क्या 6 महीने के बच्चे को दूध में चीनी मिलाकर देना चाहिए, एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे और नुकसान के बारे में

6 महीने के बच्चे को दूध में चीनी मिलाकर पिलाने से उन्हें कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इसके अलावा उनके आदतों पर भी असर पड़ सकता है। 
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क्या 6 महीने के बच्चे को दूध में चीनी मिलाकर देना चाहिए, एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे और नुकसान के बारे में

चीनी का उपयोग आमतौर पर खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि 6 महीने के बच्चे या उससे बड़े बच्चों को खाने का स्वाद मिल सके लेकिन जैसा कि हम सभी जानते है कि दूध में  चीनी की मात्रा डालकर उसका सेवन करने से छोटे बच्चे को नुकसान हो सकता है। हालांकि यह वयस्कों के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। इससे कई गंभीर बीमारियां और आदतें खराब होने की आंशका रहती है। शिशुओं के दूध में चीनी का उपयोग करने से पेरेंट्स को परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती है, जैसे दांतों की सड़न, इम्यून सिस्टम पर प्रभाव और मोटापा भी बढ़ सकता है। 6 महीने के बच्चे के खाद्य पदार्थ की मिठास आप कई तरीके से बढ़ा सकते हैं, जिसकी मदद से दूध टेस्टी और हेल्दी बना सकते है। इसके बारे में हमने विस्तार से बात की गुड़गांव डीएलएफ फेज-1 में कार्यरत कंसल्टेंट पीडियाट्रीशियन वाणी वशीर से। 

6 महीने के बच्चे को दूध में चीना मिलाकर देने के नुकसान

1. दांतों में सड़न

बच्चे को दूध में चीनी मिलाकर देने से उनके दांतों में दर्द और कैविटी हो सकती है। दरअसल छोटे बच्चों के मुंह में मिठास रह जाने से दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले  बैक्टीरिया पनपने लगते है और उनके दांतों और मसूड़ों को कमजोर बना सकते हैं। इससे मसूड़ों में दर्द की परेशानी भी हो सकती है। 

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2. मोटापा

छोटे बच्चे के आहार में बहुत अधिक चीनी का उपयोग करने से वे अधिक कैलोरी का सेवन कर लेते हैं। इससे शरीर में वसा जमा हो सकती है। खासकर अगर आपका बच्चा उतना एक्टिव नहीं है, तो ये उसके लिए और नुकसानदायक साबित हो सकता है। मोटापे से बच्चे को और कई परेशानियां भी हो सकती है। 

3. डायबिटीज

छोटे बच्चों को दूध में चीनी डालकर देने से उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है। यह उनके रक्त में शुगर के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ा सकता है और बड़े होने पर या बचपन में ही उन्हें डायबिटीज की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा बच्चा बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं। ऐसे में उनके लिए इसे डाइजेस्ट करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। 

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4. हाइपरएक्टिव

हालांकि चीनी बहुत जल्दी रक्त में अवशोषित हो जाती है। दूध में अधिक चीनी डालकर इसका सेवन करने से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है और यह उच्च एड्रेनालाईन स्तर को बढ़ावा देता है और बच्चों में अति सक्रियता का कारण बनता है।

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5. सुस्ती

हाई ब्लड शुगर के लेवल के कारण इंसुलिन नामक हार्मोन का अधिक उत्पादन हो सकता है, जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है। बहुत अधिक इंसुलिन ब्लड शुगर के स्तर में अचानक गिरावट का कारण बन सकता है, जिससे बच्चे में सुस्ती, निष्क्रियता और थकान हो सकती है।

छोटे बच्चों के लिए ऐसे बनाएं डिश 

बच्चे को दूध में चीनी की जगह शहद या मिश्री का इस्तेमाल कर सकते हैं। शहद में नैचुरल मिठास होती है। इसकी बेहद संतुलित मात्रा के उपयोग से आप बच्चे को मीठे का स्वाद भी दे सकते हैं और ये स्वास्थ्य को भी नुकसान नहीं पहुचाते हैं। इसके अलावा आप ज्यादातर चीजों में बच्चे को फलों की नैचुरल मिठास देने की कोशिश करें क्योंकि इसे बच्चा आसानी से पचा पाता है और ये शरीर के लिए फायदेमंद भी होती है। इसके अलावा आप दूध में सूखा मेवा मिलाकर भी दूध को मीठा बना सकते हैं।

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