पूरी दुनिया में बहुत सारे लोग थायराइड से जुड़ी समस्याओं से प्रभावित हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जो गर्दन के सामने के हिस्से में पाए जाने वाली थायराइड ग्लैंड को प्रभावित करती है। जब थायराइड हार्मोन सही मात्रा में उत्पादित न हों, तो इससे जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। असल में थायराइड रोग दो प्रकार से हो सकते हैं, हाइपर थायरायडिज्म और हाइपो थायरायडिज्म। हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में बहुत अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन होने लगता है। इसके अलावा हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में हार्मोन कम उत्पादित होता है, जिससे हमारे शरीर में कई तरह की स्वास्थ समस्याएं हो सकती हैं। आज हम हाइपोथायरायडिज्म के विषय में बात करेंगे। सरोज हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के डॉक्टर एस के मुद्रा के अनुसार हाइपोथायरायडिज्म थायरॉयड की ऐसी स्थिति है जिसमें ये ग्लैंड जरूरी हार्मोन का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाती है। इसका पहली स्टेज के अंदर पता चलने पर इलाज जरूरी है। लेकिन अगर इसको सामान्य समझ कर छोड़ दिया जाता है, तो यह शरीर में मोटापा, जोड़ों में दर्द, बांझपन और हार्ट से संबंधित रोगों के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी पैदा कर सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण?
मुंह पर नोटिस करें यह लक्षण:
- लिक्विड चीज को पीने में परेशानी और थकान होना
- ज्यादा ठंड लगना
- मानसिक तनाव
- चेहर में बदलाव यानी इस स्थिति में व्यक्ति के चेहरे के हाव भाव सुस्त हो जाते हैं।
- आवाज निकलने में परेशानी होना या आवाज धीमी हो जाना
- आंखें और चेहरा फूला हुआ रहना आदि।
हाइपोथायरायडिज्म के कारण
हार्मोन का उतार-चढ़ाव के कारण ही हाइपोथायरायडिज्म से चेहरे के लक्षण दिखाई देते हैं। थायरॉइड के स्तर का नीचे होने के कारण हमारी पलकें लटकी रहती हैं चेहरा फूला हुआ और सूजा हुआ होता है।
बालों में आने वाले बदलावों को नोटिस करें
आई ब्रो और सिर के बाल भी हाइपोथायरायडिज्म का संकेत दे सकते हैं। इन बालों का झड़ना इसका एक बड़ा संकेत हो सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म का कारण
यह रोग T3 और T4 हार्मोन के उत्पादन में गड़बड़ी के कारण होता है, जो हमारे बालों के विकास के साथ-साथ कई शारीरिक कार्यों को कंट्रोल में करते हैं। अगर व्यक्ति को यह पता नहीं है कि उसके चेहरे के हाव भाव में बदलाव हाइपोथायरायडिज्म के कारण हो रहा है तो वह इन लक्षणों को अपने शरीर में देख सकता है।
कुछ अन्य लक्षण
- व्यक्ति के शरीर में थकान होना
- अचानक से वजन बढ़ाना
- आवाज में बदलाव होना
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना
- मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने के साथ साथ दर्द और जकड़न होना
- महिलाओं में ज्यादा दिन तक पीरियड्स होना
- हार्ट बीट का धीमा होना
- याददाश्त कमजोर होना
- कब्ज होना
- ड्राई स्किन होना
हाइपोथायरायडिज्म का क्या है इलाज?
कुछ लोग मानते हैं कि हाइपोथायरायडिज्म को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन इस स्थिति को खतरनाक रूप को बढ़ने से रोका जा सकता है। सबसे अच्छा तरीका है कि लक्षणों पर ध्यान दें और जब लक्षण दिखने लगें, तो डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर इस स्थिति का जल्द इलाज करने के लिए सलाह देगा। डॉक्टर इसे प्रभावी ढंग से और समय पर इसका इलाज करने के लिए अलग अलग टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। लक्षणों की पहचान करने के साथ-साथ शारीरिक परीक्षण और कुछ ब्लड टेस्ट करा सकते है।
इसलिए जैसे ही आपको इसके लक्षणों का पता चले या फिर थायरॉयड पर एक गांठ या गांठ में बढ़ाव दिखाई देता हैं, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए।