
अगर आपको रात को सोते समय बहुत अधिक पसीना आता है तो इसे हल्के में कतई न लें। क्योंकि यह कई रोगों का इशारा हो सकता है। आमतौर पर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को अचानक से ज्यादा गर्मी महसूस होने लगती है। जिससे उन्हें अचानक से अत्यधिक पसीना आने लगता है। खासतौर पर रात में नींद के दौरान बहुत अधिक पसीना आने लगता है। लेकिन रात में पसीना आना गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) का संकेत भी हो सकता है। चलिये विस्तार से जानें गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज और रात को अधिक पसीना आने के बीच क्या संबंध है?
गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD)
गलत जीवनशैली कई रोगों को बढ़ावा देती है। एसिडिटी की समस्या भी ऐसे ही रोगों में से एक होती है। एसिडिटी को चिकित्सकीय भाषा में गेस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स डिजीज (GERD) के नाम से जाना जाता है। वहीं आयुर्वेद में इसे अम्ल पित्त कहा जाता है। आज के समय में इससे लगभग हर दूसरा व्यक्ति पीड़ित है। एसिडिटी होने पर शरीर की पाचन प्रक्रिया ठीक नहीं रहती होती कई अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं।
जब एसीडिटी होती है तब सीने और छाती में जलन होने लगती है। इसके अलावा गले में जलन और अपचन भी इसके लक्षणों में शामिल होता है। जहां अपचन की वजह से घबराहट होती है, खट्टी डकारें आती हैं। वहीं खट्टी डकारों के साथ गले में जलन-सी महसूस होती है। यह समस्या होने पर अकसर रात को बहुत ज्यादा पसीना भी आने लगता है। अगर गेस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स डिजीज के कारण आपके रात में बहुत पसीना आ रहा है तो यह एक चिंता का विषय है।
इसके कारण
आधुनिक विज्ञान के हिसाब से आमाशय में पाचन क्रिया के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा पेप्सिन का स्राव होता है। सामान्य तौर पर यह अम्ल तथा पेप्सिन आमाशय में ही रहता है और भोजन नली के सम्पर्क में नही आता है। आमाशय तथा भोजन नली के जोड़ पर विशेष प्रकार की मांसपेशियां होती है जो अपनी संकुचनशीलता से आमाशय एवं आहार नली का रास्ता बंद रखती है और कुछ खाते-पीने पर ही खुलती है। जब इनमें कोई खराबी आ जाती है तो कई बार ये खुद ही खुल जाती है और एसिड तथा पेप्सिन भोजन नली में आ जाता है। जब ऐसा बार-बार होता है तो आहार नली में सूजन तथा घाव भी हो जाते हैं।
गेस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स के प्रमुख लक्षण
- रोगी के सीने या छाती में जलन।
- कई बार एसिडिटी के कारण सीने में दर्द भी रहता है, मुंह में खट्टा पानी आता रहता है।
- एसिडिटी के कारण कई बार रोगी ऐसा महसूस करता है जैसे भोजन उसके गले में आ रहा है या कई बार डकार के साथ खाना मुंह में आ जाता है।
- रात में सोते समय इस तरह की शिकायत ज्यादा होती है और बहुत ज्यादा पसीना आता है।
- कई बार एसिड भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है, जिससे मरीज को दमा या खांसी की तकलीफ भी हो सकती है।
- कभी-कभी मुंह में खट्टे पानी के साथ खून भी आ सकता है।
आमतौर पर पसीना आना चिंता का विषय नहीं होता, लेकिन तब परेशान होना जरूरी है जब जरूरत से ज्यादा पसीना आए और वो भी रात में आता हो। दरअसल डॉक्टर्स का मानना है कि रात में अत्यधिक पसीना आना या बैचेनी महसूस करना खतरे की घंटी है। इस समस्या को नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और यदि यह गेस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स के कारण हो तो इसके उपचार के लिये डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें।
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