं करते हैं। लेकिन, लंच छोड़ देते हैं। अब यहां सवाल ये उठता है कि क्या रोजाना लंच न किया जाना सही है? इसका हेल्थ पर किस तरह का असर पड़ता है? आइए, जानते हैं एक्सपर्ट से।
लंच छोड़ने का हेल्थ पर असर- Lunch Na Karne Ke Nuksan
डाइट एन क्योर की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी की मानें, तो जितना जरूरी ब्रेकफास्ट करना होता है, उतना ही जरूरी लंच करना भी होता है। हां, अगर आप दिन भर में छोटी-छोटी मील्स कई बार लेते हैं, तो लंच को लाइट रख सकते हैं। लेकिन, दोपहर का खाना पूरी तरह छोड़ना बिल्कुल सही नहीं होता है। ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लंच छोड़ने से किस तरह के नुकसान हो सकत हैं, जानने के लिए लेख आगे पढ़ें।
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ऊर्जा की कमी
अगर कोई व्यक्ति दिन में भर में सिर्फ तीन हैवी मील लेता है, तो ऐसे लोगों को लंच नहीं छोड़ना चाहिए। दिव्या गांधी कहती हैं, "नाश्ता और लंच के बीच काफी गैप होता है। नाश्ता करने के बाद सीधा डिनर किया जाए, तो इससे व्यक्ति लो एनर्जी फील कर सकता है। इससे दोपहर के समय किए जाने वाले काम की प्रोडक्टिविटी गिर सकती है। यहां तक कि फोकस होकर काम करने में भी दिक्कतें आ सकती हैं।"
मेटाबॉलिज्म का बिगड़ना
दिव्या गांधी के अनुसार, "नियमित रूप से नाश्ता, लंच और डिनर करने से न सिर्फ हेल्थ सही रहती है, बल्कि इसका बहुत अच्छा असर आपकी मेटाबॉलिज्म रेट पर भी पड़ता है। अगर आप रेगुलरी लंच नहीं करते हैं, तो इससे मेटाबॉलिज्म का स्तर गिड़ सकता है। इससे आपकी ओवर ऑल हेल्थ पर नेगेटिव असर दिख सकता है।"
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पोषक तत्वों की कमी
दिव्या गांधी आगे बताती हैं, "कई लोगों को लगता है कि एक समय का मील मिस करने से वे अपने वजन को संतुलित कर सकेंगे। जबकि, ऐसा कभी नहीं होता है। किसी भी समय का खाना स्किन करना स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है। जैसे, अगर आप नियमित रूप से लंच मिस करते हैं, तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। यही नहीं, पोषक तत्वों कमी के कारण शरीर की इम्यूनिटी वीक हो जाती है, जिससे बीमार होने का रिस्क बढ़ जाता है।"
ओवर ईटिंग का रिस्क
अगर आप लंच के समय खाना नहीं खाएंगे, तो इससे कुछ समय बाद भूख बढ़ जाती है। जब ज्यादा भूख लगती है, तो व्यक्ति न चाहते हुए भी ओवर ईटिंग कर बैठते हैं। कई लोग भूख बढ़ने की वजह से अनहेल्दी चीजों का सेवन अधिक कर लेते हैं, जिससे वजन बढ़ने और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं का रिस्क बढ़ जाता है।
ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव
दिव्या गांधी बताती हैं, "अगर आपको किसी तरह की मेडिकल कंडीशन है, तो लंच स्किप करना बिल्कुल सही नहीं है। विशेषक, डायबिटीज के मरीजों की तबीयत बिगड़ सकती है। दरअसल, लंच स्किप करने से ब्लड ग्लूकोज का स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। यह ओवर ऑल हेल्थ के लिए भी सही नहीं है।"
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि लंच स्किप करना सही नहीं है। इसके बजाय, हमेशा बैलेंस्ड डाइट लें। इससे एनर्जी बनती रहती है, मेटाबॉलिज्म का स्तर सही रहता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं।
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