Is buttermilk good for children : गर्मियों का मौसम अपने साथ लू, हीट और ड्राईनेस लेकर आता है। गर्मी जितनी वयस्कों के लिए चैलेंज फुल होती हैं, उससे कहीं ज्यादा बच्चों के लिए मानी जाती है। गर्मियों में बाहर धूप में खेलने की वजह से लू, डिहाइड्रेशन, उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं बच्चों को हो सकती हैं। गर्मियों में होने वाली परेशानियों से बच्चों को बचाने के लिए छाछ को शामिल करना बहुत फायदेमंद होता है। दही और हल्के-फुल्के मसालों के साथ तैयार की गई छाछ न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि पाचन तंत्रिका और संपूर्ण स्वास्थ्य (Buttermilk Benefits for Kids) को भी बेहतर बनाती है।
बच्चों को छाछ पिलाने के फायदे - Health benefits of Buttermilk for Kids
1. शरीर को दे ठंडक
जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की डाइटिशियन प्रांजल कुमत (Pranjal Kumat, Dietitian, Mahatma Gandhi Hospital, Jaipur) के अनुसार, गर्मियों में बच्चों का शरीर जल्दी गर्म हो जाता है, जिससे चिड़चिड़ापन, आलस्य और बेचैनी हो सकती है। छाछ में कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन B12 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। गर्मियों में बच्चों को छाछ पिलाने से शरीर को अंदर से ठंडक मिलती है। यह बच्चों को अंदर से तरोताजा और एनर्जेटिक महसूस करता है।
इसे भी पढ़ेंः बच्चों को जरूर खिलाना चाहिए मोटा अनाज, सेहत को मिलते हैं ये 5 फायदे
टॉप स्टोरीज़
2. पाचन क्रिया को बनाए दुरुस्त
तापमान ज्यादा होने के कारण गर्मियों में पाचन क्रिया सुस्त हो जाती है। इससे पेट में दर्द, कब्ज, गैस और अपच की परेशानी होती है। गर्मियों में होने वाली पाचन संबंधी परेशानियों से राहत दिलाने में भी छाछ बहुत फायदेमंद होती है। छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स बच्चों की पाचन क्रिया को सुधारते हैं।
इसे भी पढ़ेंः इन 5 चीजों को मिलाकर घर पर बनाएं हर्बल शैंपू, बालों को मिलेंगे कई फायदे
3. इम्यूनिटी बनाए स्ट्रांग
छाछ में दही की तरह ही प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो बच्चों की इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। गर्मियों में बच्चों को छाछ पिलाने से शरीर को होने वाले संक्रमण से बचाव होता है। यह सर्दी, खांसी और जुकाम की परेशानी को भी दूर रखता है।
इसे भी पढ़ेंः जन्म के तुरंत बाद शिशु को नए के बजाय पुराने कपड़े क्यों पहनाए जाते हैं? डॉक्टर से जानें वजह
4. डिहाइड्रेशन को करता दूर
धूप में खेलने के कारण बच्चों को पसीना भी ज्यादा आता है। पसीने के कारण शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स निकलता है। इसकी वजह से डिहाइड्रेशन की परेशानी होती है। छाछ बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाता है। छाछ में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे पोटेशियम और सोडियम) बच्चों को अंदर से स्ट्रांग बनाते हैं। डाइटिशियन प्रांजल कुमत की मानें, तो छाछ में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो बच्चों को गर्मी में होने वाली शारीरिक थकान को दूर करते हैं।
5. स्किन प्रॉब्लम को करता है दूर
छाछ का सेवन बच्चों की त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। छाछ में मौजूद पोषक तत्व बच्चों को गर्मी में होने वाले रैशेज, घमौरियों और जलन को कम करते हैं। छाछ शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाती है, जिससे स्किन प्रॉब्लम दूर होती है।
इसे भी पढ़ेंः शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है प्रदूषित हवा, पेरेंट्स इन 5 बातों का रखें ध्यान
छाछ को बच्चों कितनी मात्रा में दें- How much buttermilk should be given to children
डाइटिशियन प्रांजल कुमत का कहना है कि गर्मियों में एक संतुलित मात्रा में छाछ पिलाना चाहिए। आइए जानते हैं किस उम्र के बच्चों को रोजाना कितनी मात्रा में छाछ देना सुरक्षित होता है।
1 साल के बच्चे : अगर बच्चे की उम्र 1 साल या उससे अधिक है, तो रोजाना 70 से 100 मिलीलीटर छाछ देना उपयुक्त है।
2 से 5 साल के बच्चे: 100–150 मिलीलीटर छाछ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
6 से 10 साल के बच्चे: 150–200 मिलीलीटर छाठ रोजाना दी जा सकती है।
ध्यान रहे कि छाछ की तासीर ठंडी होती है, इसलिए 1 साल से पहले बच्चों को छाछ बिल्कुल न दें। एक बार बहुत सारी छाछ भी बच्चों को देने से बचें। एक बार ज्यादा छाछ पीने से बच्चों को सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः बच्चे की दूध की बोतल साफ करते समय जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान, वरना बीमार पड़ सकता है बच्चा
छाछ का सेवन करना कब ज्यादा फायदेमंद है? When To Drink Buttermilk
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो, बच्चों को दोपहर के खाने के बाद या दोपहर के खाने के साथ देना बहुत फायदेमंद होता है। बच्चों को रात के समय छाछ बिल्कुल भी नहीं देनी चाहिए। रात के समय तापमान कम होता है और छाछ की तासीर ठंडी होती है। रात में बच्चों को छाछ पिलाने से सर्दी-जुकाम की संभावना बढ़ सकती है।
इसे भी पढ़ेंः सिर्फ भूख नहीं इन 3 कारणों से भी मुंह में उंगली डालता है बच्चा, डॉक्टर से जानें इसके बारे में
निष्कर्ष
गर्मियों में छाछ बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। छाछ बच्चों के शरीर को अंदर से ठंडा रखकर, पाचन सुधारती है, डिहाइड्रेशन से बचाती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है। लेकिन गर्मियों में बच्चों को रोजाना एक सीमित मात्रा में ही छाछ देना चाहिए।
FAQ
छाछ कब नहीं पीनी चाहिए?
छाछ की तासीर ठंडी होती है। इसलिए इसका सेवन रात को करने से बचना चाहिए। रात को छाछ का सेवन करने से सर्दी, खांसी और संक्रमण से जुड़ी अन्य बीमारियां हो सकती हैं।छाछ में जीरा मिलाकर पीने के फायदे
छाछ में जीरा मिलाकर पीने से पाचन तंत्रिका को दुरुस्त बानने में मदद मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट प्रांजल कुमत के अनुसार, जीरा में प्राकृतिक पाचन एंजाइम होते हैं जो छाछ के प्रोबायोटिक्स के साथ मिलकर गैस, अपच, पेट फूलना और एसिडिटी को दूर करते हैं।बच्चों को छाछ देने से नुकसान होता है?
बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए छाछ बहुत फायदेमंद होती है। लेकिन अगर बच्चों को ज्यादा मात्रा में छाछ पिलाई जाए, तो यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। ज्यादा छाछ पीने से बच्चों को सर्दी, खांसी और बुखार की परेशानी हो सकती है।