अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर (ADHD) नाटकीय रूप से किसी रिश्ते को प्रभावित कर सकता है। शोध भी बताते हैं कि 'एडीएचडी' से पिड़ित किसी व्यक्ति के तलाक होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। शोध इस ओर भी इशारा करती हैं कि इस विकार के साथ लोगों के रिश्तों में अक्सर परेशानियां पैदा हो जाती हैं। आइये जानते हैं कि 'एडीएचडी' क्या है, और ये किसी रिश्ते को कैसे प्रभावित कर सकता है।
कई लोग मानते हैं कि 'एडीएचडी' केवल बचपन में ही होने वाली एक समस्या है, जबकि बचपन में 'एडीएचडी' से पीड़ित लगभग आधे लोगों को यह समस्या बड़े हो जाने पर भी सताती है। यह सच है कि यह विकार आपके रिश्ते को नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से आप इस विकार पर काबू करते हुए अपने रिश्ते को बचा सकते हैं।
बच्चों को कोई कार्य करने में परेशानी के अलावा ये विकार बड़ों के रिश्तों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। एडीएचडी ग्रस्त कई वयस्कों का कभी निदान नहीं किया जोता है। जब तक आपको अपने 'एडीएचडी' विकार का पता नहीं चलता है जब तक आपको इसका सही इलाज नहीं मिल सकता है। और इसका बुरा प्रभाव अपके रिश्तों को भुगतना पड़ता है।
कैसे करता है 'एडीएचडी' किसी रिश्ते को प्रभावित ?
एडीएचडी का विशेष लक्षण में विस्मृति, असावधानी, किसी काम को पूरा करने में कठिनाई और बेपरवाही आदि शामिल होते हैं। जो लगातार होने पर आपके रिश्ते पर कहर बरपा सकते हैं। घर में बच्चों के होने पर तो ये सारे मुद्दे और भी अधिक जटिल हो सकते हैं।
नीचे हम कुछ ऐसी समस्याओं की बात करेंगे जो आपके साथी को एडीएचडी होने पर, आपको झेलनी पड़ सकती हैं।
सुनने और ध्यान देने में कठिनाई
एडीएचडी से पीड़ित किसी व्यक्ति को कोई बात करने या समझाने में समस्या या हो सकती है। इस विकार के कारण आपके साथी को वह क्या कहना चाहता है, या उसकी बात का कोई फर्क नहीं पड़ता है या वह महत्वपूर्ण है कि नहीं, जैसे निर्णय लेने में समस्या होती है।
कोई काम पूरा करने में समस्या
एडीएचडी कमजोर संगठनात्मक कौशल और भुलक्कड़प का कारण बनता है। एडीएचडी से पीड़ित कोई व्यक्ति अपकी पत्नी का जन्मदिन या अपनी शादी की सालगिरह याद नहीं रखपाता है, या अपनी पत्नी से किए किसी वादे को भूल सकता है। इस प्रकार की चीजें रिश्तों में खटास पैदा कर देती हैं।
जिम्मेदारियों को निभाने में अक्षमता
एडीएचडी वाला कोई व्यक्ति अक्सर जरूरी काम करना भूल जाता है। जैसे बिलों का भुगतान करना, बच्चे को स्कूल से लाना, पत्नी को क्लिनिक ले जाना आदि।
आवेपूर्ण व्यवहार
एडीएचडी के साथ लोगों को उत्तेजना होती रहती है। जिस कारण काम करते समय वे विवेकपूर्ण निर्णय नहीं ले पाते हैं। इस लापरवाह, गैर जिम्मेदार व्यवहार के चलते कुछ गंभीर गलतियां कर बैठता है, जैसे कार में बच्चों के साथ भी तेजी से ड्राइविंग करना आदि।
हालांकि इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। एडीएचडी के इलाज का पहला कदम इसके लक्षणों को पहचानना है। यदि आपको इसके लक्षण नज़र आते हैं तो जल्द किसी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक को दिखाएं।
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