ICMR ने बैलेंस डाइट के लिए निकाला My Plate कॉन्सेप्ट, जानें डाइट में हेल्दी ऑयल्स शामिल करना क्यों है जरूरी

अपनी नियमित डाइट में 20 से 30 प्रतिशत फैट्स, 10 से 15 प्रतिशत तक प्रोटीन के साथ ही साथ 50 से 60 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट्स भी शामिल करना चाहिए। 
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ICMR ने बैलेंस डाइट के लिए निकाला My Plate कॉन्सेप्ट, जानें डाइट में हेल्दी ऑयल्स शामिल करना क्यों है जरूरी

फिट रहने के लिए संतुलित आहार लेना काफी जरूरी होता है। खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए लोग आमतौर पर अपनी नियमित डाइट में से फैट की मात्रा को कम कर देते हैं, जबकि करना सही नहीं है। फैट शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसे देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ने My Plate का सुझाया है। इस कॉन्सेप्ट के पीछे का मकसद लोगों को पोषक तत्वों से भरपूर आहार और हेल्दी फैट्स की अहमियत के प्रति जागरुक करना है।   

क्या है माय प्लेट? What is My Plate

आईसीएमआर ने My Plate कॉन्सेप्ट पहली बार साल 2018 में सुझाया। इसके अंतर्गत लोगों को हेल्दी थाली, फैट्स और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेने के लिए जागरुक किया जाता है। दरअसल, My Plate के मुताबिक आपके द्वारा खाए जाने वाले खाने में 20 से 30 प्रतिशत फैट्स, 10 से 15 प्रतिशत प्रोटीन के साथ ही 50 से 60 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट्स भी होना चाहिए। इसे और हेल्दी बनाने के लिए आप डाइट में दही, छाछ आदि भी शामिल कर सकते हैं। नियमित तौर पर इस तरह की डाइट लेने के साथ अगर आप एक्सरसाइज करते हैं तो इससे स्ट्रोक हाइपरटेंशन, डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा काफी कम होता है। 

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हेल्दी ऑयल चुनना क्यों है जरूरी? 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक हेल्दी ऑयल का सही चुनाव करना सेहत को दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह फैट सॉल्यूबल विटामिन्स को अवशोषित करने के साथ ही साथ सेल्यूलर मेटाबॉलिज्म को भी ठीक रखते हैं। आमतौर पर लोग सैचुरेटेड फैट ऑयल का इस्तेमाल करते हैं, जबकि इसके बजाय अनसैचुरेटेड फैट जैसे मूंगफली के तेल, जैतून के तेल, सूरजमुखी के बीज के तेल, मकई और सोया के तेल में हेल्दी और अच्छे फैट्स की मात्रा होते हैं, जो हार्ट के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी हेल्दी रखने में मददगार होते हैं। 

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लोगों को होना चाहिए सक्रिय 

आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन के मुताबिक लोगों को अपने खान-पान के प्रति जागरूक और सक्रिय होना चाहिए। डाइट में किए जाने वाले छोटे-छोटे बदलाव भी आगे चलकर सेहत के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। 

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