दूध अपने आप में संपूर्ण आहार है जो आपके शरीर के सारे जरूरी पोषक-तत्वों और विटामिन्स की जरूरतों को पूरा करता है। यह ठंडा, वात और पित्त दोष को बैलेंस करने का काम करता है। इसे रात में पीने से नींद भी अच्छी आती है। दूध भूख शांत करने में मददगार है और मोटापे से भी छुटकारा दिलाता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार पीने के लिए केवल गाय का दूध ही इस्तेमाल करना चाहिए। गाय का दूध जैविक और असली व ताजा होता है। लेकिन कई बार दूध पीने के बाद कुछ लोगों का पेट फूलने लगता है। ये दूध अच्छे से हजम ना होने के कारण होता है। ऐसा दूध की क्वालिटी अच्छी ना होने के कारण होता है जो आज की जमाने की आम स्मस्या है।
पैकेट दूध नहीं होता जैविक और ताजा
अच्छी क्वालिटी का दूध पचने में आसान होता है लेकिन ये शहरों में आसानी से मिलता नहीं इसलिए लोग पैकेट दूध का इस्तेमाल करते हैं। वैसे भी पहले ज़माने के मुकाबले आज कल दूध की क्वालिटी में गिरावट आने की वजह से भी ऐसा हुआ है। कई बार पाचन तंत्र मजबूत नहीं होने के कारण भी दूध ठीक से हजम नहीं हो पाता।
आज अधिकतर लोग पैकेट वाला दूध ही इस्तेमाल करते हैं। पैकेट वाला दूध न ताज़ा होता है और न ही जैविक। जबकि आयुर्वेद के अनुसार ताजा, जैविक और बिना हार्मोन की मिलावट वाला दूध ही शरीर के लिए फायदेमंद होता है। ऐसे में समझा जा सकता है कि पैकेट वाला दूध बिल्कुल पीना नहीं चाहिए। पैकेट वाला दूध चाय बनाने या दही जमान के लिए ही उपयोग करना चाहिए।
कच्चा दूध बिल्कुल न पीएं
कई लोगों को कच्चा दूध पीने की आदत होती है। ताजे दूध को तो कच्चा पीया जा सकता है लेकिन पैकेट वाला दूध कच्चा बिल्कुल भी ना पिएं। कुछ लोग सीधे फ्रिज से दूध निकालकर बिना उबाले ही पी लेते हैं। ये सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार दूध हमेशा गर्म कर ही पीना चाहिए और जब बात पैकेट वाले दूध की हो तो उसे तो उबाल कर पीने में ही खराबी है।
हर तरह के दूध पहले उबालें जरूर
दूध किसी भी तरह का हो उसे पीने से पहले उबालें जरूर। क्योंकि कच्चा दूध भारी होता है उसमें पानी मिलाकर, उबालें और फिर पिएं। ऐसा दूध आसानी से पच भी जाता है। जिन लोगों को दूध हजम नहीं होता वो दूध में हल्का अदरक, लौंग, इलायची, केसर, दालचीनी और जायफल आदि मिलाएं। ये सारी चीजें आपकी पेट की गर्मी बढ़ा देंगी जिससे दूध आसानी से हजम हो जाएगा।
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