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हाई ब्लड प्रेशर बन सकता है आंखों की गंभीर समस्या 'हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी' का कारण, जानें इसके बारे में

हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या हाई ब्लड प्रेशर के कारण हो सकती है, जानें हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
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हाई ब्लड प्रेशर बन सकता है आंखों की गंभीर समस्या 'हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी' का कारण, जानें इसके बारे में

आज के समय में असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली की वजह से लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अगर लंबे समय तक बनी रहती है तो इसकी वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लोगों को ये लगता है कि हाई ब्लड प्रेशर की वजह से सिर्फ हृदय से जुड़ी समस्याएं होती हैं। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से आंख से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण आंखों से जुड़ी गंभीर समस्या हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी का खतरा रहता है। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या (Hypertensive Retinopathy in Hindi) में आपकी आंखों को रेटिनल डैमेज का सामना करना पड़ता है। जानें हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी क्या है? (What is Hypertensive Retinopathy?)

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के कारण आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारी हो सकती है। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या में रेटिना में मौजूद रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है। दिल्ली के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ के के कपूर के मुताबिक जब हाई ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा दिनों तक बनी रहती है तो इसकी वजह से आंखों की रक्त वाहिकाएं मोती या सख्त हो जाती हैं। इसकी वजह से रेटिना को पर्याप्त रक्तप्रवाह नहीं मिलता है जिसकी वजह से आंखों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलता है। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या की वजह से आपके आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है।

Hypertensive-Retinopathy

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हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी का कारण (What Causes Hypertensive Retinopathy)

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के कारण आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है। इसकी वजह से आपको हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या हो सकती है। यह समस्या ऐसे लोगों में ज्यादातर देखने को मिलती है जो लंबे समय तक स्मोकिंग करते हैं और जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से आंख की रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है और जिसकी वजह से आंखों में ये समस्या होती है। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या के प्रमुख जोखिम कारक इस प्रकार से हैं।

  • लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या।
  • हार्ट की बीमारी।
  • डायबिटीज के साथ हाई ब्लड प्रेशर।
  • स्मोकिंग और तंबाकू उत्पादों का सेवन।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल।
  • अधिक वजन।
  • हाई सोडियम फूड्स का सेवन।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी।
  • तनावपूर्ण जीवन शैली।

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हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी के लक्षण (Hypertensive Retinopathy Symptoms in Hindi)

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से होने वाली हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या में आपकी आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है। इसकी वजह से आपकी रेटिना को नुकसान होता है। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या में आपकी आंखों में दर्द और जलन की समस्या भी हो सकती है। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या के प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • आंख में सूजन की समस्या।
  • नजर का कमजोर होना।
  • रक्त वाहिका का फटना।
  • गंभीर सिरदर्द।
  • दोहरी दृष्टि की समस्या।
  • स्थायी धमनी संकुचन।
  • ब्लीडिंग।
  • ऑप्टिक डिस्क एडिमा।

हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी का इलाज और बचाव (Hypertensive Retinopathy Treatment And Prevention)

हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या में सबसे पहले डॉक्टर आपकी जांच करते हैं जिसके बाद इलाज किया जाता है। इस समस्या से बचाव के लिए सबसे पहले आपको ब्लड प्रेशर नियंत्रित जरूर करना चाहिए। इस समस्या से बचने के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़े जरूरी बदलाव करने चाहिए। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की समस्या से बचने के लिए आपको डाइट में हरी सब्जियां और फल शामिल करने चाहिए। इस समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर बीटा ब्लॉकर, और रक्तचाप को नियंत्रित करने की दवाएं दे सकते हैं। इस समस्या में हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए नमक का कम सेवन करना चाहिए। 

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अगर आप उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या से ग्रस्‍त हैं तो आपको इससे संबंधित कई खतरे हो सकते हैं। उच्‍च रक्‍तचाप के कारण दिल के दौरे और दिल संबंधित बीमारियों के होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा इस समस्‍या से ग्रस्‍त लोगों को कोलेस्‍ट्रॉल और डायबिटीज की जांच करानी चाहिए। उच्‍च रक्‍तचाप के कारण कई अन्‍य बीमारियां होने की संभावना भी रहती है। हाई ब्लड-प्रेशर में रोगी की याद्दाश्‍त पर असर हो सकता है, जिसे डिमेंशिया कहा जाता है। इसमें रोगी के मस्तिष्क में खून की आपूर्ति कम हो जाती है, और सोचने-समझने की शक्ति घटती जाती है।  इसलिए आपको हमेशा हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(All Image Source - Freepik.com)

 

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