धुआंरहित तंबाकू घोंट रहा है भारत का दम!

भारत में करीब 20 करोड़ लोग धुआंरहित तंबाकू का सेवन करते हैं, इस पर रोकथाम और इसके खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने में जुटे हैं देश के स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन।
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धुआंरहित तंबाकू घोंट रहा है भारत का दम!

भारत में करीब 20 करोड़ लोग धुआंरहित टोबैको (स्मोकलेक टोबैको) का सेवन करते हैं। ये आंकड़ा दुनिया भर में स्मोकिंग पर रोकथाम की कोशिशों में जुटे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए चिंता का विषय है।



भारत में खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग विभिन्न तरीकों से धुआंरहित तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें खैनी, पान मसाला, गुटखा आदि शामिल हैं, जोकि सीधे तौर पर कैंसर पैदा करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक इन तंबाकू पदार्थों का उत्पादन करने वाली कंपनियों को इनके पैकेट्स के 85 फीसदी हिस्से पर सेहत संबंधी हानिकारक प्रभाव से जुड़ी चेतावनी को चित्रत करना जरूरी होता है। लेकिन ऐसा किए जाने के बावजूद बड़ी मात्रा में इन तंबाकू उत्पादों को सेवन जारी है।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने चबाए जाने वाले तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर बैन लगा दिया था और फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को इस नियम को सख्ती से लागू कराए जाने का निर्देश दिया था।

भारत सरकार ने धुआंरहित तंबाकू के लिए नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रीवेंशन ऐंड रिसर्च (NICPR) में एक ग्लोबल नॉलेज हब की स्थापना की है। ये नॉलेज हब धुआंरहित तंबाकू के संबंध में जानकारियां उपलब्ध कराता है।

स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कराए गए ग्लोबल अडल्ट टोबैको (GATS) सर्वे के मुताबिक देश में 15 वर्ष व उससे ज्यादा की उम्र के करीब 35 फीसदी लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं, इनमें पुरुषों की संख्या करीब 48 फीसदी और महिलाओं की 20 फीसदी है।  

GATS के मुताबित देश के करीब 20 करोड़ लोग धुआंरहित तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय धुआंरहित तंबाकू के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है और हिंदी और अंग्रेजी में बनाए गए पोस्टर्स के साथ-साथ रेडियो, टीवी, स्कूल, रेलवे, अस्पताल और विभिन्न सार्वजनिक जगहों पर इनका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

साथ ही स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय तंबाकू की रोकथाम के लिए होने वाले कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज के सातवें सत्र में ये मुद्दा प्रमुख रूप से उठाएगा। ये सत्र विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तंबाकू पर रोकथाम के लिए आयोजित होने वाले कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल सम्मलेन के दौरान आयोजित होगा।


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