थोड़ा देर से ही सही लेकिन गर्मी ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां कोरोनावायरस के डर से लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हैं तो वहीं लगातार बढ़ रही गर्मी से राहत पाने के लिए एसी और कूलर का सहारा ले रहे हैं। कूलर में बार-बार पानी डालने की समस्या लोगों को एसी लगाने और चंद मिनटों में कमरे को ठंडा करने में मदद करती है। लेकिन बहुत से लोग गर्मी के कारण एसी का टेम्पेरेचर काफी कम कर देते हैं, जिसके कारण कभी-कभार वे ठंडा-गर्म जैसी समस्या का शिकार हो जाते हैं। मौसम में बदलाव के दौरान अगर आप बहुत जल्दी-जल्दी ज्यादा या कम तापमान में जाते हैं, तो आपको कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
दरअसल गर्मियों में लंबे-लंबे और थका देने वाले दिनों में अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच सही संतुलन बिठाने के लिए हम सभी रात में अच्छी नींद या बेहतर तरीके से सोने का प्रयास करते हैं। रोजाना रात को 6 से 7 घंटों की अच्छी नींद न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है बल्कि ये हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा जरूरी होती है। अब जरा कल्पना कीजिए आप बहुत ज्यादा थके हुए हैं और किसी तरह अपने सभी काम को पूरा कर चैन की नींद सोना चाहते हैं। लेकिन जैसे ही आप सोने के लिए बिस्तर पर जाते हैं आप एक पल भी पलक नहीं झपका पाते।
अगर आपने अपने कमरे में एसी लगाया हुआ है और अगली दवा जब भी ऐसी किसी स्थिति में फंस जाते हैं, जिसमें आपकी थकी हुई है लेकिन बंद होने का नाम नहीं ले रही तो अपने कमरे का तापमान एडजस्ट करिए और देखिए कमाल। ऐसा करने से आपको जल्द ही नींद आ जाएगी और आप पहले से बेहतर तरीके से सो पाएंगे।
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क्या होना चाहिए का आइडियल टेम्परेचर
साइंस के मुताबिक, रात के वक्त हमारे बेडरूम में लगे एसी का तापमान करीब 67 डिग्री फेहरेनाइट यानी की 19 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। ये तापमान न तो ज्यादा ठंडा होता है और न ही ज्यादा गर्म इसलिए इस तापमान पर सोना आपके लिए ज्यादा आसान होता है और आपको नींद भी अच्छी आती है।
हमारी नींद को कैसे प्रभावित करता है रूम का टेम्परेचर
हममें से ज्यादातर लोग इस बात को बिल्कुल भी नहीं जानते होंगे लेकिन हमारे कमरे का तापमान यानी की रूम टेम्परेचर रात में हमारी मीठी सी नींद को खराब कर सकता है और हमें बार-बार करवट तक बदलने पड़ सकती है। हालांकि कुछ लोगों के लिए अच्छी नींद पाने का तरीका सोने से पहले अपने रूम टेम्परेचर को सेट करना होना चाहिए। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा शरीर रात को सोने से पहले ठंडा होना शुरू कर देता है। शरीर के ठंडा होने की प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक ये सुबह 5 बजे तक अपने निम्न बिंदु पर नहीं पहुंच जाता।
दरअसल हमारी त्वचा के नीचे मौजूद रक्त वाहिकाओं का विस्तार कर हमारा शरीर ठंडा हो जाता है। अगर सोते समय कमरे का तापमान बहुत अधिक गर्म या बहुत ठंडा होता है, तो यह हमारी नींद को बाधित करते हुए शरीर के आंतरिक तापमान को प्रभावित करता है। इसलिए ठंडा कमरा हमारे शरीर को आसानी से सेटल होने और रात भर शांति से सोने में मदद करता है। वहीं बात करें शिशुओं की तो उन्हें वयस्कों की तुलना में थोड़ा अधिक कमरे के तापमान की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन वे फिर भी इसे मैनेज कर सकते हैं कि क्या उन्होंने पूरे कपड़े पहने होते हैं।
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अच्छी नींद के लिए आप और क्या कर सकते हैं
अपने कमरे के तापमान को एडजस्ट करने के अलावा आप ये सुनिश्चित करें कि आपके बेडरूम में अंधेरा और शांति हो। इसके अलावा आपका गद्दा आरामदायक होना चाहिए और विशेषकर गर्मी के मौसम में कॉटन बेडशीट का उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए।
इन सभी कामों को करने के बाद भी, अगर आपको सोने में मुश्किल हो रही है तो मोजे पहनें और अपने पैरों के पास पानी की एक गर्म बोतल रखें। अगर आपको अक्सर सोने में दिक्कत हो रही है या फिर अक्सर आप दो-तीन घंटों के बाद जाग जाते हैं तो कुछ घरेलू उपचार आज़माएं या अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
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