इलाज की गारंटी देने वाले विज्ञापन से फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने डॉक्टरों से ऐसा ना करने की अपील की है। आईएमए ने एक सर्कुलर जारी कर डॉक्टरों से अपील की है कि वो किसी भी तरह के इलाज की गारंटी देने वाला विज्ञापन ना लगायें। दरअसल इन विज्ञापनों से लोगों के बीच भ्रम फैलता है और किसी भी इलाज की गारंटी कोई नहीं दे सकता ।
यह सर्कुलर महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के एक डीसिजन के बाद आया जिसमें महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने एक डॉक्टर दंपती को अपनी वेबसाइट पर प्रेगनेंसी की गारंटी देने वाला विज्ञापन देने के कारण तीन महीनों के लिए सस्पेंड कर दिया है।
एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ने कि थी शिकायत
दंपती द्वारा दिए गए विज्ञापन के खिलाफ भारत के एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से शिकायत की थी। काउंसिल की शिकायत को सुनने के बाद महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल की एक्जीक्यूटिव कमिटी ने दंपती को कुछ महीनों के लिए सस्पेंड करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने इस डॉक्टर दंपती का लाइसेंस जून महीने के अंत तक के लिए रद्द कर दिया है।
ड्रग्स और मैजिक रेमिडिस एक्ट के अनुसार किसी भी डॉक्टर के द्वारा मीडिया में किसी भी तरह का विज्ञापन देना वर्जित है।
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